शंक्वाकर हाथ या शांकव हाथ | The Conic Hand in Hastrekha
शांकव हाथ में मध्यम आकार की हथेली, शंकुकार उंगलियों और शंक्वाकार नाखून होते हैं। नुकीले नाखून और हाथ पूर्ण रूप से एक शंकु की उपस्थिति देता है। इसका आकार, हाथ के दूसरे प्रकार अर्थात मानसिक हाथ जैसा ही होता है। जो इसी तरह बेहद लंबे और संकीर्ण हाथ के साथ लंबे और शुन्डाकार उँगलियों के रूप में जाना जाता है।
शांकव हाथ के लोगों की मुख्य विशेषताएँ हैं कि ऐसे लोग आवेगी और सहज होते हैं। ऐसे व्यक्ति की सोच में चालाकी और शीघ्र सीखने की प्रतिभा होती है, लेकिन आवेगी प्रकृति के कारण बाधा आती है जिसकी वजह से वह अपने इरादों को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं। इस तरह के लोग कलाकार और अच्छे संवादक होते हैं।वह कामुक सुख के लिए जीवन जीते हैं। ऐसे लोग बातचीत में लोगों का दिल जीतने और विषय को बहुत जल्दी समझने की गुणवत्ता रखते हैं। यह गुण उन्हें बाहर की दुनिया से प्रभावित करके कमजोर बनाता है। वह आसानी से संपर्क में आते हैं या आसपास के माहौल से प्रभावित हो जाते हैं।
इस तरह के लोग अपनी पसंद और नापसंद को चरम पर ले जाते हैं और इसलिए तुनकमिज़ाज होते हैं। लेकिन, जब वे अपने दिमाग से बाहर होते हैं वह स्पष्ट मन से बोलते हैं और इनके शब्द या अभिव्यक्ति के बारे में सोचना अविवेकी होगा। आम तौर पर ऐसे लोग सहानुभूति और उदारता से परिपूर्ण होते हैं लेकिन पैसे के मामले में नहीं।
इस तरह के हाथ वाले लोग आम तौर पर संगीतकार, चित्रकार, मूर्तिकार, और कवि होते हैं क्योंकि ऐसे हाथ वाले लोग किसी भी दूसरे आकार के हाथ वाले से ज्यादा आसानी से प्रकृति, रंग, संगीत,सुख दुख, खुशी जैसी बातों से जल्द प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे लोग अन्य लोगों के मुकाबले में जल्दी प्रभावित होते हैं। ऐसे लोग खुश होने पर अतिउत्साहित होते हैं और दुखी होने पर निराशा की गहराई में उतर जाते हैं।
यदि शांकव हाथ कठोर और लोचदार हो, तो यह सूचित करता है कि ऐसे व्यक्ति में शांकव हाथ के सभी गुण होंगे और इन गुणों को और अधिक ऊर्जा, दृढ़ता द्वारा बल मिल जाएगा। ऐसे हाथ वाले व्यक्ति कलात्मक होते हैं और अगर उन्हे कलात्मक क्षेत्र के लिए प्रोत्साहित किया जाए तो यह सफल हो सकते हैं । इसलिए, शांकव हाथ वाले लोगों को अभिनेता, अभिनेत्री, गायक,अच्छे वक्ता, चित्रकार आदि कार्यों का प्रतिनिधित्व करते देखा जा सकता है।
यह कहना अधिक उपयुक्त होगा कि ऐसे हाथ वाले व्यक्ति का कला की ओर झुकाव होता है पर वह कलात्मक नही होते हैं।इसलिए, यह नही भूलना चाहिए कि ऐसे लोग आसपास के प्रभावों के बजाय अपनी आंतरिक प्रवृत्ति पर ज्यादा निर्भर करते हैं।