वैदिक ज्योतिष में कुछ ऎसे योगों के विषय में चर्चा मिलती है जो अत्यंत ही शुभ योगों की श्रेणी में आते हैं. ऎसे ही कुछ योगों में गुरु पुष्य योग और रवि पुष्य योग का नाम आता है. यह दोनों ही योग किसी भी काम को करने में शुभता प्रदान करने वाले होते हैं. इनका उपयोग करके व्यक्ति अपनी काम करने की क्षमत अको बेहतर कर सकता है ओर जो भी वह करना चाहिए उसमें उसे अच्छे परिणाम भी प्राप्त हो सकते हैं.
गुरु पुष्य योग का निर्माण गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र के होने पर होता है. गुरु अर्थात ज्ञान और अत्यंत शुभ ग्रह का स्वरुप एवं पुष्य नक्षत्र जो सौम्य शुभ और महानक्षत्र कहलाता है. जिस कारण इन दोनों का संगम होने पर एक अत्यंत समय अवधि का निर्माण होता है. इस समय में काम की शुभता स्वयं ही बढ़ जाती है.
रविपुष्य योग का निर्माण रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र के होने पर होता है.
रवि पुष्य योग में किए जाने वाले काम
ज्योतिष में रवि पुष्य योग के दोरान मुख्य रुप से पारंपरिक स्वरुप में कोई दवाई इत्यादि का निर्माण करना बहुत शुभ होता है. इस समय पर बनाई गई औषधी का प्रभाव रोग को जल्द से जल्द समाप्त करने वाला होता है और रोगी को तुरंत लाभ मिलता है. आयुर्वेद में तो यह समय दवाई को बनाने के लिए बहुत ही शुभ अच्छा माना गया है. इसके अलावा विशेष रोग में रोगी को अगर इस समय पर औषद्धि खिलाई जाए तो इसका भी सकारात्मक असर पड़ता है ओर रोग की शांति भी जल्द होती है. रवि पुष्य योग में मंत्र सिद्धि एवं यंत्र इत्यादि बनाने का काम भी उपयुक्त होता है और यह शुभता को बढ़ाता है.
गुरु पुष्य योग में किए जाने वाले काम
गुरु पुष्य योग में शिक्षा ग्रहण करना अत्यंत शुभ होता है. इसके साथ ही किसी योग्य शिक्ष एवं गुरु द्वारा दीक्षा लेने के लिए इस समय का चयन किया जाना उपयुक्त कहा गया है. इस समय के दौरान तंत्र, मंत्र या किसी महत्वपूर्ण विषय के बारे में ज्ञान प्राप्ति करना शुभ होता है. इस समय पर प्राप्त किया गया व्यक्ति को सदैव स्मरण रहता है और उसका उसे लाभ भी प्राप्त होता है.
इसके साथ ही इस समय के दौरन में कोई पूजा, यज्ञ, हव अनुष्ठान इत्यादि कार्य करने भी शुभ माने गए हैं. लम्बी दूरी की यात्रा करना, स्कूल में बच्चे के लिए एडमिशन करवाने का समय या फिर उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश प्राप्ति के लिए इस मुहूर्त समय का चयन अत्यंत लाभदायक होता है.
2025 में बनने वाले गुरुपुष्य योग और रवि पुष्य योग तिथियां
गुरुपुष्य योग तिथियाँ 2025
प्रारंभ काल | समाप्तिकाल | ||
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दिनाँक | समय (घं. मि.) | दिनाँक | समय (घं. मि.) |
24 जुलाई | 16:44 | 25 जुलाई | सूर्योदयकाल |
21 अगस्त | सूर्योदयकाल | 21 अगस्त | 24:09 |
18 सितंबर | सूर्योदयकाल | 18 सितंबर | 06:33 |
रवि पुष्य योग तिथियां 2025
प्रारंभ काल | समाप्तिकाल | ||
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दिनाँक | समय (घं. मि.) | दिनाँक | समय (घं. मि.) |
04 जनवरी | 15:21 | 05 जून | सूर्योदयकाल |
01 फरवरी | सूर्योदयकाल | 01 फरवरी | 23:58 |
01 मार्च | सूर्योदयकाल | 01 मार्च | 08:35 |