वर्ष फल कुण्डली में दूसरे भाव के फलों को जानने के लिए उनमें सभी विभिन्न भावों में स्थित ग्रहों के कारकों का फल देखना होता है जिसके अनुसार वह अपने फल देने में सक्ष्म होते हैं. इसमें से कुछ इस प्रकार हैं कि यदि भाव स्व राशि स्वामी हो या शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो उत्तम व बलिष्ठ होता है, इसी के द्वारा जातक को अच्छे फलों की प्राप्ति होती है. विभिन्न लग्नों की कुण्डलियों में ग्रह विभिन्न परिणामदायक हैं. कुण्डली के बलिष्ठ होने के लिए ग्रह यदि वह उच्चता युक्त या स्वराशि में स्थित हो तो वह शुभ परिणामदायक होंगे.

सूर्य ग्रह | Sun Planet

सूर्य मजबूत होने पर व्यक्ति को सत्ता का सुख और उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है. व्यक्ति धनी व दानी बनता है, धर्म कर्म के कार्यों में अपना धन लगाता है. परंतु यदि सूर्य कमजोर हो तो व्यक्ति को विवाह में देरी, धन की हानी, व्यवहार में क्रोद्ध और जिद्दीपन आता है.

चंद्र ग्रह | Moon Planet

चन्द्र के दूसरे भाव में होने पर यदि वह मजबूत स्थिति में हो तो जातक को धनी व व्यवहार से सौम्य बनाता है. प्रेम से युक्त और कलात्मकता से भरा हुआ बनाता है. व्यक्ति का स्त्रियों से लगाव रहता है. पर यदि यह अशुभ ग्रहों से प्रभावित हो तो धन हानी या पैतृक संपत्ति विवाद हो सकता है.

मंगल ग्रह | Mars Planet

मंगल के दूसरे भाव में होने के कारण लोगों से सहायता व सहयोग मिलता है और सफलता मिलती है, अचानक से प्रोपर्टी से लाभ मिल सकता है. परंतु यह कमजोर हो तो व्यक्ति में अत्यधिक क्रोध व गुस्सा हो सकता है. परिवार में कलह हो सकती है या संपत्ति को लेकर कोई विवाद उभर सकता है.

बुध ग्रह | Mercury Planet

दूसरे भाव में बुध के स्थित होने के कारण जातक धनी व बुद्धिमानी बनता है. जातक की भाष में सौम्यता व मधुरता बनी रहती है. लेखन व कलात्मक कार्यों में रूझान रह सकता है. कमजोर व निर्बल होने पर वाणी में दोष उत्पन्न हो सकत अहै साथ ही शिक्षा में रुकावट का सामना करना पड़ सकता है.

बृहस्पति ग्रह | Jupiter Planet

दसरे भाव में बली अवस्था में होने के कारण व्यक्ति ज्ञानी और योग्यता से भरा होता है. व्यक्ति आकर्षक ओर योग्यता से भरा और बुद्धिमान होगा.

शुक्र ग्रह | Venus Planet

शुक्र के शुभता में होने से वाणी में मिठास आती है, व्यक्ति सभी का प्रेमी बनता है. वैवाहिक संबंधों में मधुरता आती है. धनी, कवि कलाकार व शुभता बनी रहती है.

शनि ग्रह | Saturn Planet

शनि के दूसरे भाव में होने के कारण जातक को कष्ट, दरिद्र और परिवार से  दूर कर सकता है. शाररिक सौंदर्य में कमी हो सकती है.

राहु ग्रह | Rahu Planet

राहु के होने पर धन युक्त होने पर भी दरिद्रता का जीवन मिलता है. तनाव व अलगाव रहा होगा और सफलता पाने के लिए अत्यधिक संघर्ष की स्थिति से गुजरना पड़ सकता है. मानसिक रुप से दुविधा बनी रह सकती है और उत्तेजना विद्यमान रहेगी.

केतु ग्रह | Ketu Planet

सरकार से हानि मिल सकती है मानसिक उग्रता बनी रहेगी. वाणी में कर्कश और उतावलापन बना रह सकता है. परंतु केतु मेष, मिथुन या कन्या राशि में हो तो शुभता बनी रह सकती है.