Articles in Category Hindu Rituals
चैत्र मास नाग पंचमी 2024 : जानिए क्यों मनायी जाती है नाग पंचमी
प्रत्येक माह की पंचमी तिथि के देव नाग माने जाते हैं. ऎसे में प्रत्येक माह में आने वाली पंचमी तिथि का संबंध किसी न किसी नाग से होता है. इस लिए पंचमी तिथि के दिन नाग देव के पूजन का विधान रहा है. हिन्दू
चैत्र माह स्कंद षष्ठी व्रत 2024 : जानिये पूजा विधि और महत्व के बारे में विस्तार से
हिन्दू पंचांग अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी के रुप में मनाया जाता है. इस वर्ष 13 अप्रैल 2024 को शनिवार के दिन स्कन्द षष्ठी पर्व मनाया जाएगा स्कंद भगवान को अनेकों नाम
लक्ष्मी सीता अष्टमी व्रत : विवाह सुख और आर्थिक उन्नती देता है
फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को लक्ष्मी सीता अष्टमी रूप में पूजा जाता है. देवी लक्ष्मी को सीता का स्वरुप ही माना गया है दोनों का स्वरुप एक ही है ऎसे में ये दिन लक्ष्मी-सीता अष्टमी के पूजन के लिए अत्यंत
जानें, कब और क्यों मनाते हैं गुड़ी पड़वा
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा का त्यौहार मनाया जाता है. इस वर्ष 09 अप्रैल 2024 को मंगलवार के दिन गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा. गुड़ी पड़वा को हिन्दू नव संवत्सर का आरंभ
शीतला सप्तमी : ऎसे करें शीतला माता की पूजा
शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी का पर्व माता शीतला के पूजन से संबंधित है. शीतला सप्तमी का व्रत संतान प्राप्ति एवं संतान के सुख के लिए किया जाता है. शीतला माता के व्रत में एवं इनके पूजन में बासी एवं ठंडा
कैसे और कब शुरु करें सोमवार व्रत: सोमवार व्रत में इन बातों का रखें ध्यान
सोमवार के दिन भगवान शिव और सोम देव के निमित्त जो व्रत किया जाता है, उसे सोमवार के व्रत के नाम से जान जाता है. सोमवार के व्रत में भगवान शिव का विशेष रुप से पूजन होता है. इस व्रत के दौरान भगवान शिव का
लक्ष्मी नारायण व्रत और जानिये इसकी पूजा विधि कथा विस्तार से
लक्ष्मी नारायण व्रत में देवी श्री लक्ष्मी और भगवान नारायण की संयुक्त रुप पूजा की जाती है. इस पूजा को करने से घर में धन संपदा की कभी कमी नहीं आती है. श्री लक्ष्मी नारायण व्रत दरिद्रता को दूर करने का
अन्नपूर्णा अष्टमी व्रत 2024 : नही रहती कभी धन धान्य की कमी
अन्नपूर्णा अष्टमी का पर्व फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. माता पार्वती के अनेक रुपों में से एक रुप माँ अन्न पूर्णा का भी है. जिसमें माता को अन्न की देवी भी कहा गया है. माँ
गोविन्द द्वादशी व्रत से दूर होंगे सभी दुख : जानें गोविंद द्वादशी व्रत कथा और पूजा विधि
द्वादशी तिथि का महत्व भगवान श्री विष्णु की उपासना से संबंधित होता है. जिस प्रकार एकादशी प्रत्येक माह में आती हैं, उसी प्रकार द्वादशी भी प्रत्येक माह में आती हैं और प्रत्येक माह की द्वादशी श्री विष्णु
क्यों और कब मनाई जाती है विनायक चतुर्थी ? ऎसे करें चतुर्थी पूजा
हिन्दू पंचांग अनुसार प्रत्येक माह दो पक्षों में कृष्ण पक्ष एवं शुकल पक्ष में विभाजित है. ऎसे में इन दोनों ही पक्षों में चतुर्थी तिथि आती है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना
कब है फाल्गुन पूर्णिमा 2024 : व्रत कथा व पूजा विधि
फाल्गुन पूर्णिमा एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व एवं समय होता है जो धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वरुप में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा का पर्व 25 मार्च 2024 के दिन मनाया
फाल्गुन अमावस्या 2024 : कब है और क्या है पूजा विधि
फाल्गुन अमावस्या का पर्व फाल्गुन माह की 30वीं तिथि के दिन मनाया जाता है. फाल्गुन अमावस्या में गंगा एवं पवित्र नदियों में स्नान इत्यादि का महत्व रहा है. इस अमावस्या के दौरान श्राद्धालु श्रद्धा के साथ
जया एकादशी 2024 : जानिये इसकी पूजा विधि और कथा
माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी “जया एकादशी” कहलाती है. माघ माह में आने वाली इस एकादशी में भगवान श्री विष्णु के पूजन का विधान है. एकादशी तिथि को भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. इस दिन व्रत और पूजा
ईशान व्रत और इसका महत्व 2024
ईशान व्रत अपने नाम के अनुरुप भगवान शिव से संबंधित है क्योंकि भगवान शिव का एक अन्य नाम ईशान भी है. इसी के साथ वास्तुशास्त्र में भी ईशान संबंधित दिशा की शुभता सर्वव्यापी है यह दिशा आपके लिए शुभता और
प्रदोष व्रत क्या होता है और कितने होते हैं प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत मुख्य रुप से भगवान शिव के स्वरुप को दर्शाता है. इस व्रत को मुख्य रुप से भगवान शिव की कृपा पाने हेतु किया जाता है. प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत
जानिये मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि और कथा विस्तार से
देवी दुर्गा अष्टमी तिथि की अधिकारी हैं और ये तिथि उन्हें अत्यंत प्रिय है. ऎसे में हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी के रुप में मनाया जाता है. इस दिन देवी दुर्गा का भक्ति भाव
क्यों मनाई जाती है भीष्माष्टमी और जाने इसका पौराणिक महत्व 2024
भीष्म अष्टमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को किया जाता है. इस वर्ष भीष्माष्टमी 17 फरवरी 2024 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. यह व्रत भीष्म पितामह के निमित्त किया जाता है. इस दिन महाभारत की
जानिये सुजन्म द्वादशी के व्रत की महिमा और पूजन विधि 2024
सुजन्म द्वादशी का उत्सव पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन मनाया जाता है. यह पर्व पुत्रदा एकादशी के अगले दिन द्वादशी तिथि पर आरंभ होता है. इस दिन भगवान विष्णु के पूजन का विधान है. एक अन्य
जानिए क्या है खरमास 2024 और क्यों वर्जित होते हैं शुभ मांगलिक काम खरमास में
खरमास को मांगलिक कार्यों विशेषकर विवाह के परिपेक्ष में शुभ नहीं माना जाता है. इस कारण इस समय अवधि को त्यागने की बात कही जाती है. आईये जानते हैं की खर मास होता क्या होता है. सूर्य का धनु राशि में गोचर
जानें कैसा रहेगा सूर्य ग्रहण का आपकी राशि पर प्रभाव
इस वर्ष का आखिरी ग्रहण अक्टुबर 2024 को लगेगा. 2/3 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होगा ये ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी के कंकण सूर्य ग्रहण के रुप में लगेगा. सूर्यग्रहण का आरंभ 2/3 अक्टूबर को मध्य रात्रि से