पद्म कालसर्प दोष और ज्योतिषीय मान्यताएं (Padam Kaalsarp Dosh)
पद्मनाग कोबरा को कहते हैं. यह काफी विषैला सर्प होता है. इसका विष जहां इंसान की जान ले सकता है वहीं इसके विष से दवाईयां भी बनती है जिससे इंसान की जान बचाई भी जाती है. पद्म कालसर्प भी इसी प्रकार कालसर्प दोष है. इससे व्यक्ति को जहां कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो कभी-कभी इस योग के कारण कुछ अच्छे फल भी व्यक्ति को प्राप्त होते हैं. इस कालसर्प दोष में व्यक्ति के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हें परंतु, सफलता एवं यश भी व्यक्ति को प्राप्त होता है. भारत के कई बड़े राजनीतिज्ञ हैं जिनकी जन्मपत्री में पद्म कालसर्प दोष (Padam Kaalsarp Dosh) वर्तमान है जो समय आने पर अच्छे योग के समान फलित हुए हैं. ऐसे राजनीतिज्ञों में रामविलास पासवान, नारायण दत्त तिवारी का नाम लिया जा सकता है.
क्या होता है पद्म कालसर्प दोष How Padam Kaalsarp Dosh forms?
पद्म कालसर्प योग कालसर्प (Padam Kaalsarp Dosh) का पांचवां प्रकार है. पद्म कालसर्प दोष तब बनता है जब राहु विद्या, संतान एवं पू्र्व जन्म के भाव यानी पांचवें घर में बैठता है और केतु आय स्थान यानी ग्यारहवें घर में होता है. इन दोनों घरों के बीच में सूर्य से लेकर शुक्र तक सभी ग्रह होने पर कुण्डली में पद्म कालसर्प दोष माना जाता है. पद्म कालसर्प दोष (Padam Kaalsarp Dosh) में पांचवें घर एवं ग्यारहवें घर से सम्बन्धित फल अधिक प्रभावित होते हैं.पद्म कालसर्प दोष का फल (Effects of Padam Kaalsarp Dosh)
पद्म कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को उच्च शिक्षा के दौरान कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. शिक्षा में रूकावट आने की भी गुंजाइश रहती है. मन में किसी अनहोनी घटना का भय बना रहता है. इस दोष से प्रभावित व्यक्ति यदि जुए अथवा सट्टे के माध्यम से धन कमाने की कोशिश करता है तो नुकसान की संभावना अधिक रहती है. कालसर्प दोष (Padam Kaalsarp Dosh) का यह प्रकार संतान सुख में बाधक होता है. संतान सुख की प्राप्ति देरी से होती है. संतान के स्वास्थ्य एवं अन्य विषयो को लेकर व्यक्ति को चिंताएं घेरी रहती हैं. माना यह जाता है कि पद्म कालसर्प दोष (Padam Kaalsarp Dosh)जिसकी कुण्डली में होता है उसे गुप्त रोग हो सकता है. पेट सम्बन्धी रोग के कारण व्यक्ति की सेहत में उतार-चढ़ाव बना रहता है.अपनी कुंडली में कालसर्प दोष चैक कीजिये "Check Kalsarp Dosha in Your Kundli" एकदम फ्री
पंचम भाव में राहु एवं ग्यारहवें भाव में केतु व्यक्ति के मन को अध्यात्म की ओर आकर्षित करता है. इसके कारण पद्म कालसर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति वृद्धावस्था में सन्यास ग्रहण करने की सोच सकता है. मित्रों से धोखा तथा अपयश की भी अशांका बनी रहती है.