Articles in Category Planets

वर्ष 2022 पंचांग व्रत और त्यौहार

नववर्ष के आरंभ के साथ ही आरंभ होता है एक बार फिर से व्रत और त्यौहारों के पुनरागमन का समय होता है. इस वर्ष 2021 में आने वाले व्रत और त्योहारों का एक विस्तृत रुप हमें देखने को मिलेगा और ये व्रत और

नवंबर 2022 में ये दिन रहेंगे शादी के लिए सबसे शुभ

शादी जैसे शुभ मांगलिक कार्य के लिए एक अच्छे शुभ दिन का होना बहुत जरुरी माना गया है. प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई नया अध्याय जुड़ता ही है ऎसे में शादी-विवाह का कार्य भी दो लोगों के जीवन की

अगर आपकी कुंडली में भी है कालसर्प योग तो जानें इसका फल

जन्म कुण्डली में राहु-केतु से निर्मित होने वाला योग है. राहु को कालसर्प का मुख माना गया है. अगर राहु के साथ कोई भी ग्रह उसी राशि और नक्षत्र में शामिल हो तो वह ग्रह कालसर्प योग के मुख में ही स्थित

कैसे और कब बनता है यमघंटक योग : एक अशुभ योग

कुछ अशुभ योगों की गिनती में यमघंटक योग का नाम भी आता है. यह वह योग है जो अच्छे कार्यों में त्याज्य होता है. इस योग में व्यक्ति के किए गए शुभ कार्यों में असफलता की संभावना बढ़ जाती है. ज्योतिष में

बुध ग्रह से जाने कैसी होगी आपकी नौकरी और कैसा रहेगा आपका व्यवसाय

बुध के कारक तत्वों में जातक को कई अनेक प्रकार के व्यवसायों की प्राप्ति दिखाई देती है. बुध एक पूर्ण वैश्य रूप का ग्रह है. व्यापार से जुडे़ होने वाला एक ग्रह है जो जातक को उसके कारक तत्वों से पुष्ट

गुरु का मकर, कुम्भ और मीन राशि में होने पर ये होगा असर

मकरगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Capricorn मकरगत गुरू के होने पर गुरू अपनी निर्बल स्थिति में होता इस स्थिति में गुरू के फल को पूर्ण रूप से बली नहीं माना जाता है. यहां गुरू की स्थिति के कारण

नौकरी हो या बिजनेस कैसा रहेगा आपके लिए जानिये बृहस्पति/गुरु से

बृहस्पति को समस्त ग्रहों में शुभ ग्रह माना गया है. इसी के साथ इन्हें ज्ञान, विवेक और धन का कारक माना जाता है. इस बात से यह सपष्ट होता है कि अगर कुण्डली में गुरू उच्च एवं बली हो तो स्वभाविक ही वह शुभ

बाधक ग्रह | Badhak Graha | Badhakesh Planet

वैदिक ज्योतिष के अन्तर्गत अनगिनत योगों का उल्लेख मिलता है. बहुत से योग अच्छे हैं तो बहुत से योग खराब भी हैं. जन्म कुंडली में अरिष्ट की व्याख्या भावों के आधार पर भी की जाती है. कुछ भाव ऎसे हैं जो जीवन

क्या आपका भी सूर्य गुरु या शनि की राशि में है ?: जाने इसका प्रभाव

आज हम सूर्य की स्थिति को धनु, मकर, कुंभ तथा मीन राशियों में देखेगें. इन चारों राशियों में सूर्य के क्या फल व्यक्ति को मिलते हैं इस बात पर चर्चा की जाएगी. सूर्य की धनु राशि में विशेषता |

विदेश में निवास करने के योग | Yogas That Make You Settle Or Travel Abroad

जन्म कुंडली में बहुत से योग मौजूद होते हैं, कुछ शुभ होते हैं तो कुछ योग अशुभ भी होते हैं. कई व्यक्ति अपने ही जन्म स्थान में जीवनभर बने रहते हैं तो कुछ लोगो को जन्म स्थान से दूर रहकर ही सुख की

