केतु और सूर्य | Ketu And Sun लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में केतु के साथ सूर्य का होना जातक के तेज में कमी करने वाला बन सकता है उसे पिता की ओर से सहायता मे कमी भी मिल सकती है किंतु वह अपने नाम को आगे ले जाने में
बृहस्पति और राहु | Rahu And Jupiter लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में राहु के साथ बृहस्पति के स्थित होने पर राहु, बृहस्पति के अधीन हो जाता है. इस घर में बृहस्पति की ही चलती है क्योंकि एक ओर तो यह इसका घर होता है. अगर
राहु और सूर्य | Rahu and Sun लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में राहु के साथ सूर्य होने पर जातक को परिवार के सुख में कमी मिलती है. मानसिक तनाव की स्थिति उसे परेशान कर सकती है. राहु इस स्थान पर सूर्य के तेज में अवरोध पैदा
केतु और बुध | Ketu and Mercury लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में केतु के साथ बुध का युति करना दोनों के फलों में अनुकूलता देने वाला हो सकता है यहां बुध केतु के साथ मिलकर उसके जैसे फलों को देने की कोशिश कर सकत है. यहां
शनि और बृहस्पति | Saturn and Jupiter लाल किताब कुण्डली में दूसरे घर अगर शनि के साथ गुरू के होने पर अनुकूलता में कमी आ सकती है. यह दोनों साथ में एक दूसरे के साथ होकर दूसरे घर के फलों में कमी कर सकते हैं. परिवार से दूरी
शनि और सूर्य | Saturn and Sun लाल किताब कुण्डली के दुसरे घर में शनि के साथ सूर्य की स्थिति व्यक्ति की भाषा में गर्मजोशी लाने का काम करती है वार्तालाप में कुछ उत्तेजना बनी रह सकती है. परंतु यहां एक दूसरे के साथ शत्रु भाव
शुक्र और बृहस्पति | Venus and Jupiter लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर शुक्र के साथ बृहस्पति के होने पर एक का ही प्रभाव फलित हो पाता है और दूसरे का प्रभाव खराब होने लगता है. इस दशा में बृहस्पति के फल नहीं मिल पाते और
बृहस्पति और सूर्य | Jupiter and Sun बहस्पति के साथ सूर्य का होना एक अच्छी स्थिति को दर्शाता है. इन दोनों का प्रभाव इस घर पर 39 वर्षों तक शुभ प्रभाव मिलता रहेगा और जातक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकेगी. यह दोनों ही
बृहस्पति और शुक्र | Jupiter and Venus बृहस्पति के साथ शुक्र यदि लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में बैठे हों तो इस दशा में बृहस्पति के फल नहीं मिल पाते और व्यक्ति को गुरू के प्रभावों से वंचित रहता है, अर्थात अगर कोई
बुध और सूर्य | Mercury And Sun लाल किताब कुण्डली में जब हम दूसरे घर में बुद के साथ सूर्य को पाते हैं तो यह तथ्य एक उज्जवल बौद्धिकता और ज्ञान का पैमाना लेकर आता है. बुध के साथ सूर्य का होना जातक क्लो ज्ञान के क्षेत्र में
लाल किताब कुण्डली का दूसरा घर धर्म ग्रह कहा जाता है यहां स्थित जो भी ग्रह हो वह धर्म ग्रह के रूप में प्रमुखता पाता है और जातक को उससे संबंधि फलों की प्राप्ति होती है. इसी के साथ इस घर का प्रमुख कारक ग्रह यदि स्वयं यहां
लाल किताब कुण्डली का दूसरा घर धर्म ग्रह कहा जाता है यहां स्थित जो भी ग्रह हो वह धर्म ग्रह के रूप में प्रमुखता पाता है और जातक को उससे संबंधि फलों की प्राप्ति होती है. इसी के साथ इस घर का प्रमुख कारक ग्रह यदि स्वयं यहां