वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा शनि का गोचर

शनि का मकर राशि में गोचर सभी बारह राशियों पर अलग-अलग रुप से पड़ेगा. इसके अलाव शनि का गोचर अनेक घटनाओं को भी प्रभावित करने वाला होगा. सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर भी ये विश्व पर असर डालने वाला होगा. शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह है, ऎसे में एक राशि में ढाई साल तक गोचर करते रहते हैं. अपने गोचर के समय वह वक्री और मार्गी दोनों तरह से गोचर करते हैं. साल 2020 में 24 जनवरी को शनि धनु राशि से निकल कर अपनी स्वराशि मकर में राशि में प्रवेश करेंगे और पूरे ढाई साल इसी में रहेंगे.

मकर राशि में 11 मई से 29 सितंबर के मध्य तक शनि वक्री अवस्था में गोचरस्थ करें. दिसंबर में शनि ग्रह अस्त हो जाएंगे. ऎसी अन्य बहुत सी घटनाएं शनि के गोचर समय पर होंगी जिनका असर किसी न किसी रुप में सभी पर असर डालने वाला होगा. वृषभ राशि वालों के लिए शनि देव नवम भाव और दशम भाव के स्वामी होते हैं. वृषभ राशि वालों के लिए शनि एक अच्छे भावों के स्वामी बनते हैं. इस कारण इन राशि वालों के लिए शनि का गोचर थोड़ा समान्य रहता है.

आइये जानते है शनि के 2020 मे मकर राशि में गोचर का वृषभ राशि वालों पर क्या असर होगा :-

शनि के गोचर का वृष राशि वालों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

आर्थिक रुप से आपके लिए थोड़ा समय अच्छा भी रहेगा. भाग्य भाव में गोचरस्थ होने के कारण भाग्य में वृद्धि होगी. अपके बहुत से काम भाग्य के सहारे ही आगे बढ़ सकते हैं. परिवार की ओर से कुछ आर्थिक लाभ की उम्मीद भी इस समय की जा सकती है. पिछले प्रोजेक्ट जो अधूरे पड़े हुए थे उनके बढ़ने से आपको थोड़ी राहत मिलेगी और आर्थिक लाभ भी होगा. पर कुछ मामलों में आप आलस्य के चलते उस लाभ को नहीं पा सकें जिसकी उम्मीद आपने अभी तक लगा रखी होगी.

अपने कार्यक्षेत्र में दूसरों की मदद से बचें खुद अपने कामों को पूरा करने की कोशिश करें. आपके प्रयास ही आपको सफलता दिलाने और भाग्य का सहयोग पा सकेंगे. कुछ मामलों में आपको भागदौड़ अधिक करने की जरुरत होगी. परिवार में भाई बहनों के कारण आपकी जिम्मेदारियां भी बढ़ सकती हैं ओर उनसे नोक झोंक भी होने की आशांका रहेगी. इस समय आपके स्वास्थ्य एवं कोर्ट केस इत्यादि पर भी धन का व्यय दिखाई देता है. अपने शत्रुओं से सावधन रहें क्योकि वे आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश भी कर सकते हैं इस लिए जरुरी है कि अपने कामों में थोड़ी सजगता लाएं और स्वयं को थोड़ी रफ्तार भी दीजिए.

कुछ मामलों में आप अपने जिद्दी स्वभाव के चलते भी नुक्सान उठा सकते हैं. अप्रैल और जून का समय आप आर्थिक लाभ और घाटे को लेकर मिले जुले फल पाएंगे. शनि जिस भाव में बैठते हैं उस भाव की वृद्धि करते हैं ऎसे में भाग्य भाव में बैठना भाग्य की वृद्धि दिखाता है पर साथ ही अटकाव और उलझनों की भी लाएगा. फरवरी माह के दौरान अपनी मेहनत द्वारा लाभ में वृद्धि पा सकते हैं. धार्मिक कार्यों में भी आपका धन लगेगा और यात्राएं भी होंगी. पर एक बात तो निश्चित है की यदि आप कठोर संघर्ष करने को तैयार रहेंगे तो आपके भाग्य वृद्धि भी अवश्य होगी.

शनि के गोचर का वृष राशि वालों के पारिवारिक जीवन पर प्रभाव

शनि का गोचर परिवार में वाद विवाद को देने वाला होगा. इस समय आपके अपने वरिष्ठ जनों के साथ कुछ मतभेद रहेंगे जो लम्बे समय तक आप को प्रभावित भी कर सकते हैं. इसलिए आपके लिए सलाह है की अपनी वाणी में नम्रता रखें क्योंकि राहु का प्रभाव आपको क्रोध और मनमर्जी करने वाला बना सकता है और साथ ही शनि का गोचर होने के कारण आप अपनी बात को सही सिद्ध करने में ज्यादा समय लगा सकते हैं.

पिता के साथ वैचारिक मतभेद उभर सकते हैं, इसके साथ ही कुछ कारणों से उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है. स्वास्थ्य को लेकर भी आप कुछ चिंतित रह सकते हैं. इस लिए आपके लिए सलाह है की अपने क्रोध और मतभेद को उत्पन्न नहीं होने दीजिए.

