Articles in Category vedic astrology

राशि बल | Rashi Bala

जैमिनी स्थिर दशा में सबसे पहले राशि बल का आंकलन किया जाता है. राशि बल को निकालने के लिए तीन प्रकार के बलों को निकाला जाता है. फिर उन तीनों का कुल जोड़ राशि बल कहलाता है. यह तीन बल हैं :- चर बल, स्थिर

देव गण में जन्मा जातक होता है भाग्यशाली

विवाह करने से पूर्व वर-वधू की कुण्डलियों का मिलान करते समय आठ प्रकार के मिलान किये जाते है. इस मिलान को अष्टकूट मिलान के नाम से जाना जाता है. इन्हीं अष्टकूट मिलान में से एक गण मिलान है. इस मिलान में

कुण्डली में अगर बने हल-श्रंगाटक(श्रृंगाटक)-वापी योग तो बन सकते हैं धनवान

ज्योतिष में नभस योग का बहुत महत्व रहा है. इन योगों के सहयोग द्वारा जातक के जीवन में होने वाली घटनाओं ओर भाग्य का निर्धारण में भी बहुत अधिक सहायक बनते हैं. नभस योग कुण्डली में बनने वाले अन्य योगों से

स्वाधिष्ठान चक्र | Second Chakra । Sacral Chakr । Swadhisthana Chakra | Second Chakra Location | Chakra

स्वाधिष्ठान, चक्र जननेन्द्रियों या अधिष्ठान त्रिकास्थि में स्थित होता है. स्वाधिष्ठान को द्वितीय चक्र स्वाधिष्टान, सकराल, यौन, द्वितीय चक्र नामों से भी संबोधित किया जाता है. यह मूलाधार के पश्चात

जानिए, दशमी तिथि का महत्व और इसमें किए जाने वाले कार्य

सूर्य अपने अंशों से जब 12 अंश आगे जाता है, तो एक तिथि का निर्माण होता है. इसके अतिरिक्त सूर्य से चन्द्र जब 109 अंशों से लेकर 120 अंश के मध्य होता है. उस समय चन्द्र मास अनुसार शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि

बृहस्पतिवार व्रत कथा | Guruvar Vrat Katha in Hindi | Thursday Fast Story in Hindi - Brihaspati Deva Katha

बृहस्पतिवार (गुरुवार व्रत) कथा | Thursday Story प्राचीन समय की बात है– एक बड़ा प्रतापी तथा दानी राजा था, वह प्रत्येक गुरुवार को व्रत रखता एवं पून करता था. यह उसकी रानी को अच्छा न लगता. न वह

ऋषि अत्रि का ज्योतिष में योगदान

ज्योतिष के इतिहास से जुडे 18 ऋषियों में से एक थे ऋषि अत्रि. एक मान्यता के अनुसार ऋषि अत्रि का जन्म ब्रह्मा जी के द्वारा हुआ था. भगवान श्री कृष्ण ऋषि अत्रि के वंशज माने जाते है. कई पीढीयों के बाद ऋषि

प्रथम भाव-लग्न भाव क्या है.| Lagna Bhava Meaning | First House in Horoscope | Ist House in Indian Astrology

भारतीय हिन्दू वैदिक ज्योतिष में प्रथम भाव को कई नामों से जाना जाता है. इस भाव को लग्न भाव, केन्द्र भाव व त्रिकोण भाव भी कहा जाता है. लग्न भाव कुण्डली का बल होता है. और अन्य सभी भावों की तुलना में

होरा की गणना तथा उपयोग | Calclation and Uses of Hora

जिस दिन और जिस समय जातक ने प्रश्न किया है उस दिन की होरा ज्ञात करेंगें. होरा जानने के बाद यह तय करेंगें कि प्रश्न के समय किस ग्रह की होरा चल रही थी. जिस ग्रह की होरा चल रही थी उस ग्रह से संबंधित

क्या पुखराज रत्न मेरे लिये अनुकुल रहेगा? | Is Pukhraj Stone Good for Me (Can I Wear Yellow sapphire)

गुरु रत्न पुख्रराज, गुरुरत्न, पुष्पराग, गुरुवल्लभ, वचस्पति वल्लभ, पीतमणी के नाम से भी विख्यात है. इस रत्न को धारण करने पर व्यक्ति की आर्थिक स्थिति सुदृढ होती है. यह रत्न व्यक्ति को संतान, संपति और

