वक्री मंगल कर्क राशि में नव ग्रहों में मंगल को जोश और साहस का ग्रह माना जाता है. मंगल जब भी गोचर में बदलाव करता है उसका असर सभी पर होता है. जब मंगल कर्क राशि में वक्री होता है तो ये स्थिति मिलेजुले असर दिखा सकती है. कुछ
कुंभ संक्रांति का समय सूर्य देव के शनि की राशि कुंभ में प्रवेश का खास समय होता है. कुंभ संक्रांति के दौरान सुर्य देव की स्थिति उत्तरायण की ओर होती है जो विशेष प्रभाव देने वाली होती है. कुंभ संक्रांति का समय 13 फरवरी
शनि वृश्चिक राशि वालों के लिए तीसरे और चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह है. मीन राशि में शनि का प्रवेश होने पर यह यह वृश्चिक राशि वालों के पंचम भाव में गोचर करता है. शनि का वृश्चिक राशि वालों के लिए केन्द्र भाव के स्वामी होते
शुक्र केतु युति योग का विवाह पर प्रभाव शुक्र और केतु की युति के प्रभाव से विशेष गुण फलों की प्राप्ति होती है. शुक्र और केतु का योग सभी भावों में राशि और भाव अनुसार फल देने वाला होता है. शुक्र और केतु का प्रभाव व्यक्ति
मीन राशि में अब शनि का गोचर लाएगा शनि साढ़ेसाती और शनि ढ़ैया प्रभाव. शनि लोगों के सामने आने वाले कल की रुपरेखा रखेगा. नई जिम्मेदारियों को संभालने और योजनाओं को क्रियान्वित करने का आत्मविश्वास देगा. मीन में जब शनि कुंभ
मीन राशि स्वामी बृहस्पति का गोचर वार्षिक राशिफल के लिए होता है बेहद विशेष. बृहस्पति की स्थिति के अलावा अन्य ग्रहों का गोचर करियर से लेकर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर डालेगा अपना असर. इस समय नौकरी में बदलाव के साथ साथ घर
मकर राशि अपने व्यक्तित्व और दृढ़ता के लिए जानी जाती है. इस राशि के जातकों दक्षता और कुशलता बेहतरीन होती है. मकर राशि शनि के प्रभाव की राशि और इसी कारण 2025 इन राशियों के लिए होने वाला है बेहद विशेष. इस बार एक बार फिर से
धनु राशिफल बृहस्पति की राशि है. यह एक बेहद ही आकर्षक, एकाग्र, परिश्रमी और साहस से ओत-प्रोत राशि है. गुरु का गोचर जब भी बदलाव में आता है धनु राशियों के लिए विशेष परिणाम देने वाला होता है. इस साल भी गुरु एक राशि से निकल
वृश्चिक राशिफल 2025 : गुरु और राहु का असर देगा बदलाव के संकेत वृश्चिक राशिफल राशि चक्र की आठवीं राशि है. वृश्चिक राशि के लिए नए साल की शुरुआत बेहद विशेष होती है. इस साल काम को करने के लिए कमर कस लेने की आवश्यकता होगी.
तुला राशि बेहद आकर्षक एवं प्रतिभाशाली राशि है. इस राशि के स्वामी शुक्र हैं और इस तुला राशि के लिए शनि देव योगकारक होते हैं. शुक्र के स्वामित्व वाली तुला राशि के लिए इस साल का समय अच्छा रहेगा. इस साल तुला राशि वाले अपने
सिंह राशि सूर्य के स्वामित्व की राशि है ओर बेहद प्रभावशालि राशियों कि श्रेणी में स्थान पाती है. सिंह राशि वालोम के लिए वार्षिक राशिफल की स्थिति राशि स्वामी सूर्य की स्थिति के साथ साथ अन्य ग्रहोम के गोचर पर निर्भर करती
कर्क राशि के लिए शनि सातवें भाव और आठवें भाव का स्वामी है. यह आपकी जन्म कुंडली में नवम भाव (भाग्य भाव) में प्रवेश करेगा. शनि को सभी 12 राशियों का चक्कर लगाने में लगभग 30 वर्ष लग जाते हैं. अब समय आ गया है कि यह ग्रह अपनी
वृषभ वार्षिक राशिफल 2025 वृषभ राशि के लोगों के लिए 2025 राशिफल के अनुसार इस वर्ष अनुकूल परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. आपका व्यावहारिक क्षेत्र में सफल होंगे. इस समय मानसिक रुप से कुछ बातें चिंता देंगे लेकिन आपका स्वभाव