कुंडली से जानिए कब जा सकते हैं विदेश यात्रा के लिए

वर्तमान समय में हर व्यक्ति विदेश यात्रा करने का इच्छुक है लेकिन कितने लोग जा पाते हैं यह एक भिन्न बात हो जाती है. जिनकी कुंडली में विदेश यात्रा के योग होते हैं,संबंधित दशा व गोचर भी अनुकूल होने पर वह

कुंडली के 12 भावों में कमजोर शुक्र ग्रह का फल

कुंडली में अपनी स्थिति विशेष के कारण अथवा किसी बुरे ग्रह के प्रभाव में आकर भी शुक्र बलहीन हो जाते हैं. इसके बलहहीन होने के प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन अथवा प्रेम संबंधों मेंतनाव को उत्पन्न कर सकते

कमजोर बृहस्पति के फल | Effects of Weak Jupiter in Different Houses

कोई ग्रह कुण्डली में किस अवस्था में है यदि ग्रह नीच का है, वक्री है, पाप ग्रहों के साथ है या इनसे दृष्ट है, खराब भावों में स्थित है, षडबल में कमजोर है, अन्य अवस्थाओं में निर्बल हो इत्यादि तथ्यों से

बृहस्पति के भिन्नाष्टकवर्ग का विवेचन | Analysis Of Bheenashtakvarga of Jupiter

अष्टकवर्ग में बृहस्पति के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा जातक को बृहस्पति से प्राप्त होने वाले शुभाशुभ परिणामों की विवेचना के लिए बिन्दुओं की संख्या का निर्धारण करने की आवश्यकता पड़ती है. बृहस्पति को समस्त

बुध के भिन्नाष्टक का विवेचन | Analysis of Bheenashtakvarga of Mercury

अष्टकवर्ग में बुध के फलों के बारे में जानने के लिए उसके भिन्नाष्ट वर्ग में प्राप्त बिन्दुओं की संख्या द्वारा समझना आसान होता है. किसी जातक की कुण्डली में 0 से 3 बिन्दुओं के साथ स्थित बुध निर्बल होता

मेष राशि और मेष जातक के बारे में जाने संपूर्ण जानकारी

वैदिक ज्योतिष का मुख्य आधार जन्म कुंडली और उसमें स्थापित नौ ग्रह, बारह राशियाँ व 27 नक्षत्र हैं. इन्हीं के आपसी संबंध से योग बनते हैं और इन्हीं के आधार पर दशाएँ होती है. ज्योतिष में बारह राशियों का

जन्म कुंडली में कैंसर रोग के कारण | Causes for Cancer Disease in Janam Kundli

किसी भी रोग के होने की संभावना को एक कुशल ज्योतिषी अपने पूर्वानुमान से बता सकता है लेकिन इसके लिए कुंडली में मौजूद बहुत सी बातों का मिलना जरुरी है. पाठको को किसी एक बात को लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम

अगर आपकी कुंडली में हैं ये योग तो जा सकते हैं विदेश

जन्म कुंडली में बहुत से शुभ - अशुभ योगो के साथ विदेश यात्रा के योग भी मौजूद होते हैं. जब अनुकूल ग्रहों की दशा/अन्तर्दशा कुंडली में चलती है तब व्यक्ति विदेश जाता है. वर्तमान समय में विदेश जाना सम्मान

चंद्रमा का भिन्नाष्टक और उसका फलकथन

चंद्रमा के भिन्नाष्टकवर्ग द्वारा जातक के शुभाशुभ फलों के बारे में बताया जा सकता है. कुण्डली में 4 बिन्दुओं के साथ स्थित चंद्रमा औसत स्तर का फल देने वाला बनता है. परंतु यदि यह 5 से 8 बिन्दुओं के साथ

मृत्यु भाग के ग्रह ऎसे बनते हैं मृत्यु तुल्य कष्ट कारण

वैदिक ज्योतिष में जीवन के हर पहलू का विश्लेषण किया गया है. जन्म से लेकर मृत्यु तक का फलकथन किया जाता है. जीवन की सभी घटनाओं की जानकारी का अध्ययन सूक्ष्मता से किया जा सकता है बशर्ते कि ज्योतिषी