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वर्ष कुण्डली के छठे भाव में बैठे ग्रह ऎसे दिखाते हैं अपना असर

वर्ष फल कुण्डली में छठे भाव में बैठे ग्रहों का प्रभाव जानने हेतु कई प्रकार के तथ्यों को ध्यान में रखना अत्यंत आवश्यक होता है. ग्रहों का शुभता होने से जातक आनंद व सुख की अनुभूति कर पाता है, परंतु

जैमिनी ज्योतिष और स्वास्थ्य | Jaimini Astrology and Health

ज्योतिष में कई प्रकार की विवेचना से आप यह जान सकते हैं कि सेहत में होने वाले बदलाव किस प्रकार आपको प्रभावित कर सकते हैं ओर आपके साथी को कौन सी स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी आपके तनाव क अकारण बन

कुण्डली के बलवान ग्रह बदल सकते हैं आपके जीवन की दिशा

बलिष्ठ लग्न दशा | Balishtha Lagna Dasha शुभ स्वास्थ्य, प्रतिष्ठा, सम्मान, सरकार द्वारा अनुग्रहीत कराती है. मध्यम बल दशा सामान्य प्रभाव देने वाली होती है. लाभ मिश्रीत परिणामों से युक्त होंगे. बाधाओं

ज्योतिष से जाने कैसी होगी आपकी आर्थिक स्थिति और आय के योग

आज के भगदौड़ वाले समय में व्यवसाय या नौकरी में प्रमोशन की चाह सभी के मन में देखी जा सकती है. अक्सर देखने में आता है कि कुछ व्यक्तियों को अत्यधिक परिश्रम के बावजूद भी आशानुरूप सफलता नहीं मिल पाती है

जानिये, कब देती हैं ग्रह दशाएं अपना शुभ फल

ग्रह स्थिति में विभिन्न दशाओं का प्रभाव देखा जा सकता है. यह प्रभाव उस दशा की ग्रह स्थिति के अनुरूप ही प्राप्त होता है. यदि दशानाथ शुभ ग्रह हो तब जातक को जीवन में राजयोग का सुख मिलता है परंतु यदि

प्रश्न कुंडली से कैसे जाने अपने जीवन के छुपे हुए रहस्य, जानते हैं विस्तार से

प्रश्न कुण्डली में लग्न, चन्द्र तथा नवाँश की भूमिका अहम मानी जाती है. प्रश्न कुण्डली में लग्न को पुष्प माना गया है. प्रश्न कुण्डली में चन्द्र को बीज की संज्ञा दी गई है. नवाँश कुण्डली में प्रश्न का

जैमिनी ज्योतिष और काल विचार | Jaimini Astrology and Predictions

महर्षि पराशर के अनुसार जीवन में होने वाली घटनाओं का आंकलन करने के लिए जन्म कुण्डली महत्वपूर्ण साधन है. कुण्डली से ज्ञात होता है कि विभिन्न समयों में, ग्रहों की युति और स्थिति के अनुसार व्यक्ति विशेष

वर्षफल और ताजिक योग | Varshaphal and Tajik Yoga

वर्ष कुण्डली में ताजिक योगों का उपयोग किया जाता है. वर्ष फल में इन योगों का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक होता है. बिना ताजिक योगों के वर्ष कुण्डली का अध्ययन अधूरा होता है. कार्य की सिद्धि होगी अथवा

ग्रहों के कारक तत्व | Karak Elements of Planets | Karak Elements

सभी ग्रह के कारक उस ग्रह के प्रभावों को प्रदर्शित करने में सहायक होते हैं. नौ ग्रहों में से जब कोई भी ग्रह अपने प्रभाव देता है तो उसे समझने के लिए उसके कारकों पर दृष्टि डालनी आवश्यक होती है. सूर्य

वक्री शनि होने पर यूं प्रभावित होगा आपका जीवन और व्यवसाय

वक्री ग्रहों को वैदिक ज्योतिष में शक्त अवस्था में माना गया है अर्थात वक्री ग्रह सबसे अधिक शक्तिशाली होते हैं. वक्री ग्रह बार-बार प्रयास कराते हैं. एक ही कार्य को करने के लिए व्यक्ति को कई बार प्रयास

