सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना ''संक्रांति '' कहलाता है और सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने को मीन संक्रांति कहते हैं. पंचांग के अनुसार सूर्यदेव 14 मार्च को कुंभ राशि की यात्रा समाप्त करके मीन राशि में प्रवेश कर रहे
Read More..
धनतेरस का समय कई मायनों में विशेष रहा है जिसे धार्मिक रुप से विशेष माना जाता है और इस दिन का ज्योतिषिय महत्व भी बहुत रहा है. इस समय पर ग्रहों की स्थिति का प्रभाव कई मायनों में विशेष होता है. अपनी राशि के अनुसार कुछ उपाय करके इस दिन लाभ
Read More..
यम पंचक कार्तिक माह में आने वाला विशेष समय होता है जो पांच दिनों तक चलता है. यम पंचक के दौरान विभिन्न तरह के धार्मिक कार्यों को किया जाता है. इस समय को पांच दिन चलने वाले त्यौहारों के रुप में भी देखा जाता है. कार्तिक मास हिंदू धर्म का सबसे
Read More..
देव उठनी एकादशी : श्री हरि सहित देवताओं के जागने का समय देव उठनी एकादशी, कार्तिक माह में आने वाली एकादशी है जो साल भर आने वाले सभी एकादशियों में कुछ विशेष स्थान रखती है. मान्यताओं के अनुसार देव उठनी एकादशी के दिन विष्णु भगवान जागते हैं और
Read More..
करक चतुर्थी का उत्सव कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी में मनाया जाता है. करक चतुर्थी की रस्में क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग हों, लेकिन सार एक ही है जो भक्ति, आस्था और विश्वास को दर्शाने वाला समय होता है. करक चतुर्थी का व्रत गणेश करक
Read More..
सौर पंचांग का आरंभ मेष संक्रांति से होता है. सूर्य जब मीन राशि से निकल कर मेष राशि में प्रवेश करता है, तो मेष संक्रांति होती है. जिस तरह से मीन राशि में सूर्य का होना सौर कैलेंडर का आखिरी महीना होता है उसी तरह से मेष में सूर्य का गमन सौर
Read More..
द्वादशी का व्रत हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को रखा जाता है. पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को पद्मनाभ द्वादशी के नाम से जाना जाता है. इस बार ये व्रत 14 अक्टूबर को रखा जाएगा. एकादशी तिथि जगत के
Read More..
हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी का त्यौहार मनाया जाता है. इसे दशहरा भी कहते हैं. यह दिन भगवान श्री राम को समर्पित है उनके घर वापसी का दिन है और इसी कारण इस दिन व्यक्ति अपने सुखों की वापसी करता है जो इस दिन की
Read More..
काली चौदस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस तिथि पर मां काली की पूजा करने का विधान है. ऐसा करने से साधक को सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही इस दिन छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी भी मनाई जाती है.
Read More..
विजयादशमी का संबंध ज्योतिष शास्त्र अनुसार मुहूर्त प्रकरण में आता है. मुहूर्त गणना में इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है.यह एक अबूझ मुहूर्त भी है, वो मुहूर्त जिन पर किसी शुभ कार्य को करने के लिए किसी से सलाह-मशविरा नहीं करना पड़ता. शुभ
Read More..
दुर्गा विसर्जन नवरात्रि के अंतिम दिन का प्रतीक है जिसे भक्त उत्साह के साथ मनाते हैं. देश भर के अलग अलग हिस्सों में इसे मनाते हुए देख अजा सकता है. अलग अलग स्थानों में अलग अलग रंग रुप लिए ये दिन विशेष महत्व रखता है. नवरात्रिनौ दिनों का पर्व
Read More..
हर माह आने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. प्रत्येक माह आने वाले कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दर्श अमावस्या के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस अमावस्या पर पितरों का पूजन करना शुभफल प्रदान करता है. हिंदू
Read More..
संधि पूजा देवी दुर्गा के निमित्त किया जाने वाला विशेष अनुष्ठान होता है. इसे विशेष रुप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री राम जी द्वारा किया गया था संधि पूजन. संधि पूजा द्वारा देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
Read More..
शिव वास अपने नाम के अनुरुप भगवान शिव के निवास स्थान की स्थिति को बताता है. शिव वास की स्थिति को जानकर भगवान शिव के रुद्राभिषेक को करना शुभफल देने वाला होता है. शिव वास के नियमों के द्वारा जान सकते हैं कि अनुष्ठान के समय भगवान शिव कहां
Read More..
ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति जैसी भी हो उसका असर बहुत गहरा होता है. वक्री ग्रहों की बात की जाए तो बुध, मंगल, शुक्र, शनि, गुरु वक्री होते हैं और राहु केतु सदैव वक्री ही माने गए हैं हां ये मार्गी हो सकते हैं लेकिन इनकी प्रकृत्ति में वक्री का
Read More..
ज्योतिष अनुसार किसी भी राशि में सूर्य और चंद्रमा की युति का अंशात्मक रुप से करीब होना अमावस्या तिथि और अमावस्या योग कहा जाता है. धर्म शास्त्रों और ज्योतिष शास्त्र अनुसार अमावस्या का महत्व बहुत ही विशेष रहा है. अमावस्या का योग एवं अमावस्या
Read More..
पितरों का पूजन वंश को समृद्धि और वंश वृद्धि देने वाला मार्ग होता है. पितरों का पूजन अमावस्या तिथि एवं आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के दोरान श्राद्ध पक्ष में किया जाता है. पितरों को मनाने के लिए कई तरह के धार्मिक कार्यों को किया जाता है. पितरों
Read More..
एकादशी तिथि को बहुत ही शुभ समय माना गया है. आश्विन मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी एक अत्यंत ही उत्तम दिवस है इस समय को एकादशी व्रत, ग्यारस श्राद्ध, इंदिरा एकादशी, एकादशी श्राद्ध तिथि इत्यादि के नामों से पूजा जाता है. शास्त्रों के
Read More..
आश्विन मास की पूर्णिमा को आश्विन पूर्णिमा कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था, और इस दिन कई अन्य विशेष घटनाएं घटित हुई जिनके कारण यह दिन वर्ष भर की पूर्णिमाओं में सबसे अधिक खास
Read More..
ओणम का त्यौहर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है. उत्तर भारत पंचाग अनुसार यह त्यौहार भाद्रपद माह के दौरान आता है. भादो माह की द्वादशी के करीब इस पर्व को मनाया जाता है और दक्षिण भारत के पंचांग अनुसार चिंगम महीने में मनाया जाने