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ग्रिल (रेखाओं का जाल) | The Grille ग्रिल हाथ पर बहुत कम देखा जाता है। यह अधिकतर हथेली में पर्वत पर मौजूद होता है। यह एक बिंदु के माध्यम से हाथ की ऊर्जा को नष्ट करता है। हाथ में इन संकेतों की उपस्थिति दर्शाती है कि
त्रिभुज | Tribhuj त्रिभुज को हथेली पर विशिष्ट और स्पष्ट चिन्ह के रूप में देखा जा सकता है और यह परस्पर दो रेखाओं के कटने से नहीं बनता। यह एक अच्छा व भाग्यशाली संकेत माना जाता है लेकिन यह तब अधिक महत्वपूर्ण है जब यह एक
इस तरह के हाथ निम्न मानसिकता से प्रभावित के लोगों में पाया जाता है। यह खुरदरे, स्थूल, साथ ही बड़े, और भारी हथेली वाले होते हैं। इनकी उँगलियां और नाखून छोटे और स्थूल होते हैं। हथेली इतनी छोटी होती है कि यह मुश्किल से
शांकव हाथ में मध्यम आकार की हथेली, शंकुकार उंगलियों और शंक्वाकार नाखून होते हैं। नुकीले नाखून और हाथ पूर्ण रूप से एक शंकु की उपस्थिति देता है। इसका आकार, हाथ के दूसरे प्रकार अर्थात मानसिक हाथ जैसा ही होता है। जो इसी तरह
हस्तरेखा शास्त्र में हाथ का संपूर्णता से अध्ययन किया जाना चाहिए। इसलिए, हस्तरेखा शास्त्र को दो वर्गों में अर्थात कीरोनोमी और कीरोमेन्सी मे विभाजित किया गया है। हस्तरेखा शास्त्र की पहली शाखा मे हाथों और उंगलियो के आकार
द्वीप | An Island हाथ में बनने वाले द्वीप, चक्र और धब्बों के कारण व्यक्ति के जीवन पर असर देखे जा सकते हैं. यह चिन्ह किसी न किसी रुप में व्यक्ति के जीवन पर जबरदस्त रुप में प्रभाव डालते हैं. हाथ में बनने वाले विभिन्न
प्रसिद्ध हस्तरेखाविद पूरी दुनिया भर में हस्तरेखा को केवल आने वाली घटनाओं की भविष्यवाणी के लिये विज्ञान के रुप मे प्रयोग करते हैं। यह चमत्कारी विज्ञान नहीं है। इसका उपयोग दुर्घटना से बचने के लिये भविष्यवाणी रुप में किया
जीवन रेखा बहुत हद तक भाग्य को प्रभावित करती है। जीवन रेखा, दूसरी रेखाओं पर भी अपना प्रभाव डालती है। यदि सभी रेखाओं का आरंभ जीवन रेखा से हो तो व्यक्ति के लाभ और उपलब्धि को बढाता है। लेकिन यह एक अपवाद है। जब जीवन रेखा,
मस्तिष्क रेखा तर्जनी अंगुली नीचे से आरंभ होती है और यहां से निकलते हुए हथेली पर रुकती है. यह अकसर जीवन रेखा को आरंभ में छूती है. यह रेखा मुख्य रुप से व्यक्ति की मानसिक स्थिति को दर्शाती है। यह रेखा उन कारणों को भी बताती
जीवन रेखा का उदगम शुक्र पर्वत से आरंभ हो कर हथेली के नीचे जाते हुये शुक्र पर्वत को घेरता है। यह रेखा हाथ की सबसे महत्वपूर्ण और विवादास्पद रेखा है। यह रेखा हथेली के अंत तक जाती हुई शुक्र पर्वत पर एक चाप की आकार लिये होती
सदियों से मनुष्य अपने भविष्य के बारे में जानने को उत्सुक रहा है. उसने स्वयं को संतुष्ट करने के लिए तथा भविष्य की घटनाओं के बारें में पता लगाने के लिए फलित ज्योतिष के आधार पर विभिन्न शाखाओं का निर्माण किया जैसे ज्योतिष,