Books by Jagdish Sharma
वैदिक वास्तु
Jagdish Sharma
वास्‍तु प्रकृति और मानव के संतुलन का सेतु है। वास्‍तु एक विज्ञान है और कला भी है। वास्‍तु सार्वभौमिक है। ‘वैदिक वास्‍तु’ प्राचीन वास्‍तुकला व वास्‍तुMore Infoफेंग शुई प्रश्नोत्तरी
Jagdish Sharma
कौलाचार्य जगदीश शर्मा को ज्‍योतिष, तंत्र-मंत्र-यंत्र, पराविज्ञान, वास्‍तुशास्‍त्र, मनोविज्ञान सहित अनेक विद्याओं में पारंगतता प्राप्‍त है। आपकी विलक्षण लेखनी से अनेक स्‍तरीयMore Infoगोमेद (ज्योतिष और रत्न)
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ज्‍योतिष के आधार पर रत्‍नों का चयन और उनकी धारणविधि बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। जो प्रकृति विष बनाती है वही अमृत भी बनाती है। अत कौन-सा रत्‍न धारण करना उपयोगी और फलदायी है, कौन-साMore Infoहीरा (ज्योतिषि और रत्न)
Jagdish Sharma
नौ रत्‍नों में हीरे को 'रत्‍नों का सम्राट' कहा जाता है। यह सभी रत्‍नों में अधिक मूल्‍यवान होता है। अपने रूप, गुण, असाधारण चमक के साथ ही प्राकृतिक व रासायनिक गुणों केMore Infoमूंगा (ज्योतिष और रत्न)
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यह सत्‍य है कि रत्‍न धारण करने से अनेक असाध्‍य रोग व बीमारियां मिट जाती हैं। दुर्भाग्‍य को सौभाग्‍य में बदला जा सकता है। प्रतिकूल ग्रह-गोचरों को अनुकूल बनाया जा सकता है। अर्थातMore Infoमोती (ज्योतिष और रत्न)
Jagdish Sharma
नौ रत्‍नों में 'मोती' को सौन्‍दर्यवर्धक बताया गया है। मानवीय सौन्‍दर्य को निखारने में मोती सर्वोपरि है। इसके धारण से हृदय को शीतलता और आनंद का अनुभव होता है कल्‍पना कीMore Infoनीलम (ज्योतिष और रत्न)
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नौ रत्‍नों में 'नीलम' की प्रधानता सर्वोपरि है। यही एक रत्‍न है जो तत्‍काल शुभाशुभ परिणाम दिलाता है और स्‍टोन धारण के प्रति विश्‍वास बढ़ाता है। नीलम की अंगूठी पहने हुएMore Infoपन्ना (ज्योतिष और रत्न)
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नौ रत्‍नों में 'पन्‍ना' बुध ग्रह का प्रतिनिधि ग्रह है। पन्‍ने का रंग गहरा हरा पर साफ होता है। पारदर्शी होता है। सच्‍चे पन्‍ने को अगर पानी के ग्‍लास में डाल दिया जाएMore Infoपुखराज (ज्योतिष और रत्न)
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नौ रत्‍नों में 'पुखराज' अत्‍यंत मंगलकारी है। जो हाथ में रखने पर वजनी लगे, स्निग्‍ध अर्थात चिकनी छवि वाला हो, स्‍वचछ हो अर्थात परत रहित हो, मुलायम हो, खिले हुए फूल जैसी आभाMore Info