शनि कुंडली में अठवें और नवम भाव का स्वामी है. 2025 में, यह मिथुन राशि के लिए दसवें भाव में गोचर करेगा, कुंडली का दसवां भाव कर्म भाव भी कहा जाता है और शनि दसवें भाव का कारक ग्रह भी है. इसलिए यह समय अनुकूल रहेगा. पूर्व
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की इच्छा किसी छात्र के मन में बहुत अधिक देखने को मिल सकती है तो कई बार हम अपने करियर को बेहतर बनाए के लिए भी उच्च शिक्षा की ओर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं. आप अपने जीवन में शिक्षा का
ज्योतिष में बुध की स्थिति हमारे संचार, बुद्धि और अनुकूलन क्षमता के लिए बहुत विशेष होती है. संचार और मानसिक कौशल पर इसका बेहतरीन नियंत्रण होता है. बुध व्यक्ति के सोचने और काम करने की प्रवृत्ति को गहराई से प्रभावित करने
कन्या लग्न के प्रभाव से व्यक्ति में संघर्षों से लड़ने की क्षमता होती है. यह राशि पृथ्वी तत्व की राशि मानी जाती है इसलिए यह परिस्थिति से उबरने में सक्षम होती है. बुध इसके लग्न का स्वामी होता है. बुध बौद्धिक क्षमता का
शुक्र के सिंह राशि में प्रवेश के साथ ही कई तरह के बदलाव सभी को दिखाई देंगे. सिंह राशि में शुक्र का प्रवेश नई संभावनाओं को देने वाला होगा. जिस समय शुक्र सिंह राशि में गोचर करेगा उस समय एक प्रकार की सौम्यता की कमी दिखाई
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि मंगल और शनि के योग को अच्छा संकेत नहीं माना जाता है. इन दोनों का संयोग हर किसी के जीवन में कष्ट और संघर्ष लेकर आता है. मंगल ग्रह और शनि योग क अप्रभाव व्यक्ति की कुंडली के साथ साथ विश्व को
राहु के साथ चंद्रमा का प्रभाव विभिन्न फल प्रदान करने वाला होता है. इसका असर गहराई से पड़ता है. राहु एक पाप ग्रह है चंद्रमा एक शुभ ग्रह है. ग्रह के साथ का प्रभाव मिलकर कई तरह से अपना असर दिखाने वाला होता है. जन्म कुंडली
अष्टकवर्ग में त्रिकोण शोधन एक महत्वपूर्ण शोधन होता है. यह ग्रह की स्थिति एवं उसकी क्षमता को दर्शाता है. अष्टकवर्ग के सिद्धांतों का सही प्रकार से उपयोग करने के बाद कुण्डली की विवेचना करने में ओर उसके परिणाम समझने में
कुम्भ राशि शनि देव की राशि है, कुम्भ राशि में जब भी किसी ग्रह का संपर्क होता है तो वह एक महत्वपूर्ण समय होता है. मनुष्य के जीवन में धन, ऐश्वर्य और सुखों की प्राप्ति के कारक रुप में शुक्र ग्रह को अग्रीण स्थान प्राप्त है.
ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों ग्रहों का एक बेहतर स्थान है. सूर्य ग्रह क्रूर होकर भी शुभता को दर्शाते हैं वहीं शुक को भी शुभ ग्रह माना जाता है. पर जब बात आती है इन दोनों के एक साथ होने की तब इस शुभता में कुछ कमी को देखा
अन्य ग्रहों की तरह शुक्र भी व्यक्ति के निजी जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह शुभ ग्रह प्रेम जीवन में सुख और आनंद प्रदान करने वाला है. शुक्र विवाह, प्रेम संबंधों और व्यभिचार का भी कारक है. व्यक्ति की जन्म कुंडली
धनु संक्रांति सूर्य का धनु राशि प्रवेश समय है. इस समय पर सूर्य वृश्चिक राशि से निकल कर धनु राशि में प्रवेश करते हैं और एक माह धनु राशि में गोचरस्थ होंगे. इस गोचरकाल के समय को खर मास के नाम से भी जाना जाता रहा है.
