Articles in Category Puja and Rituals

चैत्र माह स्कंद षष्ठी व्रत 2025 : जानिये पूजा विधि और महत्व के बारे में विस्तार से

हिन्दू पंचांग अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी के रुप में मनाया जाता है. इस वर्ष 03 अप्रैल 2025 को गुरुवार के दिन स्कन्द षष्ठी पर्व मनाया जाएगा स्कंद भगवान को अनेकों नाम

लक्ष्मी सीता अष्टमी व्रत : विवाह सुख और आर्थिक उन्नती देता है

फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को लक्ष्मी सीता अष्टमी रूप में पूजा जाता है. देवी लक्ष्मी को सीता का स्वरुप ही माना गया है दोनों का स्वरुप एक ही है ऎसे में ये दिन लक्ष्मी-सीता अष्टमी के पूजन के लिए अत्यंत

जानें, कब और क्‍यों मनाते हैं गुड़ी पड़वा

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा का त्यौहार मनाया जाता है. इस वर्ष 30 मार्च 2025 को मंगलवार के दिन गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाएगा. गुड़ी पड़वा को हिन्दू नव संवत्सर का आरंभ समय

शीतला सप्तमी : ऎसे करें शीतला माता की पूजा

शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी का पर्व माता शीतला के पूजन से संबंधित है. शीतला सप्तमी का व्रत संतान प्राप्ति एवं संतान के सुख के लिए किया जाता है. शीतला माता के व्रत में एवं इनके पूजन में बासी एवं ठंडा

कैसे और कब शुरु करें सोमवार व्रत: सोमवार व्रत में इन बातों का रखें ध्यान

सोमवार के दिन भगवान शिव और सोम देव के निमित्त जो व्रत किया जाता है, उसे सोमवार के व्रत के नाम से जान जाता है. सोमवार के व्रत में भगवान शिव का विशेष रुप से पूजन होता है. इस व्रत के दौरान भगवान शिव का

लक्ष्मी नारायण व्रत और जानिये इसकी पूजा विधि कथा विस्तार से

लक्ष्मी नारायण व्रत में देवी श्री लक्ष्मी और भगवान नारायण की संयुक्त रुप पूजा की जाती है. इस पूजा को करने से घर में धन संपदा की कभी कमी नहीं आती है. श्री लक्ष्मी नारायण व्रत दरिद्रता को दूर करने का

कब है फाल्गुन पूर्णिमा 2025 : व्रत कथा व पूजा विधि

फाल्गुन पूर्णिमा एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व एवं समय होता है जो धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वरुप में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा का पर्व 14 मार्च 2025 के दिन मनाया

ईशान व्रत और इसका महत्व 2025

ईशान व्रत अपने नाम के अनुरुप भगवान शिव से संबंधित है क्योंकि भगवान शिव का एक अन्य नाम ईशान भी है. इसी के साथ वास्तुशास्त्र में भी ईशान संबंधित दिशा की शुभता सर्वव्यापी है यह दिशा आपके लिए शुभता और

प्रदोष व्रत क्या होता है और कितने होते हैं प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत मुख्य रुप से भगवान शिव के स्वरुप को दर्शाता है. इस व्रत को मुख्य रुप से भगवान शिव की कृपा पाने हेतु किया जाता है. प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत

जानिये मासिक दुर्गा अष्टमी पूजा विधि और कथा विस्तार से

देवी दुर्गा अष्टमी तिथि की अधिकारी हैं और ये तिथि उन्हें अत्यंत प्रिय है. ऎसे में हर माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी के रुप में मनाया जाता है. इस दिन देवी दुर्गा का भक्ति भाव

क्यों मनाई जाती है भीष्माष्टमी और जाने इसका पौराणिक महत्व 2025

भीष्म अष्टमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को किया जाता है. इस वर्ष भीष्माष्टमी 05 फरवरी 2025 को बुधवार के दिन मनाई जाएगी. यह व्रत भीष्म पितामह के निमित्त किया जाता है. इस दिन महाभारत की

