पंचक एक ऎसा समय माना जाता है जिसे अनुकूल कम ही कहा गया है. लेकिन कार्तिक मास में आने वाले पंचक की स्थिति उन पंचक से भिन्न होती है जो पंचांग गणना के अनुसार निर्मित होते हैं. कार्तिक माह में आने वाले पंचक को भीष्म पंचक के नाम से जाना जाता

कार्तिक माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है. कार्तिक माह में रखा जाने वाला दुर्गा अष्टमी का व्रत बहुत खास होता है. इस दिन भक्त देवी के अष्ट रुपों की पूजा करते हैं ओर नव रुप में देवी का संपन्न होता है पूजन. देवी

जगद्धात्री पूजा: देवी दुर्गा का स्वरुप कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में देवी दुर्गा के एक स्वरुप का पूजन जगद्धात्री पूजा के नाम से किया जाता है. जगद्धात्री पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. यह पूजा चार दिनों तक चलती

कंद षष्ठी - छह दिवसीय उत्सव कंद षष्ठी भारत के दक्षिण भाग में धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व है जो भगवान मुरुगन को समर्पित है. कंद षष्ठी को स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. कंद षष्ठी, जिसे कंदा षष्ठी व्रतम के नाम से भी जाना जाता है,

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन नाग चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है. लोक मान्यताओं में इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है. कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष के चौथे दिन को नाग चतुर्थी जिसे नागुला चविथी के नाग से भी जाना जाता है. यह

हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया का त्यौहार मनाया जाता है. भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भाई दूज का त्योहार हर भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है. यम द्वितीया का त्योहार भाई-बहन के बीच प्यार और स्नेह का प्रतीक है

शारदा पूजा दिवालि के दिन की जाने वाली विशेष पूजा है जो देश भर में भक्ति भाव के साथ की जाती है. विशेष रुप से गुजरात में शारदा पूजा धूमधाम से मनाया जाता है जिसे चोपड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है. शारदा पूजा देवी सरस्वती को समर्पित है

केदार गौरी व्रत को दीपावली के दिन किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार यह व्रत देवी पार्वती ने रखा था. देवी ने जब भगवान का आधा शरीर पाया तब भगवान अर्धनारीश्वर कहलाए. कथाओं के अनुसार एक बार माता पार्वती के एक भक्त ने अपनी भक्ति छोड़कर भगवान

तांत्रिक लक्ष्मी कमला जयंती 2024 दस महाविद्याओं में से एक देवी कमला को सुख समृद्धि प्रदान करने वाल लक्ष्मी माना गया है. देवी शत्रुओं को परास्त करके भक्तों को निर्भय होने का वरदान देती हैं. कार्तिक माह के मास की अमावस्या को मनाई जाती है.

सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना ''संक्रांति '' कहलाता है और सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने को मीन संक्रांति कहते हैं. पंचांग के अनुसार सूर्यदेव 14 मार्च को कुंभ राशि की यात्रा समाप्त करके मीन राशि में प्रवेश कर रहे

धनतेरस का समय कई मायनों में विशेष रहा है जिसे धार्मिक रुप से विशेष माना जाता है और इस दिन का ज्योतिषिय महत्व भी बहुत रहा है. इस समय पर ग्रहों की स्थिति का प्रभाव कई मायनों में विशेष होता है. अपनी राशि के अनुसार कुछ उपाय करके इस दिन लाभ

यम पंचक कार्तिक माह में आने वाला विशेष समय होता है जो पांच दिनों तक चलता है. यम पंचक के दौरान विभिन्न तरह के धार्मिक कार्यों को किया जाता है. इस समय को पांच दिन चलने वाले त्यौहारों के रुप में भी देखा जाता है. कार्तिक मास हिंदू धर्म का सबसे

देव उठनी एकादशी : श्री हरि सहित देवताओं के जागने का समय देव उठनी एकादशी, कार्तिक माह में आने वाली एकादशी है जो साल भर आने वाले सभी एकादशियों में कुछ विशेष स्थान रखती है. मान्यताओं के अनुसार देव उठनी एकादशी के दिन विष्णु भगवान जागते हैं और

करक चतुर्थी का उत्सव कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी में मनाया जाता है. करक चतुर्थी की रस्में क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग हों, लेकिन सार एक ही है जो भक्ति, आस्था और विश्वास को दर्शाने वाला समय होता है. करक चतुर्थी का व्रत गणेश करक

सौर पंचांग का आरंभ मेष संक्रांति से होता है. सूर्य जब मीन राशि से निकल कर मेष राशि में प्रवेश करता है, तो मेष संक्रांति होती है. जिस तरह से मीन राशि में सूर्य का होना सौर कैलेंडर का आखिरी महीना होता है उसी तरह से मेष में सूर्य का गमन सौर

द्वादशी का व्रत हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को रखा जाता है. पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को पद्मनाभ द्वादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार ये व्रत 14 अक्टूबर को रखा जाएगा. एकादशी तिथि जगत के

हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी का त्यौहार मनाया जाता है. इसे दशहरा भी कहते हैं. यह दिन भगवान श्री राम को समर्पित है उनके घर वापसी का दिन है और इसी कारण इस दिन व्यक्ति अपने सुखों की वापसी करता है जो इस दिन की

काली चौदस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस तिथि पर मां काली की पूजा करने का विधान है. ऐसा करने से साधक को सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही इस दिन छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी भी मनाई जाती है.

विजयादशमी का संबंध ज्योतिष शास्त्र अनुसार मुहूर्त प्रकरण में आता है. मुहूर्त गणना में इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है.यह एक अबूझ मुहूर्त भी है, वो मुहूर्त जिन पर किसी शुभ कार्य को करने के लिए किसी से सलाह-मशविरा नहीं करना पड़ता. शुभ

दुर्गा विसर्जन नवरात्रि के अंतिम दिन का प्रतीक है जिसे भक्त उत्साह के साथ मनाते हैं. देश भर के अलग अलग हिस्सों में इसे मनाते हुए देख अजा सकता है. अलग अलग स्थानों में अलग अलग रंग रुप लिए ये दिन विशेष महत्व रखता है. नवरात्रिनौ दिनों का पर्व