शनि एक सबसे धीमी गति के ग्रह हैं. यह कर्मों के अनुरुप व्यक्ति को उसका फल प्रदान करते हैं इसलिए इन्हें न्यायकर्ता और दण्डनायक भी कहा जाता है. शनि का जीवन पर प्रभाव व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक हर तरह से प्रभावित
कुंभ राशि में बुध ग्रह का होना बहुत सी विशेषताओं को लिए होता है. कुम्भ की विशेषताओं में बुद्धि, रचनात्मकता और परिवर्तन की इच्छा शक्ति शामिल होती है. कुम्भ राशि का दुनिया पर एक बड़ा प्रभाव पड़ता है. यह सुधार की तलाश करने
ज्योतिष में कई तरह के योग ऎसे हैं जो जीवन में भाग्य के निर्माण के लिए बाधा का कार्य करने वाले होते हैं इन्ही में से एक अमावस्या दोष के रुप में जाना जाता है. इस दोष का प्रभाव व्यक्ति के भविष्य निर्माण में व्यवधानों का
साढ़े साती से तात्पर्य साढ़े सात साल की अवधि से है जिसमें शनि तीन राशियों, चंद्र राशि, और एक राशि चंद्रमा से पहले और एक उसके बाद में चलता है. साढ़े साती तब शुरू होती है जब शनि जन्म चंद्र राशि से बारहवीं राशि में प्रवेश
ज्योतिष में कर्म की अवधारणा काफी गहराई से समाहित है. यह एक कठिन अवधारणा है लेकिन जब कुंडली में इसे देखते हैं, तो पाते हैं की ये जातक के कर्म एवं उससे मिलने वाले परिणामों का विशेष संबंध दर्शाती है. कुंडली का दसवां भाव
कर्क लग्न के लिए मारक ग्रह और कब होता है मारक का असर कर्क लग्न के लिए यदि मारक ग्रह की बात की जाए तो कर्क लग्न के दूसरे भाव और सातवें भाव स्थान को मारक स्थान कहा जाएगा. अब कुंडली के दूसरे और सातवें भाव के स्वामी इसके
वृष लग्न शुक्र के स्वामित्व का लग्न है इस लग्न के लिए दूसरे और सातवें भाव को मारक कहा जाता है. दूसरे और सातवें भाव के राशि स्वामी को मारकेश कहा जाएगा. वृष लग्न के लिए द्वितीय भाव में मिथुन राशि आती है और मिथुन राशि का
ज्योतिष शास्त्र में ग्रह और नक्षत्रों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन की सभी गतिविधियों पर पड़ता है. इन सभी के अच्छे और खराब फल व्यक्ति पर पड़ते हैं. कुछ न कुछ उतार-चढाव हर व्यक्ति के जीवन को अवश्य प्रभावित करते हैं. सुख और
जब दो ग्रह एक ही राशि में होते हैं तो युति योग का निर्माण करते हैं, जिससे कुंडली पर इनका गहरा असर पड़ता है. यह संयोग अक्सर भाग्य पर अचानक होने वाले और अनिश्चित प्रभाव डालता है, जिससे आपकी कुंडली में सबसे विशेष तरीके से
सूर्य और बृहस्पति का योग शुभस्थ स्थिति का कारक माना गया है. यह दोनों ही ग्रह बुद्धि, ज्ञान और आत्मिक विकास के लिए उत्तम होते हैं. ज्योतिष के संदर्भ में सूर्य राजा है और वहीं सष्टि में जीवन के विकास का आधार भी है. दूसरी
ज्योतिष में ग्रहों की अस्त स्थिति काफी महत्वपूर्ण रह सकती है. सूर्य का प्रभाव ही ग्रहों को अस्त करने के लिए महत्वपूर्ण कारक बनता है. सूर्य के समीप आकर सभी ग्रहों का असर कमजोर हो जाता है. सुर्य के कारण ही ग्रह अस्त होते
ज्योतिष में कई तरह के शुभ एवं अशुभ योगों का वर्णन प्राप्त होता है. इन योगों के प्रभाव स्वरुप किसी व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के फलों की प्राप्ति होती है. एक विशेष योग बालारिष्ट भी ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण
मीन राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी बृहस्पति का मीन राशि गोचर होगा इसके पश्चात 28 जुलाई को बृहस्पति मीन राशि में वक्री होकर गोचर करेंगे. मंगल का गोचर मेष राशि में होगा. माह आरंभ
कुंभ राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी शनि का वक्री अवस्था में ही गोचर कुंभ राशि में होगा और 12 जुलाई को शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश करेंगे तथा वहीं गोचरस्थ रहेंगे. माह
मकर राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी शनि का वक्री अवस्था में ही गोचर कुंभ राशि में होगा और 12 जुलाई को शनि वक्री अवस्था में मकर राशि में प्रवेश करेंगे तथा वहीं गोचरस्थ रहेंगे. माह
धनु राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी बृहस्पति का मीन राशि गोचर होगा इसके पश्चात 28 जुलाई को बृहस्पति मीन राशि में वक्री होकर गोचर करेंगे मंगल का गोचर मेष राशि में होगा. माह आरंभ