जानिए क्या है खरमास 2025 और क्यों वर्जित होते हैं शुभ मांगलिक काम खरमास में

खरमास को मांगलिक कार्यों विशेषकर विवाह के परिपेक्ष में शुभ नहीं माना जाता है. इस कारण इस समय अवधि को त्यागने की बात कही जाती है. आईये जानते हैं की खर मास होता क्या होता है. सूर्य का धनु राशि में गोचर

जानें कैसा रहेगा सूर्य ग्रहण का आपकी राशि पर प्रभाव

इस वर्ष का आखिरी ग्रहण अक्टुबर 2024 को लगेगा. 2/3 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होगा ये ग्रहण एक पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी के कंकण सूर्य ग्रहण के रुप में लगेगा. सूर्यग्रहण का आरंभ 2/3 अक्टूबर को मध्य रात्रि से

तिथि वृद्धि और तिथि क्षय क्या होता है | What is Tithi Vridhi and Tithi Kshaya

तिथि पंचांग का एक महत्वपूर्ण अंग हैं. तिथि के निर्धारण से ही व्रत और त्यौहारों का आयोजन होता है. कई बार हम देखते हैं की कुछ त्यौहार या व्रत दो दिन मनाने पड़ जाते हैं. ऎसे में इनका मुख्य कारण तिथि के

दस महाविद्या साधना मंत्र । Dasha Mahavidya Mantra Sadhana

दशमहाविद्या साधना गुप्त नवरात्रों में मुख्य रुप से की जाती है. मंत्र साधना एवं सिद्धि हेतु दश महाविद्या की उपासना का बहुत महत्व बताया गया है. माता की उपासना विधि में मंत्र जाप का बहुत महत्व होता है.

जानें इस साल कब-कब लगेगा चंद्र ग्रहण

इस वर्ष 14 मार्च 2025 ओर 8 सितंबर 2025 को चंद्र ग्रहण की स्थिति बनेगी. चंद्र ग्रहण भारत में दृष्य नहीं होगा. 14 मार्च 2025 चंद्र ग्रहण (भारत में अदृष्य) ग्रहण समय ग्रहण आरंभ (स्पर्श) - 09:04 स्पर्श

जानिए क्या है गुप्त नवरात्र । गुप्त नवरात्रि महत्व

गुप्त नवरात्रों में मां दुर्गा की पूजा का विधान होता है, यह गुप्त नवरात्र साधारण जन के लिए नहीं होते हैं मुख्य रुप से इनका संबंध साधना और तंत्र के क्षेत्र से जुड़े लोगों से होता है. इन दिनों भी माता

अधिक मास उद्यापन विधि | Udyapan Rituals for Adhikmaas

अधिक मास के समय के दौरान बहुत से लोग व्रत, जप, तप और साधना करते हैं भगवान विष्णु के पूजन का ये विशेष समय होता है. इस पूरे अधिक मास को मल मास, प्भुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है इसमें पूजा और तप को ही

ज्येष्ठ अधिक मास पूर्णिमा । Jyeshtha Adhikmas Purnima Puja

हिन्दू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठा मास हिन्दू वर्ष का तीसरा माह होता है. इस माह में विशेष रुप से गंगा नदी में स्नान और पूजन करने का विधि-विधान है. इस माह में आने वाले पर्वों में गंगा दशहरा और इस माह में

चैत्र नवरात्र में शक्ति पूजा का महत्व 2025

चैत्र माह की प्रतिपदा का आरंभ नव वर्ष के आरंभ के साथ साथ दुर्गा पूजा के आरंभ का भी समय होता है. इस वर्ष 30 मार्च 2025 को चैत्र नवरात्रों के आरंभ से ही विक्रम संवत का आरंभ होगा और इसी के साथ ही