Articles in Category vedic astrology
वेदव्यास ऋषि और कश्यप ऋषि ज्योतिष का इतिहास | Saint Vedvyas- Kashyap Rishi - The History of Astrology
ज्योतिष शास्त्र का निर्माण करने में बहुत से ऋषिमुनियों का सहयोग हुआ. इन सभी के प्रयासों से ज्योतिष द्वारा व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान के समय को जानने में बहुत अधिक सहायता मिल पाई है. इन्ही में
मंगलवार व्रत कथा | Tuesday Vrat Katha - Tuesday Fast Story in Hindi (Mangalwar Vrat Katha)
व्यास जी ने कहा- एक बार नैमिषारण्य तीर्थ में अस्सी हजार मुनि एकत्र हो कर पुराणों के ज्ञाता श्री सूत जी से पूछने लगे- हे महामुने! आपने हमें अनेक पुराणों की कथाएं सुनाई हैं, अब कृपा करके हमें ऐसा व्रत
चोर के पकडे़ जाने अथवा ना पकडे़ जाने के योग | Yogas for thieves getting caught or not
चोरी के प्रश्न में प्रश्नकर्त्ता का आमतौर पर यह प्रश्न होता है कि चोर कब पकडा़ जाएगा. वह पकडा़ भी जाएगा या नहीं पकडा़ जाएगा. इसे देखने के लिए प्रश्न कुण्डली के कुछ योगों के विषय में आपको जानकारी दी
जानिए फिरोजा रत्न कैसे बदल सकता है आपकी किस्मत
रत्नों के उपयोग का चलन बहुत पहले से ही सामाज में प्रचलित रहा है. इन रत्नों को कभी संदरता बढ़ाने के लिए तो कभी भाग्य में वृद्धि के लिए किसी न किसी रुप में उपयोग किया ही जाता रहा है. ज्योतिष में रत्नों
एपेटाइट उपरत्न । Apatite | Apatite For Mercury | Apatite - Gemstone Of Acceptance
एपेटाइट उपरत्न का मुख्य रंग नीले रंग की आभा लिए हुए हरा रंग है. इसलिए इसे बुध ग्रह का उपरत्न माना गया है. इसके अतिरिक्त यह कई रंगों में उपलब्ध है. यह नीले, हरे, बैंगनी, रंगहीन, पीले तथा गुलाबी रंगों
मृ्गशिरा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Mrigsira Nakshatra | How to Find Mrigshira Nakshatra
मृ्गशिरा नक्षत्र को किसान नक्षत्र कहा जाता है. सरल शब्दों में उसे हिरनी या खटोला भी कहा जाता है. राशिचक्र को 27 समान भागों में विभाजित करने के बाद बाद 27 नक्षत्रों बनते है. इनमें से प्रत्येक नक्षत्र
चन्द्र मंगल योग और महाभाग्य योग | Chandra Mangal Yoga - Mahabhagya Yoga
जन्म कुण्डली में बनने वाले कुछ योग किसी भी जातक के जीवन में एक चमत्कारिक रुप से प्रभाव देते हैं. इस तरह के योग नभस योग और अन्य महत्वपूर्ण योगों की श्रेणी में आते ही है. इन योगों में चंद्र-मंगल योग और
ज्येष्ठ माह का महत्व और इसकी महिमा के बारे में जानिए विस्तार से
हिन्दू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ मास हिन्दू वर्ष का तीसरा माह है. हिन्दी माह में हर माह की एक विशेषता रही है. सभी की कोई न कोई खासियत होती ही है. जीवन में आने वाले उतार-चढा़वों में ये सभी माह कोई न कोई
सप्तांश कुण्डली तथा नवाँश कुण्डली | Saptamansha Kundali and Navmansha Kundali
सप्तमांश कुण्डली या D-7 | Saptamansha Kundali or D-7 इस कुण्डली से संतान का अध्ययन किया जाता है. इस वर्ग कुण्डली को बनाने के लिए 30 अंश के सात बराबर भाग किए जाते हैं. जो ग्रह विषम राशि में होगें उनकी
पंचांग गणना | Parts of Panchang
पंचांग शब्द का अर्थ है - पाँच अंग. तिथि, वार, नक्षत्र, योग तथा करण के आधार पर पंचांग का निर्माण होता है. इन सभी की गणना गणितीय विधि पर आधारित है. आपको पंचाँग के पांचों अंगों की गणना की विधि सरल तथा