आपका क्रोध अपने भाई बहनों पर अधिक रह सकता है और आप अपने ऎसे कामों से परेशान हो कर चिड़चिड़ा सकते हैं जिनमें आपको बहुत अधिक मेहनत कर पड़ रही है. ये दोनों ही बातें आप को अपने लोगों से दूरी बनाने को प्रेरित अधिक करेंगी. कुछ मामलों में परिवार में भाई बंधुओं को आपसे मदद की इच्छा भी रहेगी या फिर किन्हीं कारणों से उनको लेकर आप कुछ चिंता में भी रहेंगे. शनि की वक्री दृष्टि संबंधों में दूरी पैदा करने का कारण भी बन सकती है.

इस समय आपमें थोड़ा अहंकार भी बढ़ेगा आपको लग सकता है की चीजें आपके कारण ही संभव हो रही है. कुछ समान इत्यादि भी आपको इस समय मिलने की उम्मीद भी दिखाई देती है. अपनी सोच को नियंत्रित रखें और हवाबाजी से बचें.

शनि के गोचर का वृष राशि वालों के प्रेम संबंध और विवाह पर असर

प्रेम संबंधों के मामले में आपको अपने मित्रों का सहयोग मिलेगा. इस समय आपके रिलेशन थोड़े छुपे रहने वाले हैं या आप अपनी भावनाओं को जल्द ही व्यक्त नहीं करना चाहें. आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है अपने लिए किसी की हां का. अगर आप अपने साथी को अपने मन की बताना चाहते हैं तो आपको थोड़ा जल्दी से काम लेना होगा अन्यथा आपके हाथ से मौका भी जा सकता है. कुछ कारणों से संभव है की आप को व्यर्थ में दूसरों की बातें सुननी पड़ें या आपके छुपे प्रेम संबंध भी इस समय सभी के सामने भी आ सकते हैं इसलिए अपनी छवि को सही बनाए रखने के लिए आपको ही कोशिश करनी होगी की ऎसा कोई कार्य नहीं करें जिसके चलते दूसरे लोग आपको परेशान करें.

दांपत्य जीवन में साथी का सहयोग मिलेगा और वह आपके लिए उचित सलाहकार भी हो सकता है. जीवन साथी के साथ कुछ मामलों में सहमति नहीं बन पाए लेकिन फिर भी एक दूसरे का साथ निभाने में आप आगे रहेंगे. साथी का स्वास्थ्य को लेकर भी आप थोड़े चिंतित रहेंगे.

शनि के गोचर का वृष राशि वालों के स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव रहेगा

सेहत के संदर्भ में सामान्य तो रहेगा लेकिन जब गुरु का संबंध शनि के साथ बनेगा तब कुछ रोग परेशान कर सकते हैं. अचानक से ही दिक्कत अधिक बढ़ सकती है. ऎसे में चिकित्सक के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. अपने खान पान का ख्याल रखें और जिन लोगों को मधुमेह की शिकायत रहती है उन्हें अपनी नियमित जांच कराते रहने की जरुरत भी है.

कुछ कारणों से आप पर पहले से चले आ रहे रोग भी जल्द ही असर डालते दिखाई देंगे. नकारात्मक विचार कुछ अधिक प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए बहुत अधिक सोच विचार से बचें. संक्रमण का खतरा भी रहेगा. शत्रु से परेशानी बढ़ सकती हैं, वे आप पर हावी भी हो सकते हैं जिसके कारण भी आप का स्वास्थ्य चिंता की अधिकता के कारण खराब हो सकता है. घुटनों और पैरों में दर्द हो सकता है अथवा वात और पित्त की अधिकता से भी स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है.

शनि के गोचर का वृष राशि वालों की नौकरी और व्यापार पर प्रभाव

यदि आप नई नौकरी की तलाश कर रहे है तो निश्चित ही नौकरी मिलेगी धैर्य रखें विलम्ब हो सकता है. यदि आप नौकरी कर रहें है और दूसरी नौकरी की इच्छा रखते है तो उसके लिए भी अनुकूल है आपको इस समय का लाभ उठाना चाहिए. कार्यस्थल पर आपके सहकर्मी धोखा दे सकते हैं जिससे मानसिक कष्ट होगा। यदि सरकार के अधीन कार्य कर रहे है तो सतर्क रहे अधिकारियों से डांट सुननी पर सकता है.

छात्रों के लिए शनि का गोचर शुभ फल देने वाला होगा. प्रतियोगी परिक्षाओं में आप सफल भी हो सकते हैं. अपनी ओर से तैयारी बनाए रखें तो सफलता आपको अवश्य मिल सकती है.

उपाय

  • अपनी सोच में शुभता रखें और सकारात्मक बने रहें.
  • धार्मिक कार्य कलापों द्वारा शुभता प्राप्त होगी.
  • भाग्य की वृद्धि आपके संघर्ष से ही होगी. इसके साथ धैर्य के साथ काम लीजिए और अपनी वाणी पर संयम बरतें।
  • परिश्रम करें और आलस्य का त्याग करने पर सफलता प्राप्त होगी.
  • पीपल पर सरसों के तेल का दीपक जलाएं.