Author Archives: astrobix

मेष राशि के गुरू को अगर सूर्य-चंद्रमा-मंगल देखते हों तो ये होगा असर

धर्मिष्ठमनृतभीरूं विख्यातसुतं महाभाग्यं। भौमगृहे रविदृष्टो ह्मतिरोमचितं गुरू: कुरूते ।। मेष राशि में स्थित गुरू पर सूर्य की दृष्टि हो तो जातक धार्मिक कर्म करने वाला सदाचरण से युक्त होता है. व्यक्ति सभी के साथ मित्रता पूर्ण व्यवहार करता है. स्वभाव … Continue reading

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मंगल जब तुला, वृश्चिक, धनु राशि को देखता है तो देता है ये फल

तुलागत मंगल फल | Mars Aspecting Libra तुलागत मंगल के होने पर जातक अधिकतम यात्राओं में अपना समय व्यतीत करता है. जहां एक ओर मंगल आक्रामक ग्रह के रूप में जाना जाता है इस राशि में उसका स्वरूप ऎसा नहीं … Continue reading

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सिंह लग्न का तीसरा नवांश | Third Navansh of Leo Ascendant

सिंह लग्न का तीसरा नवांश मिथुन राशि का होता है, इस नवांश के स्वामी ग्रह बुध हैं. सिंह लग्न के तीसरे नवांश में जन्म लेने के प्रभावस्वरूप जातक की बनावट सुंदर होती है जातक के कंधे चौडे़ व भुजाएं लम्बी … Continue reading

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कैसा होगा मंगल दृष्टि का मेष वृष और मिथुन राशि पर असर

मेषस्थ मंगल योगफल | Mars Aspecting Aries Sign मेष में स्थित होने पर मंगल अपने ही स्वामित्व को पाकर बली बन जाता है. यह स्थिति मंगल को अधिक बल देने में सहायक बनती है. मंगल रूक्ष व दाहक माना जाता … Continue reading

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तुला, वृश्चिक और धनु को जब भी देखे बुध तो मिलते हैं ये फल

तुलागत बुधफल | Mercury Aspecting Libra तुलागत बुध के होने पर जातक को शिल्पकला में बहुत रूचि हो सकती है और उसे इसका अच्छा ज्ञान भी होता है. जातक की वाणी में कलात्मकता का पुट साफ झलकता होगा. वह अपने … Continue reading

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बुध दृष्टि फलकथन : कर्क-सिंह-कन्या राशि को बुध का देखना कर सकता है बेचैन

कर्कस्थ बुध योगफल | Mercury Aspecting Cancer कर्कस्थ राशिगत में बुध के होने पर जातक में वाक चातुर्य के साथ एक हास्यात्मक पुट भी आता है जो उसकी शैली को अलग ही अंदाज देता है. इस प्रभाव में जातक में … Continue reading

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दूसरे भाव से कुण्डली का आंकलन | Analysis of Kundali through Second House

जन्म कुण्डली के लग्न भाव के बाद दूसरा भाव आता है. दूसरे भाव को द्वितीय भाव, धनभाव, कुटुम्ब स्थान, वाणी स्थान, पनफर और मारक स्थान भी कहा जाता है. दूसरे भाव की कई बाते हैं जिनके द्वारा कुण्डली को समझने … Continue reading

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संतान प्राप्ति का समय – एक विश्लेषण | Time of Conception – An Analysis

वैदिक ज्योतिष में किसी बात के निर्धारण के लिए सबसे पहले कुंडली के योगो को देखा जाता है. फिर उस बात से संबंधित दशा/अन्तर्दशा का विश्लेषण किया जाता है. अंत में गोचर के ग्रहों को देखा जाता है कि वह … Continue reading

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कर्क लग्न का सातवां नवांश | Seventh Navamsha of Cancer Ascendant

कर्क लग्न का सातवां नवांश मकर राशि का होता है यह शनि की राशि का नवांश है. जातक की कुण्डली में यह जन्म कुण्डली के नवांश में सप्तम भाव का उदय है इस स्थिति में जातक के जीवन का यह … Continue reading

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वर्षफल में लग्न, सूर्य, चंद्र और मंगल दशा विचार ऎसे करें

वर्षफल में दशा विचार के लिए कुछ सिद्धांतों को समझते हुए वर्षफल कुण्डली को जानने में सहायता मिलती है. यदि दशा में भाव और ग्रहों की स्थिति अनुकूल हो तो फल भी अच्छे प्राप्त होते हैं और जातक को जीवन … Continue reading

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