वृश्चिक राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी मंगल का गोचर मेष राशि में होगा. माह आरंभ में सूर्य का गोचर मिथुन में होगा उसके पश्चात माह मध्य 16 जुलाई से कर्क में राशि में गोचरस्थ आरंभ
तुला राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी शुक्र माह आरंभ में वृषभ में होंगे इसके बाद 13 जुलाई को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. माह आरंभ में सूर्य का गोचर मिथुन में होगा उसके पश्चात माह
मिथुन राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी बुध वृष राशि में गोचरस्थ होंगे, 2 जुलाई को बुध वृष से निकल कर मिथुन में होंगे 16 जुलाई को कर्क में जाकर गोचरस्थ होंगे. 5 जुलाई को पूर्व में
सिंह राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी सूर्य माह आरंभ में मिथुन में गोचर करेंगे, उसके पश्चात माह मध्य 16 जुलाई से कर्क में राशि में प्रवेश करेंगे तथा गोचरस्थ रहेंगे. माह आरंभ में
कर्क राशि के जातकों के लिए आर्थिक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव बना रहने वाला है. कुछ न कुछ ऐसे मौके सामने दिखाई देंगे जिनके कारण आप लाभ ओर हानि दोनों को देखेंगे. इस समय के दौरान स्थितियां काफी मिलेजुले असर की होगी. अपने लिए
मिथुन राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी बुध वृष राशि में गोचरस्थ होंगे, 2 जुलाई को बुध वृष से निकल कर मिथुन में होंगे 16 जुलाई को कर्क में जाकर गोचरस्थ होंगे. 5 जुलाई को पूर्व में
वृषभ राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी शुक्र माह आरंभ में वृषभ में होंगे इसके बाद 13 जुलाई को मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. माह आरंभ में सूर्य का गोचर मिथुन में होगा उसके पश्चात माह
मेष राशि के लिए जुलाई माह में ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहेगी. राशि स्वामी मंगल का गोचर मेष राशि में होगा. माह आरंभ में सूर्य का गोचर मिथुन में होगा उसके पश्चात माह मध्य 16 जुलाई से कर्क में राशि में गोचरस्थ आरंभ होगा.
माह के आरंभ में मीन राशि के लिए ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहने वाली है. राशि स्वामी गुरु माह के आरंभ में मीन राशि में गोचरस्थ होंगे. मंगल का गोचर भी मीन राशि में होने से गुरु मंगल युति का निर्माण होगा. सूर्य माह आरंभ
माह के आरंभ में कुंभ राशि के लिए ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहने वाली है. राशि स्वामी शनि का गोचर अपनी स्वराशि कुंभ में होगा. इसी समय शनि कुंभ राशि में वक्री भी होंगे. गुरु माह के आरंभ में मीन राशि में गोचरस्थ होंगे.
माह के आरंभ में मकर राशि के लिए ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहने वाली है. राशि स्वामी शनि का गोचर कुंभ राशि में होगा. जून को शनि कुंभ राशि में वक्री होंगे. गुरु माह के आरंभ में मीन राशि में गोचरस्थ होंगे. मंगल का गोचर भी
माह के आरंभ में धनु राशि के लिए ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहने वाली है. राशि स्वामी गुरु(बृहस्पति) माह के आरंभ में मीन राशि में गोचरस्थ होंगे. मंगल का गोचर भी मीन राशि में होने से गुरु मंगल युति का निर्माण होगा ओर इस
माह के आरंभ में वृश्चिक राशि के लिए ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहने वाली है. राशि स्वामी मंगल माह के आरंभ में मीन राशि में गोचरस्थ होगा. मीन राशि में मंगल का युति संबंध बृहस्पति से होगा, 27 जून को मंगल मेष राशि में
माह के आरंभ में तुला राशि के लिए ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहने वाली है. राशि स्वामी शुक्र माह आरंभ में मेष राशि में राहु के साथ युति संबंध में गोचरस्थ होगा. 18 जून को शुक्र वृष राशि में प्रवेश करेंगे जहां बुध के साथ
माह के आरंभ में कन्या राशि के लिए ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहने वाली है. राशि स्वामी बुध माह आरंभ में वृष राशि में होंगे. बुध पूरे माह वृष राशि में गोचरस्थ होंगे 3 जून को बुध वक्री अवस्था से मार्गी होकर गोचरस्थ होंगे.