भद्र योग का महत्व
किसी जातक की जन्म कुण्डली में बनने वाला पंच महापुरुष योग एक बेहद ही प्रभावशाली और शुभ फलदायक योग माना गया है. इस योग के प्रभाव स्वरुप जातक को जीवन में सफलता और संघर्षों से आगे निकल कर जीवन में अपने
केमद्रुम योग फल | Kemadruma Yoga Result | How is Kemadruma Yoga Formed | Kemadruma Bhanga Yoga
ज्योतिष शास्त्र में चन्द्र को मन का कारक कहा गया है. सामान्यत: यह देखने में आता है, कि मन जब अकेला हो तो वह इधर-उधर की बातें अधिक सोचता है, और ऎसे में व्यक्ति में चिन्ता करने की प्रवृ्ति अधिक होती
मूंगा रत्न के फायदे और नुकसान
मंगल रत्न मूंगा को प्रवाल, विद्रुम, लतामणी, रक्तांग आदि नामों से जाना जाता है. मूंगा धारण करने से व्यक्ति में साहस, पराक्रम, धीरज, शौर्य भाव की वृ्द्धि होती हे. यह रत्न मुकदमा, जेल आदि परेशानियों में
जानिये द्रेष्काण कुण्डली और चतुर्थांश कुण्डली के बारे में विस्तार से
ज्योतिष में जन्म कुण्डली के अतिरिक्त बहुत सी वर्ग कुण्डलियां भी होती हैं. ये वर्ग कुण्डलियां जातक के जीवन के किसी न किसी क्षेत्र को बारीकी से जांचने के लिए उपयोग की जाती है. वर्ग कुण्डली से धन,
तुला राशि क्या है. । Libra Sign Meaning | Libra - An Introduction | Which is the lucky stone for the Libra people
तुला राशि के व्यक्ति आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते है. जीवन की कठिन परिस्थितियों को भी सहजता से लेते है. उनमें सिद्धान्तों पर रहकर कार्य करने का गुण देखा जा सकता है. इस राशि का व्यक्ति स्वभाव से
कार्यसिद्धि के नियम | Rules for Success of Prashna
प्रश्न की पहचान के लिए कई नियम आपको पिछले अध्याय में बताए गए हैं. इस अध्याय में भी कुछ और नियमों की चर्चा की जाएगी. सबसे पहले हम षटपंचाशिका के नियमों की चर्चा करेंगें. यह नियम हैं :- (1) जिस ग्रह का
3rd भाव-धन भाव क्या है.| Prakrama Bhava Meaning | Third House in Horoscope | 3rd House in Indian Astrology
तृ्तीय भाव पराक्रम भाव भी कहलाता है. इस भाव के अन्य कुछ नाम अपिक्लिम भाव, उपचय भाव, त्रिषडय भाव है. तृ्तीय भाव से व्यक्ति की ताकत, साहस, दीर्घायु, छोटे भाई, दृ्ढता, छोटी यात्राएं, लेखन, सम्बन्ध,
जानिए पूर्वमध्यकाल में फलित ज्योतिष का इतिहास और विकास
पूर्वमध्यकाल अर्थात ई. 501 से 1000 तक का काल ज्योतिष के क्षेत्र में उन्नति और विकास का काल था. इस काल के ज्योतिषियों ने रेखागणित, अंकगणित और फलित ज्योतिष पर अध्ययन कर, अनेक शास्त्रों की रचना की. इस
उत्तराषाढा नक्षत्र विशेषताएं | Characteristics of Uttara Ashadha Nakshatra | Uttarashadha Nakshtra Career
उत्तराषाढा नक्षत्र 21 वां नक्षत्र है, तथा इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों में कृ्तज्ञता की भावना विशेष रुप से पाई जाती है. इस नक्षत्र के व्यक्ति धार्मिक आस्था के होते है. इन्हें धर्म
विष्टि करण किसे कहते है और इसका जीवन पर प्रभाव
पंचांग का एक महत्वपूर्ण विषय है करण. पंचांग के पांच अंगों में करण भी विशिष्ट अंग होता है. करण कुल 11 हैं और प्रत्येक तिथि दो करणों से मिलकर बनी होती है. इस प्रकार कुल 11 करण होते हैं. इनमें से बव,