वर्ष फल कुण्डली में दशम भाव में स्थित ग्रहों के प्रभाव, जातक के जीवन को अनेक प्रकार से प्रभावित करते हैं. वर्ष फल कुण्डली ज्योतिष शास्त्र की तीन शाखाओं में से एक है. वर्ष फल मुख्यत: किसी विशेष घटनाओं को अध्ययन करने के संदर्भ में प्रयुक्त किया जाता है. फलों को जानने के लिए उनमें सभी विभिन्न भावों में स्थित ग्रहों के कारकों का फल देखना होता है.

सूर्य ग्रह | Sun Planet

दशम भाव में सूर्य दिशा बल से युक्त होता है अर्थात दिग्बली होता है. यहां पर स्थित सूर्य व्यवसाय व नौकरी के लिए शुभ माना जाता है लेकिन इसी के साथ-साथ यह माता से वियोग व दूरी भी देने वाला बनता है. यहां स्थित होने के प्रभाव स्वरूप संतान के लिए दिक्कत देने वाला बन सकता है. जातक साहस व ओज से भरपूर होता है. घूमने का शौकिन होता है, मान सम्मान को पाने वाला व प्रतिष्ठा से युक्त होता है. उच्च पद पर आसिन व सरकार से पद पाने वाला बनता है. व्यक्ति का मन अशांत भी रह सकता है.

चंद्र ग्रह | Moon Planet

चंद्र के दशम भाव में स्थित होने के कारण सफलता प्राप्त होती है. जातक अच्छे कार्य करने वाला बनता है. फलदीपिका के अनुसार जातक उत्तम कार्य करने वाला, मन से संतुष्ट होता है. सभी प्रकार की सफलताएं दिलाता है. जनता के मध्य समान और प्रतिष्ठा मिलती है, यात्राएं करनी पड़ती हैं, उसे राजा से सम्मान की प्राप्ति हो सकती है. समाज में सम्मान और प्रेम की प्राप्ति हो सकती है.

मंगल ग्रह | Mars Planet

दशम भाव में मंगल ग्रह होने के कारण दिग्बली होता है, उच्च राशि में स्थित मंगल होने के कारण व्यक्ति बलिष्ठ होता है. साहसी होता है, शक्ति संपन्न होता है. शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला होता है. पिड़ीत होने पर मानसिक अशांति बनी रह सकती है. घरेलू विवाद रह सकते हैं अथवा संपत्ति विवाद हो सकता है, माता से झगडे की स्थित उत्पन्न हो सकती है. धोखे या छल से धन हानि की संभावना बनी रह सकती है जिस कारण तनाव बना रह सकता है.

बुध ग्रह | Mercury Planet

बुध के इस भाव में स्थित होने के कारण आयु में वृद्धि प्राप्त होती है. बोलने में निपुण होता है, बुद्धिमान व सजग. शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने वाला, वाहन, संगीत व कला के प्रति विशेष लगाव उत्पन्न हो सकता है. कार्यों में सफलता पाता है.

बृहस्पति ग्रह | Jupiter Planet

बृहस्पति के दशम भाव में स्थित होने के कारण व्यक्ति सम्मानित जीवन जीता है. शुभ साथी पाता है अच्छे लोगों से मित्रता बनती है. ज्ञान की चाह बनी रहती है. लोगों में गणमान्य बनता है. विद्वान होता है व जीवन में सुख पाता है. समाज में सम्मान व उन्नती पाता है. धर्म के कार्यों में अग्रसर व भाग्य का साथ पाता है.

शुक्र ग्रह | Venus Planet

शुक्र के दशम भाव में स्थित होने पर धन्वान बनता है ऎश्वर्य का जीवन मिलता है, यात्रा से लाभ की प्राप्ति होती है. संगीत व कला के प्रति रूचि उत्पन्न होती है. व्यक्ति को मित्रों का साथ मिलता है, घर में सुख व सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माता का स्नेह व सुख प्राप्त होता है वाहन का सुख मिलता है.

शनि ग्रह | Saturn Planet

शनि के दशम भाव में होने पर यदि बलिष्ठ हो तो राजसी सम्मान दिलाता है. नेता व राजनीतिज्ञ का इच्छुक होता है, विदेश में सम्मान पाता है, परंतु कमजोर होने पर माता को तकलीफ झेलनी पड़ सकती है, घर से अलग रहना पड़ सकता है व जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है.

राहु ग्रह | Rahu Planet

राहु के दशम भाव में होने पर व्यक्ति को राजा तुल्य जीवन मिलता है, संपति की प्राप्ति होती है. खर्चीला होता है. क्षीण होने पर बुरे आचरण से युक्त हो सकता है, चरित्रहीन बेईमान हो सकता है. अपनी योग्यता में कमी झेलनी पड़ सकती है, व्यक्ति में मूर्खता अधिक झलकती है, शिक्षा में कमी व कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं. स्त्री की कुण्डली में होने पर दांपत्य सुख में कमी आ सकती अथवा गंभीर रोग.

केतु ग्रह | Ketu Planet

जातक विद्वान व चालाक होता है, मेष, वृषभ व तुला राशि में होने पर बलिष्ठ, आत्मसम्मान से युक्त होता है. शत्रुओं पर विजय पाता है, विदेश में निवास तथा विदेश संबंधी काम दे सकता है. माता को कष्ट की स्थिति झेलनी पड़ सकती है. भाग्य में कमी व संघर्ष अधिक करना पड़ सकता है. पिडित होने पर मानसिक अशांति मिल सकती है.