कर्क राशि वालों के लिए माह का आरंभिक समय आर्थिक स्थिति के लिए सामान्य रह सकता है. आय के स्त्रोत बने रह सकते हैं. ( frogbones ) उत्साह बना रहेगा. कुछ मामलों में स्थिति एकाग्रता की कमी से परेशान हो सकती है. घरेलू स्तर पर
राशि स्वामी के द्वादश भाव स्थन में होने के कारण वित्तीय मामलों में आपको खर्चों की अधिकता देखने को मिल सकती है. इस समय आपका धन स्वास्थ्य, यात्रा, जीवनसाथी एवं बाहरी कार्यों पर अधिक व्यय होता दिखाई देता है. कुछ कानूनी
वृष राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. राशि स्वामी शुक्र मेष राशि में गोचर करेंगे. शुक्र की युति इस समय मेष राशि में राहु के साथ होगी. 18 जून को शुक्र का राशि परिवर्तन वृष राशि में होगा तब
माह के आरंभ में मेष राशि के लिए ग्रहों की स्थिति इस प्रकार रहने वाली है. राशि स्वामी मंगल माह आरंभ में मीन राशि में गोचरस्थ होंगे. मीन राशि में मंगल का युति संबंध बृहस्पति से होगा, इसके पश्चात माह के आखिर में मंगल मीन
इस माह आपके पास कुछ सकारात्मक अवसर होंगे, राशि स्वामी की मजबूत स्थिति के चलते आप कुछ अच्छे लाभ को प्राप्त कर पाने में सक्षम होंगे. आप अपनी मेहनत का कुछ लाभ इस समय प्राप्त कर पाएंगे. आपके परिश्रम का बेहतर फल आप को
कुंभ राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. राशि स्वामी शनि का गोचर कुंभ राशि में होगा. बुध का गोचर माह के आरंभ में वृष राशि में होगा. 10 मई में बुध वृषभ राशि में वक्री होकर गोचर करेंगे. 14 मई को
मकर राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. राशि स्वामी शनि का गोचर कुंभ राशि में होगा. बुध का गोचर माह के आरंभ में वृष राशि में होगा. 10 मई में बुध वृषभ राशि में वक्री होकर गोचर करेंगे. 14 मई को
धनु राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. राशि स्वामी बृहस्पति का गोचर मीन राशि में होगा. बुध का गोचर माह के आरंभ में वृष राशि में होगा. 10 मई में बुध वृषभ राशि में वक्री होकर गोचर करेंगे. 14 मई
वृश्चिक राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. माह के आरंभ में मंगल का गोचर इस समय पर कुंभ राशि में हो रहा होगा. मंगल की शनि के साथ युति इस समय कुंभ राशि में बन रही होगी. 17 मई मंगल का राशि
तुला राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. माह आरंभ में राशि स्वामी शुक्र मीन राशि में गोचर करेंगे. 23 मई शुक्र का राशि परिवर्तन मेष राशि में होगा. बुध का गोचर माह के आरंभ में वृष राशि में होगा.
कन्या राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. राशि स्वामी बुध का गोचर माह के आरंभ में वृष राशि में होगा. 10 मई में बुध वृषभ राशि में वक्री होकर गोचर करेंगे. 14 मई को बुध की युति सूर्य के साथ वृषभ
सिंह राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. राशि स्वामी सूर्य का गोचर माह के आरंभ में मेष राशि में होगा यहां पर सूर्य का युति संबंध राहु के साथ होगा. माह मध्य के बाद सूर्य का राशि परिवर्तन वृषभ
कर्क राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. राशि स्वामी चंद्रमा का गोचर माह के आरंभ में मेष राशि में होगा. बुध का गोचर माह आरंभ में वृष राशि में होगा. 10 मई में बुध वृषभ राशि में वक्री होकर गोचर
वृष राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार होगी. राशि स्वामी शुक्र मीन राशि में गोचर करेंगे. शुक्र की युति इस समय मीन राशि में बृहस्पति के साथ होगी. मंगल और शनि का गोचर इस समय पर कुंभ राशि में हो रहा
मीन राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. राशि स्वामी बृहस्पति माह के आरंभ में कुंभ में होंगे लेकिन माह मध्य से अपनी मीन राशि में गोचर करेंगे. आरंभ में शुक्र और गुरु का युति संबंध कुंभ राशि
माह के इस समय पर राशि स्वामी इस समय मंगल के साथ स्थित है, आप में उत्साह और प्रयास बहुत अधिक होगा. इस समय के दौरान आप परिश्रमी अधिक रह सकते हैं. नई योजनाओं में आप व्यस्त रह सकते हैं खर्चों की अधिकता का भी समय है और साथ