प्रश्न कुण्डली से जानिये कि आपकी यात्रा फलेगी या नहीं

प्रश्न कुण्डली व्यक्ति द्वारा पूछे प्रश्न पर आधारित होती है. जिस समय किसी व्यक्ति विशेष द्वारा कोई प्रश्न किया जाता है उसी समय की एक कुण्डली बना ली जाती है. इसे ही प्रश्न कुण्डली कहा गया है. प्रश्न

मुन्था और विभिन्न ग्रहों का प्रभाव

मुन्था वर्षफल में उपयोग की जाती है. मुन्था में प्रत्येक ग्रह का अपना प्रभाव फलिभूत होता है. सभी ग्रह अपने अनुसार फल प्रदान करते हैं. मुन्था सूर्य से युक्त | Muntha including Sun यदि मुन्था सूर्य से

नवग्रह स्त्रोत के प्रयोग से स्वयं ही ग्रह शांति कैसे करें

नवग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर पूर्ण रुप से प्रभाव देखा जा सकता है. इन नवग्रहों की शांति द्वारा जीवन की अनेक समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकते हैं. नवग्रहों के विषय में अनेक तथ्यों को बताया गया

शुक्र ग्रह और ज्योतिष

ज्योतिष के अनुसार कुण्डली में शुक्र ग्रह की शुभ स्थिति जीवन को सुखमय और प्रेममय बनाती है तो अशुभ स्थिति चारित्रिक दोष एवं पीड़ा दायक होती है. शुक्र के अशुभ होने पर व्यक्ति में चारित्रिक दोष उत्पन्न

बगलामुखी यंत्र | Baglamukhi Yantra | Importance of Baglamukhi Yantra

माँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं. यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं. माँ बगलामुखी यंत्र धार्मिक कार्यो में शुभ माना जाता है. धर्मशास्त्रो

अगर आपकी कुण्डली में भी है शनि दोष तो इन उपायों को करने से मिलेगी राहत

कुंडली में मौजूद सभी ग्रह अच्छे या बुरे फल देने वाले सिद्ध हो सकते हैं. शनि यदि कुंडली में शुभ भावों के स्वामी हैं तब वह बुरा फल नहीं देते. यदि शनि कुण्डली शुभ होकर निर्बल है तब उसे बल देना आवश्यक

ये आसान से मंगल मंत्र दिला सकते हैं हर प्रकार के मंगल दोष से मुक्ति

ज्योतिष में सभी नौ ग्रह का अपना विशिष्ट महत्व होता है. सभी ग्रह अपनी दशा/अन्तर्दशा में अपने फल प्रदान करने की क्षमता रखते हैं. इसी के अन्तर्गत मंगल ग्रह उग्र स्वभाव वाला ग्रह माना गया है. यह मेष तथा

विवाह और संतान-सुख में उपपद का महत्व

ज्योतिष में सामान्यत: विवाह सुख और संतान सुख का विचार सप्तम एवं पंचम भाव से किया जाता है, परंतु इसके साथ ही साथ विवाह एवं संतान के विचार के लिए उपपद को एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है. उपपद से दूसरे

शुक्र अगर वक्री हो जाये तो क्या होगा? देखिये

शुक्र ग्रह मान सम्मान, सुख और वैभव, दांपत्य सुख एवं भोग विलासिता के प्रतीक माने जाते हैं. साधारणत: यदि यह पाप ग्रह से युक्त या दृष्ट न हों तो जातक को हंसमुख एवं विनोद प्रिय बनाते हैं. जातक मिलनसार और

बृहस्पति के वक्री होने पर ये हो सकता है

नवग्रहों में बृहस्पति ग्रह सबसे बड़ा और प्रभावशाली माना गया है. गुरू को शुभ ग्रहों के रूप में मान्यता प्राप्त है. गुरू को शुभता, सत्यता, न्याय, सद्गुण व सुख देने वाला गह माना गया है. इस ग्रह को