कृष्णमूर्ति पद्धति और बुध की विशेषताएं - Qualities of Mercury as per KP Astrology

ग्रहों में बुध को राजकुमार का स्थान दिया गया है. इसलिये चंचलता व जिद्द करने की प्रवृति इनका स्वभाव कहा गया है. बुध के स्वभाव बालकों जैसा होता है. बच्चों सी समझ, शैतानी, शरारत इनके व्यवहार में मौजूद होता है. बारह राशियों में से मिथुन व कन्या राशियों (Gemini and Virgo signs) को बुध के स्वामित्व में रखा गया है. बुध के नैसर्गिक गुणों (natural qualities of Mercury ) में चतुरता व बुद्धिमानी आती है.

बुध की सामान्य विशेषताएं (General Qualities of Mercury as per KP System)

बुध की राशि वाले व्यक्तियों में उतावलापन सामान्य रुप से देखा जा सकता है. बुध में आकलन करने की योग्यता मुख्य रुप से पाई जाती है. विनोदी, हंसमुख व मजाकिया गुणों को इसके स्वभाव में शामिल किया जाता है. बुध की राशि के व्यक्तियों में अच्छी समझ देखते ही बनती है. वाक शक्ति पर बुध का अधिकार सिद्ध है. इसके अतिरिक्त श्रवणशक्ति, आवाज व ध्वनियों के लिये बुध को देखा को देखा जाता है.

शरीर के अंगों में बुध (Placement of Mercury in the Different Organs of Body as per KP System)

शरीर के अंगों में कान, संवेदना का कारक बुध को बताया गया है. शरीर में त्वचा के कारक बुध देव ही है. गला, कंठ आदि के लिये बुध को विशेष रुप से देखा जाता है.

बुध के गुण (Qualities of Mercury as per KP System)

बुध का वाणी पर अधिकार है. इसलिये बुध की राशि के व्यक्ति बातूनी भी होते है. व्यवहारिकता का गुण भी इनमें पाया जाता है. द्विस्वभाव राशियों का स्वामी (lord of the common signs) होने के कारण स्वभाव में कुछ अस्थिरता रहती है. कई कामों को एक साथ करने का प्रयास भी करते है. बुध के फलस्वरुप इन्हें शिक्षा में भी रुचि होती है. तथा पढने-लिखने का शौक भी बुध की राशि के व्यक्तियों को होता है. बुध-मंगल का संबन्ध बनने पर इस राशि के व्यक्तियों में लेखन का शौक होता है.

बुध से होने वाली बिमारियां (Disease Occur by Mercury as per KP System)

बुध तथा तीसरे भाव पर कोई अशुभ प्रभाव होने पर वाणी संबन्धी दोष होने की संभावना बनती है. बुध के पीड़ित होने पर तुतलापन, गूंगापन, श्रवण संबन्धी परेशानियां हो सकती है. बुध के प्रभाव से कानों की बीमारियां, त्वचा की संवेदनशीलता मुख्य रुप से पाई जाती है. जब जन्मकुण्डली में बुध पर शनि, मंगल, राहु-केतु का पाप प्रभाव पड़ता है तो इस प्रकार के रोग संभावना रहती है.

बुध के कार्यक्षेत्र (Working Areas of Mercury as per KP System)

व्यक्ति की आजीविका से बुध का संबन्ध आने पर वह दलाली के कार्य, शिक्षक, प्रोफेसर, वकील, सलाहकार, रिपोर्टर, दुभाषिये आदि के क्षेत्रों में कार्य करके सफलता पाने का प्रयास करता है. बुध अच्छा लेखक एवं अकाउंटेन्ट भी बनाता है. इसके अतिरिक्त संपादक, प्रकाशक, छपाई का काम करने वाले व्यक्ति भी बुध की आजीविका क्षेत्र में आते है. पोस्टल विभाग, टेलीफोन, प्रोग्रामर, ज्योतिषी सभी बुध से प्रभाव स्वरुप ही इस क्षेत्र में कार्य कर रहे होते हैं.

बुध के व्यवसायिक क्षेत्रों में (Business Related to Mercury as per KP System)

बुध को कलम व मंगल को स्याही कहा गया है. दोनों का मेल लेखन को जन्म देता है. बुध के फलस्वरुप स्टेशनरी, कलम, पेन्सिल, छपाई मशीन, समाचार पत्र आदि के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्ति को सफलता मिलती है. वाणी का कारक होने के कारण यह संप्रेषण के साधनों पर भी अधिकार रखता है. इसीलिये फोन, रेडियो, टी.वी. वायरलेस सेट आदि के क्षेत्रों में काम करने वाले व्यक्तियों की आजीविका पर बुध का प्रभाव होता है. बुध श्रवण शक्ति से संबन्धित ग्रह होने के कारण श्रवणयंत्र, कम्प्यूटर, खिलौने, कैलकूलेटर, आदि का निर्माण करने वाले व्यक्तियों की आजीविका को भी निर्देशित करता है.

बुध के स्थान (Place of Sun as per KP System)

बुध के स्थानों में शिक्षा स्थलों को शामिल किया जाता है इसलिये स्कूल, कालेज व अन्य शिक्षण संस्थानों पर बुध का स्वामित्व माना जाता है. इसके अलावा सभा स्थान, प्रसारण केन्द्र, दूर संचार केन्द्र, आदि को भी बुध का स्थल माना जाता है.

छोटी यात्राओं को बुध से देखा जाता है. इसलिये इन यात्राओं का प्रबन्ध करने का काम करने वाले व्यवसायिक क्षेत्रों को बुध के स्थानों में रखा जाता है. सभी पोस्ट आफिस, मीडिया केन्द्रों पर भी बुध का अधिकार होता है. किताबों की दुकानें, शेल्फ, लाईब्रेरी, फोन, लेटर बॉक्स इन में भी बुध का निवास होता है. छोटे कद के पेड़ पौधे, हरी सब्जियों व वाद्य यंत्र बनाने वाले पेड़ों में भी बुध का निवास माना जता है.

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