मकर राशि के लिए इस समय के दौरान आर्थिक लाभ वृद्धि और काम-काज में वृद्धि का समय होगा. इस समय शनि का प्रभाव आपको उत्साहित बनाने वाला होगा. आप परिवार के लिए काफी प्रयासशील हो सकते हैं. नई चीजों को लेकर आप सोच विचार में
धनु राशि वालों के लिए ये माह काफी महत्व रखने वाला है क्योंकि राशि स्वामी की स्थिति इसी माह बदलने वाली है. एक लम्बे समय से कुंभ राशि में गोचर करने के बाद बृहस्पति अपनी स्वराशि मीन में प्रवेश करेंगे जिसके चलते इस माह के
वृश्चिक राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. राशि स्वामी मंगल मकर राशि में शनि के साथ स्थित होंगे. शुक्र और गुरु का युति संबंध कुंभ राशि में दिखाई देगा. सूर्य बुध का संबंध मीन राशि में होगा
तुला राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. राशि स्वामी शुक्र कुंभ राशि में गोचर करेंगे. मंगल मकर राशि में शनि के साथ स्थित होंगे. सूर्य बुध का संबंध मीन राशि में होगा माह मध्य के पश्चात ग्रहों
कन्या राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. राशि स्वामी बुध माह के आरंभ में कमजोर स्थिति में मीन राशि में होंगे लेकिन सप्ताह के दौरान ही राशि परिवर्तन होने से मेष में होंगे. इसी प्रकार आरंभिक
कर्क राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. माह के शुरु में राशि स्वामी सूर्य का गोचर मीन राशि में होगा माह मध्य के बाद मेष में प्रवेश होगा. बुध माह के आरंभ में कमजोर स्थिति में मीन राशि में
कर्क राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. राशि स्वामी चंद्रमा का गोचर भी प्रभावी होगा. बुध माह के आरंभ में कमजोर स्थिति में मीन राशि में होंगे लेकिन सप्ताह के दौरान ही राशि परिवर्तन होने से
मिथुन राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. राशि स्वामी बुध माह के आरंभ में कमजोर स्थिति में मीन राशि में होंगे लेकिन सप्ताह के दौरान ही राशि परिवर्तन होने से मेष में होंगे. इसी प्रकार आरंभिक
वृष राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. राशि स्वामी शुक्र कुंभ राशि में गोचर करेंगे. मंगल मकर राशि में शनि के साथ स्थित होंगे. सूर्य बुध का संबंध मीन राशि में होगा माह मध्य के पश्चात ग्रहों
मेष राशि वालों के लिए इस माह ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार की होगी. राशि स्वामी मंगल मकर राशि में शनि के साथ स्थित होंगे. शुक्र और गुरु का युति संबंध कुंभ राशि में दिखाई देगा. सूर्य बुध का संबंध मीन राशि में होगा माह
मीन राशि वालों के लिए यह माह आपके लिए व्यस्तता वाला रह सकता है. बृहस्पति सूर्य का योग आपकी विचारधारा में बदलाव होगा.ज्इस समय राशि स्वामी की स्थिति प्रतिष्ठा ओर समाज में स्थिति को बेहतर बनाने की कोशिशों में होगी. इस समय
मकर राशि वालों के लिए मार्च माह का समय कुछ उत्साह में वृद्धि वाला और नए अवसर को दिलाने वाला होगा. इस समय के दौरान राशि स्वामी की मजबूत स्थिति के साथ ही सुख और लाभ की स्थिति भी मजबूत अवस्था में दिखाई देगी, तो अनुकूल अवसर
तुला राशि वालों के लिए इस माह का आरंभ घरेलू क्षेत्र में व्यस्तता को दर्शात है. इस समय घर पर कुछ बदलाव और नई चीजों को लाने में भी आप आगे रह सकते हैं. अपनों के साथ आप कुछ अधिक समय व्यतीत कर पाएंगे लेकिन जिम्मेदारियों में
कन्या राशि वालों के लिए इस माह का आरंभिक समय कुछ सकारात्मक होगा. कुछ नवीन कामों की शुरुआत का समय होगा. अपनी पसंद के कुछ कार्यों में दूसरों का सहयोग आपको बेहतर मौके दिलाने में सहायक बन सकता है. खेलकूद से जुड़े छात्रों को
सिंह राशि वालों के लिए ये समय सामाजिक रुप से और आर्थिक रुप से आपको आगे बढ़ने वाला हो सकता है. आप नेतृत्व करने में आगे रह सकते हैं और आपकी लीडरशिप को दूसरे महत्व भी देंगे. इस समय आर्थिक क्षेत्र में आप कोशिशों द्वारा आगे
