कृष्णमूर्ति पद्धति और नवम भाव – KP Astrology and Ninth House
ज्योतिषशास्त्र में नवम भाव को भाग्य का घर कहा जाता है जबकि दसवें घर को को आजीविका स्थान के रूप में जाना जाता है. किसी भी व्यक्ति के जीवन में ये दोनों ही चीजें बहुत मायने रखते हैं. अगर आप जानना चाहते हैं कि कुण्डली के नवम भाव का आपके जीवन पर क्या प्रभाव है तथा दसवां घर आपको किस प्रकार का फल दे रहा है तो सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि इन घरों की क्या-क्या विशेषताएं हैं.
नवम भाव से विचार की जाने वाली बातें:(Other Information of the Ninth House as per K P Systems)
नवम भाव को भाग्य भाव तथा धर्म का घर भी कहते है. इस भाव से पैरो के ऊपरी हिस्से अर्थात पिंडलियों को देखा जाता है. काल पुरुष की कुण्डली के अनुसार इस भाव में गुरू की धनु राशि आती है. यह भाव धर्म का भाव होने के कारण इस भाव से व्यक्ति के धार्मिक आचरण को देखा जाता है. यह भाव बलवान होने पर व्यक्ति धर्मिक कार्यों में अधिक रूचि लेता है. नवम भाव को पिता का घर भी माना जाता है अत: पिता के विषय में जानने के लिए भी नवम भाव को देखा जाता है.
नवम भाव की विशेषताएं:(Specialties of the Ninth House as per K P Systems)
यह भाव मित्रों व छोटे भाई-बहनो के लिए विवाह स्थान होता है. इस भाव से इनके विवाह के समय का आंकलन किया जा सकता है. जीवनसाथी के छोटे-भाई बहनों के लिये भी नवम भाव का विचार किया जाता है. उच्च शिक्षा, व अनुसंधान कार्य के लिए भी नवम भाव को देखा जाता है. देश और विदेश यात्रा के विषय में जब आप कुण्डली का विश्लेषण करते है तब भी नवम भाव का विश्लेषण किया जाता है. व्यक्ति का झुकाव आध्यात्म कि ओर देखने के लिये इस घर पर केतु व गुरु का प्रभाव होना जरूरी समझा जाता है. नवम भाव नई खोज का भाव है. जिन व्यक्तियों की कुण्डली में यह भाव बलवान होता है उन्हें कुछ नया करने की चाह रहती है.
अन्य बातें:-(Other Information as per K P Systems)
यह भाव बडे पैमाने के विज्ञापनों का भाव है. धर्म ग्रन्थों को जानने में यह भाव सहयोगी होता है. समाज में व्यक्ति की छवि नवम भाव से ज्ञात की जा सकती है. किसी व्यक्ति के साथ समाज है या नहीं इसका निर्णय चतुर्थ व नवम भाव से ही किया जाता है. मुख्य रुप से इस भाव को ईश्वरीय आस्था-प्रेम के लिये देखा जाता है तथा अगले जन्म को समझने के लिये भी इसी भाव का आंकलन किया जाता है.
नवम भाव से संबन्धित अन्य फल:- (Other Results of the Ninth House as per K P Systems)
नवम भाव छोटे-भाई बहनों के विवाह का स्थान है. तथा माता की बीमारियां जानने के लिये भी इस भाव का विश्लेषण किया जाता है. नवम भाव को धन भाव भी कहते है. इस भाव से संतान की शिक्षा भी देखी जाती है तथा नवम भाव में राहु ग्रह के होने पर गैर पारम्परिक कलाओं में रुचि लेता है. नवम भाव जीवनसाथी की यात्राओं का भाव होता है. पिता का भाव होने के कारण इस भाव से पिता के स्वास्थ्य को देखा जाता है. एकादश भाव से एकादश होने के कारण यह भाव भाई-बहनों के लाभ के लिए भी देखा जाता है.
नवम भाव से संबन्धित फल:(Relationship of the Ninth House with other House and Its Results as per K P Systems)
यह भाव दशम भाव से बारहवां भाव है. इसलिये श्रम में कमी की ओर संकेत करता है. प्रमोशन में आ रही रुकावटों के लिये इस भाव को देखा जा सकता है. व्यक्ति की अधिकार सीमा में किसी प्रकार की आने वाली बाधाओं के लिये भी यह भाव मह्त्वपूर्ण समझा जाता है. न्याय स्थान होने के कारण कोर्ट-कचहरी के विषय के लिए भी इस भाव का विश्लेषण किया जा सकता है. इस भाव से अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्बन्धी विषयों को भी देखा जाता है.
नवम भाव से घर के स्थानों का विचार:- (Place of the Ninth House in the Home as per K.P.Systems)
घर का पूजा स्थल नवम भाव का स्थान माना जाता है. घर में देवी देवताओं की तस्वीरों का स्थान भी नवम भाव ही होता है.