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मेष राशि में चंद्रमा का गोचर : नेतृत्व का समय

मेष राशि में चंद्रमा का होना एक अनुकूल स्थिति होती है. मेष राशि में चंद्रमा शुभ असर देने वाला होता है. मित्र स्थान में बैठ कर चंद्रमा नेतृत्व की कुशलता देता है. मेष में चंद्रमा का प्रभाव स्वभाव में

वृश्चिक राशि में वक्री शुक्र का गोचर, जानिए आपकी राशि पर क्या होगा प्रभाव

शुक्र विलासिता का ग्रह है जो जीवन के अनुपम सौंदर्य से संबंधित है. सौदर्य प्रेम, खुशी, आनंद, कला, खेल, नृत्य, आभूषण, सौंदर्य प्रसाधान, फैशन आदि का कारक शुक्र ग्रह ही है. शुक्र ग्रह जब वर्की होता है रो

नवमांश में शुक्र का विभिन्न भावों में शुक्र का परिणाम

नवमांश कुंडली में शुक्र का प्रभाव रिश्तों और विवाह संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है. शुक्र ग्रह वैवाहिक जीवन, प्रेम और रिश्तों की स्थिति को दर्शाता है. शुक्र ज्ञान में परिष्कार करने वाला होता है.

मिथुन राशि में बृहस्पति गोचर : ज्ञान और बुद्धि का संगम

गुरु का किसी भी राशि में होना उस राशि के साथ मिलकर गुण तत्वों को देने वाली स्थिति होति है. मिथुन राशि में जब बृहस्पति होता है तो ये समय बुद्धि और ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि का संकेत देता है. इसके

शुक्र का धनु राशि में गोचर 2024 : प्रतिभा में आएगा निखार

शुक्र का धनु राशि में गोचर : प्रतिभा में आएगा निखार  शुक्र का गोचर धनु राशि में होने पर शुक्र का प्रभाव अब काफी गतिशील दिखाई देने लगता है. इस समय के दौरान नई चीजों को अपनाना आसान होता है. कुशलता

वृषभ राशि में गुरु वक्री 2024 : विचारों में होगा वक्रता का असर

बृहस्पति का वक्री होना एक ज्योतिषिय घटना है. वृष राशि में गुरु का वर्की होना अच्छी स्थिति नहीं है. गुरु के वृष राशि में वक्री होने की घटना व्यक्ति के जीवन में नए बदलावों का संकेत देती है. अब जिद ओर

गुरु का मिथुन राशि गोचर : सभी 12 राशियों पर प्रभाव

बृहस्पति के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ ही बदलने वाली है राशियों की स्थिति. गुरु के राशि परिवर्तन के साथ ही कई राशियों पर रहेगा इसका प्रभाव. गुरु का मिथुन राशि समेत सभी राशियों के जातक पाएंगे जीवन

मीन राशि में शनि - तुला राशि पर शनि के गोचर का प्रभाव

शनि का गोचर मीन राशि में होना तुला राशि वालों के लिए रहेगा बेहद खास. तुला राशि के लिए शनि योगकारक ग्रह होते हैं. जब शनि मीन राशि में होते हैं तो तुला राशि वालों के छठे भाव को प्रभावित करने वाले होते

मीन राशि में शनि : कन्या राशि पर शनि के गोचर का प्रभाव

ज्योतिष में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह शनि जब राशि बदलाव करता है तो वे बहुत ही विशेष समय माना जाता है. इसके गोचर का सभी राशियों पर स्थायी प्रभाव डालते हुए देखा जा सकता है. मीन राशि में शनि के

मीन राशि में शनि : सिंह राशि पर शनि का प्रभाव 2025

सिंह राशि वालों के लिए शनि का गोचर कई बातों में विशेष होता है. सूर्य और शनि का संबंध अनुकूलता की कमी के चलते गोचर में भी ऎसी स्थिति को दिखाता है. मीन राशि में शनि का होना यानि आठवें भाव पर शनि का

