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बुध का राहु के साथ मेष राशि में गोचर 2023
बुध के मेष राशि में राहु के साथ होने की स्थिति अचानक होने वाले बदलावों को दिखाने वाली होती है. बुध और राहु का मेष राशि में गोचर अचानक से चीजों को घटित करने के लिए ऊर्जा की अधिकता देखने को मिलती है.
वक्री शुक्र का मेष राशि में गोचर का असर
शुक्र का मेष राशि में गोचर करना उसके परिभ्रमण का एक हिस्सा है, किंतु जब भ्रमण की इस स्थिति पर वक्रता का प्रभाव पड़ता है तो यह अपने प्रभाव में कई तरह के बदलाव दिखाता है. शुक्र के मेष राशि में होने का
शुक्र का कुंडली के विभिन्न भावों में गोचर फल
शुक्र को बेहद शुभ ग्रह के रुप में देखा जाता है. यह जीवन में इच्छाओं को उत्पन्न करने एवं सुखों को प्रदान करने वाला माना गया है. शुक्र की स्थिति व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक एवं विशेष असर दिखाने वाली
बुध का कुंडली के 12 भाव में गोचर फल
बुध एक ऎसा ग्रह है जो अपनी तेज रफता के साथ चलते हुए गोचर में अपना असर हर राशि पर जल्द से जल्द देने की कोशिश करता है. बुध को राशि चक्र का एक चक्र पूरा करने में लगभग साल का समय लग जाता है यह सूर्य के
मंगल का सभी 12 भावों में गोचर का प्रभाव
मंगल ग्रह का गोचर जन्म कुंडली के जिस भाव में होगा वहां बैठ कर कई तरह के असर दिखाने वाला होता है. मंगल ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 40 दिनों तक गोचर करता है. जन्म के समय चंद्रमा जिस भाव में स्थित होता
चंद्रमा के गोचर का फल कैसे मिलता है ?
गोचर नियम अनुसार ग्रहों की स्थ्ति भाव अनुरुप फल प्रदान करती है. चंद्रमा का गोचर भी उसी अनुसार काम करता है. जन्म कुंडली में चंद्रमा का असर जिस भाव में होगा उसी अनुसार परिणाम मिलते हैं. गोचर के चंद्रमा
सूर्य सिद्धांत : सूर्य गोचर में कब देता है शुभ और शुभ फल
गोचर नियम अनुसर ग्रहों की शुभता एवं अशुभता का प्रभाव जन्म राशि होने वाले ग्रह के गोचर की स्थिति पर निर्भर करता है. सभी ग्रहों की गोचर का फल उनकी इसी स्थिति के अनुसर मिलता है. जन्म कुंडली में कुछ
बुध का मीन राशि में गोचर : जानें अपनी राशि पर इसका असर
बुध का मीन राशि में गोचर विशेष होता है क्योंकि बुध के लिए मीन राशि में होना नीच राशि स्थान भी होता है. यह विभिन्न राशियों के जातकों के जीवन में बड़े बदलाव ला सकता है. बुध एक व्यक्तिगत ग्रह है जो
शुक्र का मेष राशि गोचर : जानें अपनी राशि पर इसका असर
शुक्र नई ऊर्जा और नई चीजों को बनाने का मौका देने के अलावा, लक्ष्यों को प्राप्त करने के तरीके में साहस को लाता है. मेष से पूर्व शुक्र जहां अपनी उच्च राशि में गोचर कर रहे थे अब वह वहां से हट कर मेष
बुध दोष का असर और निजात के उपाय
ज्योतिष में बुध को बुद्धि और तर्क से संबंधित ग्रह माना गया है. बुध को चंद्र और तारा की संतान एवं श्री विष्णु के भक्त रुप में भी जाना जाता है. ज्योतिष एवं धर्म ग्रंथों में बुध की महिमा बहुत अधिक है.
मकर राशि में शुक्र का गोचर फल 2024
वैदिक ज्योतिष पंचांग अनुसार शुक्र का प्रभाव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में होगा और यह प्रवेश 2024 में काफी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि मकर राशि में शनि के साथ मंगल का युति संबंध हो रहा है और अब शुक्र
सूर्य का कुम्भ राशि में गोचर
मकर राशि से निकल कर कुंभ में सूर्य का प्रवेश होने से बदलावों को देखा जा सकता है इस समय पर व्यक्तित एव विचारधारा में स्वतंत्रता का प्रभाव दिखाई देता है. सूर्य की स्थिति का प्रभाव काफी महत्वपूर्ण होता
मंगल का कर्क राशि गोचर, पराक्रम और प्रयास में कमी का समय
मंगल का कर्क राशि में प्रवेश विशेष होगा. इस समय मंगल अपनी नीचस्थ राशि में प्रवेश करेंगे. ज्योतिष में कर्क राशि में मंगल का बल कम हो जाता है. इस स्थान पर मंगल को नीच का मंगल माना गया है. मंगल के इस
शुक्र उदय क्यों है विशेष और क्या है इसका महत्व
शुक्र का उदय ओर अस्त होना ज्योतिष शास्त्र में गोचर की विशेष घटना क्रम में से होता है. जिस प्रकार बृहस्पति अपनी शुभता एवं सौभाग्य के प्रतिक माने जाते हैं उसी प्रकार शुक को भी शुभता एवं समृद्धि का
बृहस्पति का मेष राशि में गोचर 22 अप्रैल 2023
बृहस्पति गोचर 2023 मेष राशि में - 22 अप्रैल 2023 बृहस्पति को सभी ग्रहों में देवों के गुरु का स्थान प्राप्त है. बृहस्पति को शुभदायक ग्रह माना गया है यह वृद्धि एवं प्रगति का कारक भी होता है. बृहस्पति
सूर्य का मकर राशि में गोचर
सूर्य का मकर राशि में गोचर (14 जनवरी, 2023) सूर्य का मकर राशि में गोचर शुक्रवार 14 जनवरी 2023 को 20:44 बजे होगा. ज्योतिष में, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस समय पर
वक्री मंगल का वृष राशि में गोचर प्रभाव
मंगल का वक्री होना मंगल की शक्ति को कई दिशाओं में बांट देने वाला होता है. वक्री मंगल वह समय है जब व्यक्तित ऊर्जावान महसूस कर हुए भी शारीरिक शक्ति धीमी लगने लगती है. व्यवहार में असंतोष अधिक रह सकता है
बुध का मकर राशि में गोचर
बुध का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2025 को होगा. बुध इस समय धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 11 फरवरी 2025 के मध्य तक यहीं रहेंगे. बुध का गोचर मकर राशि में 24 जनवरी 2025 को शुक्रवार
सूर्य का पुनर्वसु नक्षत्र गोचर फल
सूर्य का गोचर पुनर्वसु नक्षत्र में तब होता है जब सूर्य मिथुन राशि के अंतिम चरणों की ओर अग्रसर होता है. पुनर्वसु नक्षत्र के तीन चरण मिथुन राशि में ही पड़ते हैं और इसका अम्तिम चरण कर्क राशि में होता
वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर
वक्री मंगल का मिथुन राशि में गोचर - 30 अक्टूबर 2022 मंगल का शुभ प्रभाव व्यक्ति को साहस, ताकत और पराक्रमी बनाता है, जबकि कमजोर अवस्था में ग्रह व्यक्ति के आत्मविश्वास को कमजोर करता है. यह मेष और