हस्तरेखा शास्त्र मे उंगलियों के जोड़ों के अध्ययन का बहुत महत्व है। जोड़ों का स्थूल रूप कार्य के क्षेत्र में जहां व्यक्ति सक्रिय होता है, उसको निर्धारित करता हैं। यह व्यक्ति में उंगलियों से संबंधित गुणों के विस्तार का भी संकेत करता है। उंगलियों के विभिन्न खंडो के बीच की सीमाओं को उंगलियों के जोड़ों के रूप में जाना जाता है, और महत्वपूर्ण है कि यह चरित्र और मनोदशा के लक्षण को भी दर्शाता है। हाथ ही उंगलियों के जोड़ में कई तरह के असर होते हैं गांठ दार जोड़ होना, चिकना जोड़ होना, जोड़ में किसी प्रकार का उभराव न होना या उभरा हुआ होना इत्यादि बातों से व्यक्ति के जीवन चक्र में होने वाले बदलावों और प्रभावों को समझा जा सकता है।
दिखावट के आधार पर जोड़ों के कुछ सामान्य अभिवेदन नीचे प्रदान किये गये है.
हाथ में समतल जोड़ दर्शाते हैं कि व्यक्ति किसी विषय पर बहुत अधिक नहीं सोचता और प्रायः काफी हद तक निष्कर्ष पर पहुँच जाता है। ऐसे लोग परिस्थितियों का विश्लेषण कभी नही करते हैं। इस स्थिति के प्रभाव से जातक काफी अस्त व्यस्त सा रहता है। कई बार लगता है की मनमौजी हो पर अपने मन की करने वाला होता है. जातक में बहुत अधिक चीजों की सोच नही हो पाता है।
वर्गाकार हाथ और समतल जोड़ों की स्थिति में, व्यक्ति किसी विषय पर बहुत थोड़ा सोचता है, लेकिन थोड़ा सोचने के बाद वह निष्कर्ष की ओर बढ जाता है। ऎसे में जातक बहुत अधिक गंभीर नही रह पाता है लेकिन दूसरों के लिए अच्छा विचारक होता है.
नुकीली उंगलियों पर समतल जोड़ संकेत देते हैं कि व्यक्ति विशुद्ध रुप से अपनी सूझ-बूझ के द्वारा ही कार्य करता है। ऐसे लोग अपने रुप रंग और अपने पहनावे के प्रति लापरवाह होते हैं और कदाचित ही छोटी-छोटी बातों के लिये चिंतित होते हैं।
इस तरह के व्यक्ति लापरवाह और शून्य दिमाग के होते हैं और व्यापार में महत्वपूर्ण दस्तावेजों और अन्य छोटे कार्यो की देखरेख में सक्षम नही होते हैं।
इसके विपरीत, विकसित जोड़ों वाले व्यक्ति परिश्रमी, बुद्धिमान, सतर्क और समझदार होते हैं। जातक कई चीजों को लेकर बहुत अधिक परिश्रमी होता है। उसकी मेहनत ही जीवन में सफलता दिलाने वाली होती है।
समतल जोड़ों वाले लोग प्रायः कठोर शारीरिक श्रम करते हैं, जबकि गांठदार या विकसित जोड़ों वाले लोग मानसिक श्रम करते हैं। बौधिक कुशलता होती है. व्यापार के क्षेत्र में अच्छा कर सकता है। इस स्थिति के प्रभाव से जातक एक बहुत अच्छा कारोबारी बन सकता है।
गांठदार जोड़ कभी-कभी परिवार में वंशानुगत होते हैं, जबकि कई अवसरों पर यह परिवार में प्रमुखता से किसी एक बच्चे में विशिष्ट रुप से देखा जा सकता है।
विकसित जोड़ों की उपस्थिति व्यक्ति में कार्य की विशुद्धता और कार्यक्षमता को दर्शाती है। जातक आलसी नही होता है और हर कार्य को करने के लिए भी आगे ही रहता है।
विकसित जोड़ों वाले पुरुष उत्कृष्ट रंग के परिधानों को पसंद करते हैं, जो कि महिलाओं की रुचि के अनुसार होते हैं और जिन महिलाओं के परिधान आकर्षित और उच्च कोटि के नही होते, उन्हे वह पसंद भी नही करते।
अति विकसित जोड़ों वाले लोग रंगमच मे हो तो अपने चरित्र को बखूबी से निभाते है. साथ ही इनमें चरित्र को चित्रित करने की प्रबलता क्षीण होती है। ऐसे व्यक्ति अपनी अद्वितीय कल्पना और मजबूत विश्लेषण क्षमता के कारण कला के क्षेत्र जैसे- साहित्य मे उत्कृष्टता को प्राप्त करते है।