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हस्तरेखा शास्त्र मे उंगलियों के जोड़ों के अध्ययन का बहुत महत्व है। जोड़ों का स्थूल रूप कार्य के क्षेत्र में जहां व्यक्ति सक्रिय होता है, उसको निर्धारित करता हैं। यह व्यक्ति में उंगलियों से संबंधित गुणों के विस्तार का भी
ग्रिल (रेखाओं का जाल) | The Grille ग्रिल हाथ पर बहुत कम देखा जाता है। यह अधिकतर हथेली में पर्वत पर मौजूद होता है। यह एक बिंदु के माध्यम से हाथ की ऊर्जा को नष्ट करता है। हाथ में इन संकेतों की उपस्थिति दर्शाती है कि
हस्तरेखा शास्त्र में हाथ का संपूर्णता से अध्ययन किया जाना चाहिए। इसलिए, हस्तरेखा शास्त्र को दो वर्गों में अर्थात कीरोनोमी और कीरोमेन्सी मे विभाजित किया गया है। हस्तरेखा शास्त्र की पहली शाखा मे हाथों और उंगलियो के आकार
हथेली के अध्ययन में क्रॉस का चिन्ह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्रॉस की विशेषताएँ तारे के विपरीत हैं और यह कभी कभार ही शुभ संकेत के रूप को दर्शाता है। यह मुसीबत, निराशा, खतरा और कभी-कभी जीवन में संकट का संकेत देता है।
हथेली पर अंगूठे के आधार पर स्थित पर्वत, शुक्र पर्वत कहलाता है। यह अनुग्रह, आकर्षण, वासना और सौंदर्य की उपस्थिति या अनुपस्थिति को दर्शाता है। यह प्रेम और साहचर्य की इच्छा और सौंदर्य की हर रूप में पूजा करने को भी दर्शाता
हस्तरेखा शास्त्र में हथेली की रेखाओं का विशेष महत्व है। इसमे सम्मलित लक्षण जैसे क्रास, सितारे, वर्गों और अर्धचन्द्राकार का अध्ययन हथेली द्वारा किया जाता है। यह रेखाएं व्यक्ति का भविष्य, शुभ संकेत और अशुभ संकेत दर्शाती
शनि पर्वत, मध्यमा उँगली के आधार पर स्थित होता है। यह एकांत प्रिय, विवेकी, मूक दृढ़ संकल्प, गूढ विध्या की ओर झुकाव, नियतिवाद और अंत में भाग्य मे परम विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है। विकसित शनि पर्वत व्यक्ति को ज्ञान की
विवाह रेखा की क्षैतिज रेखाएं कनिष्ठा के नीचे और हृदय रेखा के ऊपर स्थित होती हैं। इन रेखाओं से रिश्तों में आत्मीयता, वैवाहिक जीवन में खुशी और पति - पत्नी के बीच प्यार और स्नेह के अस्तित्व का संकेत मिलता है। परन्तु विवाह
जीवन रेखा बहुत हद तक भाग्य को प्रभावित करती है। जीवन रेखा, दूसरी रेखाओं पर भी अपना प्रभाव डालती है। यदि सभी रेखाओं का आरंभ जीवन रेखा से हो तो व्यक्ति के लाभ और उपलब्धि को बढाता है। लेकिन यह एक अपवाद है। जब जीवन रेखा,
मस्तष्कि रेखा की स्थिति व्यक्ति की बुद्धिमत्ता, सीखने की प्रवृत्ति, विशिष्ट विधा की दिशा को दर्शाती है तथा व्यक्ति की, बुद्धि और मन के निर्धारण मे महत्वपूर्ण भूमिका को व्यक्त करत है। इस रेखा का आरंभ तीन भिन्न स्थानों से
मस्तिष्क रेखा तर्जनी अंगुली नीचे से आरंभ होती है और यहां से निकलते हुए हथेली पर रुकती है. यह अकसर जीवन रेखा को आरंभ में छूती है. यह रेखा मुख्य रुप से व्यक्ति की मानसिक स्थिति को दर्शाती है। यह रेखा उन कारणों को भी बताती
हस्त रेखा शास्त्र व्यक्ति के जीवन में होने वाली घटनाओं को बहुत बारीकी से समझने में मदद करता है. व्यक्ति के स्वास्थ्य की बात हो या उसके काम-काज की, या उसके जीवन में आनी वाली सफलताओं अथवा असफलताओं की इन सभी को समझने में
वह रेखाऐं जो विवाह रेखा के ऊपर बुध पर्वत पर तथा अंगूठे के नीचे पाई जाने वाली रेखाएं संतान से संबंधित रेखाएं होती हैं। परन्तु इस रेखा के साथ अन्य रेखाओं का एवं हाथ की विशेषताओं का अध्ययन करके ही संतान संबंधित भविष्यवाणी