मंगलवार व्रत विधि -विधान । मंगलवार व्रत कैसे करें । Tuesday Fast

मंगलवार का व्रत सम्मान, बल, पुरुषार्थ और साहस में बढोतरी के लिये किया जाता है. इस व्रत को करने से उपवासक को सुख- समृ्द्धि की प्राप्ति होती है. यह व्रत उपवासक को राजकीय पद भी देता है. सम्मान और संतान

भेरी,पुष्कल,विरांची, शुभाचारी,कालसर्प,अखण्ड सम्राज्य योग | How is Bheri Yoga Formed | Pushkal Yoga | Viranchi Yoga | Shubhachari Yoga | Kalsarp Yoga | Akhandh Samrajya Yoga

भेरी योग भेरी योग में लग्नेश, शुक्र, ग्रुरु एक-दूसरे से केन्द्र में और नवमेश बली हो या शुक्र, बुध के पहले, दुसरे, सातंवे या बारहवें भाव में युति और दशमेश बली. यह योग व्यक्ति को दीर्घायु बनाता है. यह

पितामह सिद्धान्त | Pitahma Siddhanta - History of Astrology | Pitahma Siddhanta Description

सिद्धान्त, संहिता और होरा शास्त्र ज्योतिष के तीन स्कन्ध ज्योतिष की तीन भाग है. इसमें भी सिद्वान्त ज्योतिष सर्वोपरि है. सिद्वान्त ज्योतिष को बनाने में पौराणिक काल के उपरोक्त 18 ऋषियों ने अपना

यूप-शर-शक्ति योग - नभस योग | Yup Yoga- Nabhasa Yoga | Shakti Yoga- Nabhasa Yoga | Shara Yoga - Nabhasa Yoga

यूप योग लग्न से चतुर्थ भाव अर्थात कुण्डली के पहले चार भावों में सभी ग्रह होने पर बनता है. यह योग शुभ योगों की श्रेणी में आता है. यह योग क्योकि लग्न, भाव, धन भाव, तृ्तीय भाव अर्थात यात्रा भाव व चतुर्थ

जानिए ओपल रत्न के फायदे और कैसे बदल सकता है ये आपका भाग्य

उपल उपरत्न ओपल के नाम से अधिक विख्यात है. संस्कृत में यह स्वागराज तो हिन्दी में यह सागरराज कहलाता है. मूलरुप में उपल रंगहीन होता है परन्तु रंगहीन अवस्था में इसका मिलना बहुत ही दुर्लभ होता है. प्रकृति

गजकेसरी योग | Gaja Kesari Yoga Effects | What is Gaja Kesari Yoga | How is Formed Dhana Yoga

योग का शाब्दिक अर्थ युति है. ज्योतिष में योग का अर्थ है, ग्रहों की एक ऎसी स्थिति है, जिसमें ग्रह विशेष परिणाम देता है. समान्यत: योग ग्रहों के एक विशेष स्थिति में बैठने पर ज्योतिष योग बनते है. ज्योतिष

तंजानाइट उपरत्न । तंजनाईट | Tanzanite Gemstone | Quality Of Tanzanite | Who Should Wear Tanzanite | Zoisite

सबसे पहले यह उपरत्न तंजानिया में पाया गया था इसलिए इसका नाम तंजानाइट रखा गया. यह नीले से बैंगनी रंग में पाया जाता है (It is found in colors ranging from blue to purple). हम यह भी कह सकते हैं कि यह

चर दशा में स्थिर कारक | Fixed Karak in Char Dasha

पिछले पाठ में आपने जैमिनी कारकों के बारे में पढा़ था जिनका क्रम उनके अंशों के आधार पर होता है. जैमिनी ज्योतिष में कई विद्वान स्थिर कारकों का भी प्रयोग करते है. यह स्थिर कारक निम्नलिखित हैं. (1) सूर्य

जैमिनी मण्डूक दशा के वर्ष | Years of Gemini Mandook Dasha

जब जैमिनी दशा के वर्ष निर्धारित करने हों तब सबसे पहले आप सम और विषम राशियों की एक तालिका बना लें. कुण्डली में जिस राशि के दशा वर्ष निर्धारित करने है उस राशि के स्वामी से राशि तक गिनती करें. यदि

क्या हीरा अनुकुल रहेगा? | Is Heera Stone Good for Me (Can I Wear Diamond Gemstone)

शुक्र रत्न हीरा सदा से ही अपने आकर्षक आभा के कारण चर्चा का विषय रहा है. इस रत्न को वज्रमणी, इन्द्रमणी, भावप्रिय, मणीवर, कुलीश आदि नामों से भी पुकारा जाता है. हीरा धारण करने वाले व्यक्ति के वैवाहिक