लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में बृहस्पति का अन्य ग्रहों के साथ संबंध | Relation of Jupiter With Other Planets In The Second House Of Lal Kitab
बृहस्पति और सूर्य | Jupiter and Sun
बहस्पति के साथ सूर्य का होना एक अच्छी स्थिति को दर्शाता है. इन दोनों का प्रभाव इस घर पर 39 वर्षों तक शुभ प्रभाव मिलता रहेगा और जातक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकेगी. यह दोनों ही सात्विकता से पूर्ण ग्रह हैं इस कारण से यह जहां भी स्थित होते हैं अपने गुणों से उक्त स्थान को अच्छा करने में सहायक होते हैं.
दूसरे घर में होने से यह स्थिति जातक को मकान का सुख देती है और अच्छे निवास का प्रतिनिधित्व करती है. संतान का सुख भोगने को मिलेगा. मकान महल के जैसा होगा और शाही सुख पाने में अच्छा रहेगा. साहस और वीरता से युक्त होगा और जातक को अपने में विश्वास होगा. कभी कभी क्रूरता पर भी उतारू हो सकता है.
जातक को जीवन में धर्म के प्रति आस्था रहती है धर्म स्थान में गुरू ओर सूर्य का साथ होने पर जातक का व्यवहार सात्विकता वाला होता है. जीवन में सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है. साहस की भावना व्याप्त रहती है. कुछ गुस्सा भी रहता है. जीवन को शानदार तरह से जीने की चाह उसकी पूरी हो सकेगी और अपने गुणों में भी शुभता को पा सकेगा.
बृहस्पति और चंद्रमा | Jupiter and Moon
लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में बृहस्पति और चंद्रमा के उत्तम फल ही कहे गए हैं. यह स्थान इन दोनों का होता है, इसलिए यहां पर आकर यह अपने कारक तत्वों के अनुरूप फल देते हैं. इस स्थान में आकर चंद्रमा के प्रभावों में वृद्धि होती है और गुरू से अधिक प्रबल फल देने में चंद्रमा काफी अग्रीण होता है.
इन दोनों के होने से जातक को सहारा भी मिलता है, दूसरों से शुभ फल मिलते हैं, जातक अपने जीवन में आगे बढ़ता है और परिवार की समृद्धि में भी सहायक बनता है. अतिरिक्त आय के स्रोत भी बढ़ते हैं. यह माता के लिए सुख का सागर भी माना गया है. जमीन जायदाद में बढो़त्तरी होती है. गुप्त दैवीय शक्तियों की प्राप्ति भी होती है.
यह दोनों अच्छे फल देने वाले बनते हैं परंतु जब इन पर बुध या राहु का साथ या दृष्टि मिल जाती है तो इनके फल बहुत अधिक प्रभावित होते हैं. इनका असर जहर के समान हो जाता है.
बृहस्पति और मंगल | Jupiter and Mars
लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में बृहस्पति के साथ मंगल के होने पर व्यक्ति को गृहस्थी का सुख मिल पाता है. वह जीवन साथी के साथ अच्छे सुखद पलों की अनुभूति पाता है, ससुराल पक्ष की ओर से भी जातक को शुभ संदेश भी मिलते हैं वहां से उसे सम्मान और सहायता दोनों की प्राप्ति होती है. लोग उसकी बात को मानने के लिए पूर्ण रूप से सहमत रहते हैं.
संबंधों में सजगता को लेकर चलता है और हर स्थिति का ख्याल रखने की कोशिश में ध्यान मग्न भी रहता है. समाज में उसकी प्रसिद्धि होती है और लोग उसके साहस को भी खूब सराहते हैं. परिश्रमी होता और अपनी मेहनत द्वारा कामयाब होने के प्रयासों में लगा रहता है.
इस घर में मंगल और गुरू के होने पर व्यक्ति को अपने साथियों और बंधुओं का भी खूब साथ मिलता है. लोग उसकी बात को पूरी तरह मानते हैं. परंतु यदि यहां पर इन ग्रहों पर खराब दृष्टि पड़ रही हो तो अच्छे फलों में कमी आ जाती है और जातक को खराब फल ही प्राप्त होते हैं.
बृहस्पति और बुध | Jupiter and Mercury
लाल किताब के दूसरे घर में बृहस्पति और बुध की संगती जातक को ज्ञानी बनाती है और उसे विद्वान लोगों से सम्मान तथा ज्ञान की प्राप्ति होती है, यह दोनों ही ग्रह व्यक्ति को बौद्धिक क्षमता देने वाले होते हैं और जातक का दिमाग तेज होता है. कार्यों में कुशलता पाता है ओर अपने काम को करने में बहुत अच्छा रहता है.
अपने ज्ञान और वाक कुशलता के द्वारा वह सभी को अपनी ओर कर लेने की क्षमता रखता है. आर्थिक रूप से जातक को सक्षम बनाती है. ऎसा जातक दूसरों को उपदेश देने में दक्ष होता है. लेकिन एक स्थिति परेशान कर सकती है कि पिता को आर्थिक घाटा हो सकता है और तंगी रह सकती है.
इन दोनों के साथ कुछ न कुछ अच्छा ही रहता है. जातक अपने फैसलों से संतुष्ट होता है. कई प्रकार के कामों से लाभ प्राप्त कर लेने की योग्यता भी रखता है. अपने वाणी का धनी होता है किसी भी पात पर अच्छा खासा वार्तालाप करने में सक्षम होता है. जातक को अपने परिवार के सदस्यों के साथ की भी प्राप्ति होती है वह उनका ख्याल रखने वाला होता है.