कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का प्रिय स्थान कहा गया है. इसे भगवान शिव-पार्वती का घर माना जाता है. पौराणिक आख्यानों के अनुसार यह स्थल शिव का स्थायी निवास होने के कारण से यह स्थान सर्वश्रेष्ठ पाता है. मानसरोवर को 'कैलाश मानसरोवर तीर्थ' के नाम

भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी अजा या कामिका एकादशी के नाम से जानी जाती है. इस दिन की एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा का विधान होता है. इस वर्ष अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन रात्रि जागरण तथा व्रत करने से व्यक्ति

भगवान विष्णु ने संसार में धर्म की स्थापना व अधर्म के नाश हेतु अनेकों अवतार लिए इन्हीं में से एक अवतार द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में लिया. श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रात्रि में हुआ था. अत:

श्रावण माह की पूर्णिमा बहुत ही शुभ व पवित्र दिन माना जाता है. ग्रंथों में इन दिनों किए गए तप और दान का महत्व उल्लेखित है. इस दिन रक्षा बंधन का पवित्र त्यौहार मनाया जाता है इसके साथ ही साथ श्रावणी उपक्रम श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को आरम्भ होता

जन्माष्टमी अर्थात कृष्ण जन्मोत्सव इस वर्ष जन्माष्टमी का त्यौहार 26 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा. जन्माष्टमी जिसके आगमन से पहले ही उसकी तैयारियां जोर शोर से आरंभ हो जाती है पूरे भारत वर्ष में इस त्यौहार का उत्साह देखने योग्य होता है. चारों का

सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज महोत्सव के रुप में मनाया जाता है. यह तीज पर्व सिंधारा, हरियाली तीज, मधुस्रवा तृतीय या छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष यह त्यौहार 07 अगस्त 2024, के दिन मनाया जाएगा. तीज विशेष रुप से महिलाओं का

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक होकर चारों ओर अपनी छटा को बिखेरता सा प्रतीत होता है. सात्विक एवं पवित्रता का सौंदर्य लिए यह त्यौहार सभी जन के हृदय को अपनी खुश्बू से महकाता है. इतना पवित्र पर्व यदि शुभ मुहूर्त में किया जाए

सम्पूर्ण भारतवर्ष में गोस्वामी तुलसीदास के स्मरण में तुलसी जयंती मनाई जाती है. श्रावण मास की सप्तमी के दिन तुलसीदास की जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष यह 11 अगस्त 2024 के दिन गोस्वामी तुलसीदास जयंती मनाई जाएगी. गोस्वामी तुलसीदास ने सगुण भक्ति

नाग पंचमी श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन काल सर्पदोष की पूजा करने से व्यक्ति को इसके दुषप्रभावों से मुक्ति प्राप्त होती है और जीवन में आने वाले उतार

श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पवित्रा एकादशी के रुप में मनाते हैं. इस वर्ष पवित्रा एकादशी का पर्व 16 अगस्त 2024 को मनाया जाना है. धर्म ग्रंथों के अनुसर इस व्रत की कथा सुनने मात्र से वाजपेयी यज्ञ का फल प्राप्त होता है. पवित्रा

श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है. रक्षा बंधन का पर्व भाई - बहन के स्नेह की अट्टू डोर का प्रतीक है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है. संपूर्ण भारत में मनाया जाने वाला यह त्यौहार अपने में अनेक सौगातों

श्रावण मास को मासोत्तम मास कहा जाता है. यह माह अपने हर एक दिन में एक नया सवेरा दिखाता इसके साथ जुडे़ समस्त दिन धार्मिक रंग और आस्था में डूबे होते हैं. शास्त्रों में सावन के महात्म्य पर विस्तार पूर्वक उल्लेख मिलता है. श्रावण मास अपना एक

सावन माह में शिवभक्त श्रद्धा तथा भक्ति के अनुसार शिव की उपासना करते हैं. सावन माह में शिव की भक्ति के महत्व का वर्णन ऋग्वेद में किया गया है. चारों ओर का वातावरण शिव भक्ति से ओत-प्रोत रहता है. शिव मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा रहता है.

श्रवण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी का पर्व प्रत्येक वर्ष श्रद्धा और विश्वास से मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 09 अगस्त 2024 के दिन मनाया जाएगा. नाग पंचमी हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार रहा है नाग पंचमी के दिन नाग पूजा का

तीज का त्यौहार भारत के कोने-कोने में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है. यह त्यौहार भारत के उत्तरी क्षेत्र में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. सावन का आगमन ही इस त्यौहार के आने की आहट सुन्नाने लगता है समस्त सृष्टि सावन के अदभूत

भृगु संहिता में भृगु जी ने अपने ज्ञान द्वारा ग्रहों, नक्षत्रों की गति को देख कर उनका पृथ्वी और मनुष्यों पर पड़ने वाला प्रभाव जाना और अपने सिद्धांतो को प्रतिपादित किया. शोध एवं खोज के उपरांत उन्होंने ग्रहों और नक्षत्रों की गति तथा उनके

मंगला गौरी सावन माह के प्रत्येक मंगलवार को किया जाता है. यह व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए अखण्ड सौभाग्य का वरदान होता है. श्रावण मास के प्रत्येक मंगलवार को किए जाने वाले इस व्रत का आरंभ 23 जुलाई 2024 को मंगलवार के दिन से किया जाएगा और

कामिका एकादशी श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाती है. इस वर्ष कामिका एकादशी 31 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी. कामिका एकादशी विष्णु भगवान की अराधना एवं पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय होता है. इस व्रत के पुण्य से जीवात्मा को पाप से

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है और इसी के संदर्भ में यह समय अधिक प्रभावी भी लगता है. इस वर्ष गुरू पूर्णिमा 21 जुलाई 2024, को मनाई जाएगी. गुरू पूर्णिमा अर्थात गुरू के ज्ञान एवं उनके स्नेह का स्वरुप है. हिंदु

दस महाविद्या देवी दुर्गा के दस रूप कहे जाते हैं. प्रत्येक महाविद्या अद्वितीय रुप लिए हुए प्राणियों के समस्त संकटों का हरण करने वाली होती हैं. इन दस महाविद्याओं को तंत्र साधना में बहुत उपयोगी और महत्वपूर्ण माना जाता है. दस महाविद्या को उच्च