सूर्य-शनि का समसप्तक योग : दुर्घटनाओं और असहमति का समय

सूर्य और शनि से बबने वाले योगों का असर कष्ट और परेशानी को अधिक देने वाला होता है. जब भी इन दो विरोधी ग्रहों का योग किसी भी तरह से हो रहा हो तब तब परिस्थितियां बेहद पेचीदा दिखाई देने लगती हैं. अब इसी

शुक्र का तुला राशि प्रवेश और प्रभाव

शुक्र का तुला राशि प्रवेश होना ज्योतिष में शुक्र के प्रबल होने का उसके शुभ होने का खास समय होता है. शुक्र ज्योतिष में तुला राशि का स्वामित्व पाता है ओर ऎसे में शुक्र जब अपनी स्वराशि तुला में जाता है

मीन राशि में शनि : सभी 12 राशियों पर शनि के गोचर का प्रभाव

29 मार्च 2025, शनिवार को 11:01 पी एम बजे शनि का प्रवेश मीन राशि में होगा. साल की शुरुआत के साथ, शनि बड़ी परिवर्तनकारी ग्रह घटना को देगा जिसका असर देश दुनिया से लेकर सभी राशियों पर होगा. यह एक

शुक्र का सिंह राशि में प्रवेश बढ़ सकती हैं मुश्किलें

शुक्र का गोचर सिंह राशि में होने पर इसका परिणाम कई मायनों में खास होता है. सूर्य के स्वामित्व की सिंह राशि के लिए, शुक्र का गोचर जीवन में बहुत सारे बदलाव लाने वाला होता है. इसके कारण कुछ परेशानियां

कुंडली में चंद्रमा कब अस्त होता है और उसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और इससे प्रभावित व्यक्ति हमेशा भावनात्मक रूप से अस्थिर रहता है. उत्तर कालामृत में चंद्रमा को मन का कारक भी कहा गया है. चंद्रमा को भगवान शिव

बुध के तुला राशि में प्रवेश के साथ बदलेगी इन राशियों की किस्मत

बुद्धि, बोलचाल, विवेक का स्वामी बुध ग्रह जब तुला राशि में होता है तो विचार तेजी से सामने आते चले जाते हैं. बुध तर्क और बौद्धिकता का प्रतीक है, तुला राशि वायु तत्व युक्त शुक्र के स्वामित्व की राशि है

कन्या राशि में चंद्र-केतु गोचर 2025 का प्रभाव

ग्रहों के गोचर में युति गोचर की भूमिका काफी विशेष मानी गई है. ऎसे में जब एक शुभ और एक पाप ग्रह आपस में साथ होकर गोचर करते हैं तो इसका असर व्यापक रुप से देखने को मिलता है. यह गोचर कई मायनों में अपने

शुक्र-बुध योग, एक साथ होना क्यों है इतना शुभ

बुध हमारी बुद्धि है और शुक्र सुंदरता है. यह दोनों ग्रह कोमल और प्रेम तथा भावनाओं को दर्शाते हैं एक दूसरे के साथ बहुत अच्छे से मेल खाते हैं. रिश्तों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनसे सुख भी देते हैं.

सिंह राशि में वक्री शुक्र का गोचर

सिंह राशि में शुक्र का वक्री होकर गोचर करना सभि राशियों के लिए विशेष समय होता है. शुक्र सौंदर्य का स्त्री तत्व युक्त ग्रह है जब अग्नि तत्व युक्त राशि में यह वक्री होगा तो अवश्य ही इसके परिणाम सोच से

तुला राशि में बुध और केतु की युति का गोचर फल

बुध और केतु का तुला राशि में युति गोचर फल अपने आकस्मिक परिणामों को लेकर अधिक उल्लेखनीय माना गया है. जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो परिवर्तनों और आश्चर्यों से भरा होता है. जब ग्रह