लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में शनि का सूर्य, चंद्र, मंगल और बुध के साथ संबंध | Relation Of Saturn With Sun, Moon, Mars and Mercury In the Second House Of Lal Kitab
शनि और सूर्य | Saturn and Sun
लाल किताब कुण्डली के दुसरे घर में शनि के साथ सूर्य की स्थिति व्यक्ति की भाषा में गर्मजोशी लाने का काम करती है वार्तालाप में कुछ उत्तेजना बनी रह सकती है. परंतु यहां एक दूसरे के साथ शत्रु भाव के होने पर प्रभावों में कमी भी आती है. ऎसे समय में कुछ विशेष समय अंतराल में अन्य ग्रह अपने फलों में शुभता नहीं दे पाता है. संबंधों में भी कई बार तनाव की स्थिति बनी ही रहती है.
शनि के साथ सूर्य का होना व्यक्ति के स्वभाव में कुछ अकड़ का भाव ला सकता है. सरकार से और सेवकों से अच्छे से काम लेने में परेशानियां ही आती हैं. दोनों में शत्रुता का भाव उदय हो रहा होता है तो स्त्री पक्ष को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
शनि और चंद्रमा | Saturn and Moon
लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में शनि के साथ चंद्रमा के युति करने पर कुछ अप्रत्याशित परिणाम प्राप्त होते हैं इनका संबंध होने से व्यक्ति के स्वभाव में एक अलग सा व्यक्तित्व देखने को मिल सकता है , परिवार के साथ संबंधों में कुछ दिक्कतें आनी स्वाभाविक हैं. धन ओर संपत्ति के लिए यह स्थिति अनुकूल ही मानी जाती है आर्थिक रूप से संपन्नता बनी रहती है.
पैतृक संपत्ति का कुछ हक भी व्यक्ति को मिल ही जाता है लेकिन कई स्थानों में यह व्यक्ति को घर से दूर भी कर सकता है और सुख में भी कमी कर सकता है. जीवन में दुर्घटना होने का भय बना रहता है, अचानक से कोई हादसा उसे परेशान कर सकता है. इस भाव में बैठे इन ग्रहों के प्रभावों से बचाव के लिए जातक को शुभ कर्मों को करना चाहिए तथा किसी की मदद करते रहनी चाहिए. जातक को अपनी सेहत का ख्याल विशेष रूप से रखना चाहिए.
शनि और मंगल | Saturn and Mars
लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में शनि के साथ मंगल के युति संबंध होने पर जातक को अपने परिवार से अधिक दुसरे लोगों से लाभ की प्राप्ति होती है. जातक अपने बाहुबल से भी धन अर्जित करने में सफल होता है. जातक को लाटरी और अचानक से मिलने वालि संपदा भी मिल सकती है. जातक स्वदेश के माध्यम से भी धन प्राप्त करता है.
अपने परिवार की संपत्ति का अधिक उपयोग नहीं कर पाते हैं इस स्थान पर मंगल का प्रभाव अच्छा नहीं माना जाता है किंतु शनि धन देने में काफी सहायक बनता है. व्यक्ति का रहन सहन साधारण होता है अधिक तामझाम से वह दूर ही रहता है.
विवाह के पश्चात ससुराल पक्ष के लिए बहुत उत्तम फल देने वाला होता है. इसी के साथ ही जातक की खुद की दौलत में भी इजाफा होता है, ससुराल पक्ष की ओर से जातक को धन व संपत्ति की प्राप्ति होती है. ससुराल में कोई निसंतान नहीं रहता है. परंतु इन पर कोई अशुभ प्रभाव आ रहा हो तो फलों में कमी आती है और ससुराल पक्ष में परेशानी भी रहती है.
शनि और बुध | Saturn and Mercury
लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में शनि का संबंध बुध के साथ बनने पर शनि की वस्तुओं से लाभ ही मिलता है. जातक को बिचौलिए के रूप में कार्य करने से लाभ मिलता है और लौह संबंधी मशीनरी से भी अच्छा मुनाफा हो सकता है, इसी के साथ ही सेवकों से भी उसे लाभ मिलता है. अपने कर्मचारियों में उसे ईमानदारी के गुण मिल सकते हैं. सेवा भाव के लिए उसे कुशल लोगों की साहयता मिल जाती है.
जातक में अच्छी बौधिक क्षमता विकसित होती है. परंतु किसी पाप ग्रह का साथ मिल रहा हो तो शिक्षा में बाधाएं आ सकती हैं. जातक का स्वास्थ्य अनुकूल रहता है और भाग्य की अच्छी स्थिति उसे कार्य क्षेत्र में प्रगत्ति दिलाने में सहायक होती है. माता पिता की ओर से भी सुख व प्रेम की प्राप्ति होती है. परंतु खराब स्थिति उत्पन्न होने पर जातक के पिता के को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. व्य्र्थ की रूकावटें और आर्थिक क्षति संबंधी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है.