कर्क राशि वालों के लिए मार्च का समय काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है इस समय इनके सप्तम भाव में स्थिति मंगल का रुचक योग शनि का शश योग इन के लिए काफी प्रभावशाली समय बनने वाला है. सामाजिक रुप से और साथ ही पार्टनर के साथ
मार्च के आरंभ में राशि स्वामी चतुर्ग्रही योग में शामिल रहेगा ओर ऎसे में आप का उत्साह भी कुछ अलग ही होगा. अपनी मर्जी से आगे रहने वाले हैं. अपनी कोशिशों से आर्थिक लाभ पाने में सफल हो सकते हैं. सप्ताह के दूसरे भाग में ही
वृष राशि वालों के लिए ये समय शुक्र का असर शनि और मंगल की युति के साथ होगा. इस समय के दौरान आप काफी व्यस्तता वाले रह सकते हैं. आर्थिक क्षेत्र में आप अपने प्रयासों से आगे बढ़ सकते हैं. इस समय आपके पास काफी संभनाएं रह सकती
मेष राशि वालों के लिए इस समय मंगल की स्थिति मकर राशि में होगी और यह एक उत्तम एव मजबूत स्थिति को दर्शाती है. यह आपके साहस और आपकी क्षमता को आगे बढ़ाने में सहायक बनेगा. अपनी संकल्प शक्ति में भी आप मजबूती के साथ दिखाई
इस समय पर स्थिति आपके लिए कुछ सकारात्मक पक्ष की ओर दिखाई दे सकती है. आप अपनी मेहनत द्वारा लाभ प्राप्ति के अच्छे विकल्प को प्राप्त कर सकते हैं. गुरु का गोचर राशि पर होने तथा व्ययेश की मजबूत स्थिति से लाभ एवं खर्च की
राशि स्वामी के दूसरे भाव में शुक्र के साथ युति संबंध का प्रभाव धनार्जन के क्षेत्र में नए मौके दिलाने वाला होगा, लेकिन इस समय अपनी जिद ओर क्रोध से कुछ दिक्कतें भी आ सकती हैं. कमाई के मामले में आपको मिले-जुले परिणाम
इस माह आप लोगों के लिए काफी फेरबदल वाला हो सकता है इस समय राशि स्वामी की स्थिति आप की मानसिक विचारधारा को प्रभावित करने वाली होगी. कुछ मामलों में आप दूसरों से अलग काम करने के पक्ष में भी होंगे. अपने लाभ को लेकर चिंता तो
कन्या राशि वालों के लिए इस माह राशि स्वामी की स्थिति प्रयास की अधिकता के साथ साथ कुछ् सकारात्मक प्रभाव भी देगी. अभी के समय में राशि स्वामी की मजबूती बहुत अधिक न हो पाने से वृथा की भागदौड़ ओर खर्च की अधिकता बनी रह सकती
सिंह राशि वालों के लिए इस माह का समय सूर्य का गोचर थोड़ा परेशानी दिखा सकता है. इस समय पर उतार-चढ़ाव बने रह सकते हैं. रशि स्वामी का शनि के साथ होना शुरुआती समय में अभी भी थोड़ा संघर्ष को दिखा सकता है. इस माह के आरंभ से
इस माह के शुरुआती दौर में आप में अधिक उत्साह और जोश देखने को मिल सकता है. आप अपने काम के प्रति बहुत सतर्क हो सकते हैं, लेकिन जल्दबाजी और निराशा से बचें क्योंकि दोनों ही चीजें आपको प्रभावित करेंगी. आपके व्यवहार में बदलाव
मेष राशि वालों के लिए इस समय पर नए विकल्पों के साथ संभावनाएं भी उभरेंगी. आर्थिक स्थिति के लिहाज से ये समय सामान्य रह सकता है कुछ अचानक से होने वाले लाभ भी देखने को मिल सकते हैं. राशि स्वामी के अनुकूल स्थिति के कारण
मकर राशिफल 2024 - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक समय तिमाही की शुरुआत खर्चों एवं नई चीजों की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण रह सकती है. इस समय के दौरान शनि, बुध, सूर्य का प्रभाव अचानक से होने वाले खर्चों
धनु राशिफल 2024 - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक समय तिमाही का आरंभिक समय आर्थिक पक्ष के लिए सामान्य रह सकता है. इस समय पर आप अपनी पुरानी बचत का भी उपयोग कर सकते हैं. भाग्य का सहयोग आर्थिक स्थिति को
वृश्चिक राशिफल 2024 - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक समय तिमाही का समय आपके आर्थिक लाभ और खर्च की स्थिति को समान रुप से प्रभावित करने वाला होगा. परिश्रम बना रहेगा लेकिन शायद उतना लाभ मिल न पाए जितना
2024 तुला राशिफल - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक का समय तिमाही का आरंभ सामनय रुप से होगा. आप अपने परिवार का प्रेम व सहयोग भी पा सकते हैं. आप कुछ अधिक मेहनत मे भी होंगे. आमदनी के स्त्रोत आपको कुछ लाभ
202 4 कन्या राशिफल - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक का समय कन्या राशि के लिए साल का ये समय आपको शनि के प्रभाव तथा गुरु के गोचर से होने वाले बदलावों का असर आप पर रहेगा. इस समय पर आपके राशि स्वामी की
2024 सिंह राशिफल - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक का समय तिमाही का आरंभ आपके खर्चों को दर्शाने वाला होगा. इस समय पर कुछ धन की कमी परेशानी दे सकती है और साथ ही खर्चों पर नियंत्रण लगा पाना भी मुश्किल
2024 कर्क राशिफल - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक का समय तिमाही का आरंभिक समय आपको धनार्जन के अच्छे अवसर दे सकता है. कुछ नए मसौदे अब शुरु होंगे और आपको नए लोगों के साथ मिलकर काम करने का मौका भी मिल
मिथुन राशिफल 2024 - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक समय ये तिमाही धन संबंधी मामलों में शुरुआती समय पर खर्च की अधिकता को दिखा सकती है. आपके अतिरिक्त व्यय थोड़ा दबाव बना सकते हैं. आकस्मिक रुप से धन व्यय
2024 वृषभ राशिफल - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक समय अर्थिक स्थिति इस तिमाह के समय पर काफी मिले जुले प्रभाव दे सकती है. खर्चों की अधिकता लगी रह सकती है और ये समय नई चीजों की खरीदारी के साथ साथ कुछ
मेष राशिफल 2024 - पैसा और वित्तीय स्थिति जनवरी 2024 से मार्च 2024 तक समय मेष राशि वालों के लिए वर्ष का आरंभ धनार्जन के क्षेत्र में लाभ से जुड़े कई सकारात्मक पहलू प्रभावित करने वाला हो सकता है. परिश्रम द्वारा धनार्जन के
शुक्र को जहां भोग-विलास और समृद्धि से जोड़ कर देखा जाता है. विलासिता इसका नैसर्गिक कारक बनती है. इस कारण तुला राशि के लोगों में वैभव-विलासितापूर्ण जीवन जीने इच्छा भी देखने को मिलती है. शुक्र के प्रभाव से व्यक्ति फैशन से
1 जुलाई 2023 को मंगल सिंह राशि में प्रवेश करने वाले हैं. मंगल का सिंह राशि में गोचर बहुत ही प्रभावशाली रहेगा क्योंकि पिछले काफी समय से मंगल कर्क राशि में गोचरस्थ थे और कर्क राशि में होने के कारण मंगल अपने समस्त फलों को
राहु अभी तक एक लम्बे समय से मिथुन राशि में गोचरस्थ थे. पर अब वह मिथुन से निकल कर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे और फिर वहीं पूरा डेढ़ साल का समय बिताएंगे. राहु को छाया ग्रह का रुप कहा गया है. ऎसे में इस छाया का प्रभाव इतना
कर्क राशि वालों पर शनि की ढैय्या का होगा खास असर. कर्क राशि वालों के लिए शनि सातवें भाव और आठवें भाव के स्वामी बनते हैं. कर्क राशि वालों के लिए शनि कष्टकारी बनते हैं. इस स्थिति के कारण स्वास्थ्य को लेकर तनाव रह सकता है
शनि का गोचर ज्योतिशः की दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना होती है. शनि और गुरु ऎसे ग्रह हैं जिनके राशि परिवर्तन को लेकर सभी में जिज्ञासा रहती है क्योंकि इन दो ग्रहों की जीवन पर बहुत गहरी छाप पड़ती है. ऎसे में शनि का
शनि का मकर राशि में गोचर सभी बारह राशियों पर अलग-अलग रुप से पड़ेगा. इसके अलाव शनि का गोचर अनेक घटनाओं को भी प्रभावित करने वाला होगा. सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर भी ये विश्व पर असर डालने वाला होगा. शनि सबसे मंद गति से
शनि का गोचर प्रत्येक राशि के लिए अढाई वर्ष का समय लेता है. सभी ग्रहों में शनि ग्रह ही ऎसे ग्रह हैं जो किसी भी राशि में सबसे अधिक समय लेते हैं. इस गोचर में शनि का वक्री-मार्गी गति के साथ गोचर करना भी महत्व रखता है. कई
13 अप्रैल 2021 को नव विक्रम संवत का आरंभ होगा. 2078 का नव संवत्सर “राक्षस” नाम से पुकारा और जाना जाएगा. इस वर्ष संवत के राजा मंगल होंगे और मंत्री भी मंगल ही होंगे. राक्षस नामक संवत के प्रभाव से विकास के कार्यों में
वृषभ राशि वालों के लिए मंगल बारहवें भाव में मेष राशि में गोचर कर रहा है.धन कोष में वृद्धि होगी. दुर्घटनाओं, विवादों से पीछा छूटेगा. राजनीतिक मसले सुलझेंगे. दांपत्य जीवन में अनुकूलता आएगी. वृ्षभ राशि वालों के लिए यह मंगल