Articles in Category Rashi
प्रश्न कुण्डली से जानिये कि आपकी यात्रा फलेगी या नहीं
प्रश्न कुण्डली व्यक्ति द्वारा पूछे प्रश्न पर आधारित होती है. जिस समय किसी व्यक्ति विशेष द्वारा कोई प्रश्न किया जाता है उसी समय की एक कुण्डली बना ली जाती है. इसे ही प्रश्न कुण्डली कहा गया है. प्रश्न
शुक्र ग्रह और ज्योतिष
ज्योतिष के अनुसार कुण्डली में शुक्र ग्रह की शुभ स्थिति जीवन को सुखमय और प्रेममय बनाती है तो अशुभ स्थिति चारित्रिक दोष एवं पीड़ा दायक होती है. शुक्र के अशुभ होने पर व्यक्ति में चारित्रिक दोष उत्पन्न
बगलामुखी यंत्र | Baglamukhi Yantra | Importance of Baglamukhi Yantra
माँ बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं. यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश करती हैं. माँ बगलामुखी यंत्र धार्मिक कार्यो में शुभ माना जाता है. धर्मशास्त्रो
अगर आपकी कुण्डली में भी है शनि दोष तो इन उपायों को करने से मिलेगी राहत
कुंडली में मौजूद सभी ग्रह अच्छे या बुरे फल देने वाले सिद्ध हो सकते हैं. शनि यदि कुंडली में शुभ भावों के स्वामी हैं तब वह बुरा फल नहीं देते. यदि शनि कुण्डली शुभ होकर निर्बल है तब उसे बल देना आवश्यक
महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना कर सकती है आपकी हर समस्या का समाधान
यंत्रों में शक्ति सदा विराजमान रहती है जिसके कारण यंत्र शीघ्र ही अपने प्रभावों को पूर्णतः स्पष्ट कर देते हैं. ऎसा की एक यंत्र महामृत्यंजय यंत्र है. महामृत्यंजय यंत्र अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है
इन आसान तरीकों से कर सकते हैं, कुण्डली के कमजोर सूर्य को बलवान
कुण्डली में ग्रह पीडा होने पर गोचर का जो ग्रह व्यक्ति को पीडा दे रहा हो तो उक्त ग्रह से संबंधित उपाय करने पर कुछ शुभ पभावों को प्राप्त किया जा सकता है. सूर्य कुण्डली में आरोग्य शक्ति व पिता के कारक
विवाह और संतान-सुख में उपपद का महत्व
ज्योतिष में सामान्यत: विवाह सुख और संतान सुख का विचार सप्तम एवं पंचम भाव से किया जाता है, परंतु इसके साथ ही साथ विवाह एवं संतान के विचार के लिए उपपद को एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है. उपपद से दूसरे
शुक्र अगर वक्री हो जाये तो क्या होगा? देखिये
शुक्र ग्रह मान सम्मान, सुख और वैभव, दांपत्य सुख एवं भोग विलासिता के प्रतीक माने जाते हैं. साधारणत: यदि यह पाप ग्रह से युक्त या दृष्ट न हों तो जातक को हंसमुख एवं विनोद प्रिय बनाते हैं. जातक मिलनसार और
कैसे बना जैमिनी ज्योतिष और क्या ये सही है?
जैमिनी ज्योतिष शास्त्र ज्योतिष शास्त्र के ग्रंथों में एक प्रमुख भूमिका निभाता है. जैमिनी ज्योतिष महर्षि जैमिनी की देन है. जैमिनि ज्योतिषशास्त्र ऐसा ज्ञान है जो भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालों को
हल योग और उसका आप पर प्रभाव
हल योग अपने नाम के अनुसार ही दिखाई भी देता है. हल जो भूमि को खोदकर उसमें से जीवन का रस प्रदान करता है और उसी को पाकर ही जीव अपने जीवन को बनाए रखने में सफल होता है यही हल योग जब कुण्डली में निर्मित
उच्च ग्रह की दशा अगर चल जाये तो इस प्रकार जीवन बदल जायेगा
ग्रहों का दशाफल अनेक प्रकार से अपने प्रभावों को दर्शाता है. ग्रह के दशाफल का अंतर सप्ष्टता से देखा जा सकता है क्योंकि कोई एक ग्रह यदि उच्च का है तो उसके प्रभावों में शुभता अधिक देखी जा सकती है लेकिन
कुण्डली के बारह भावों की महादशा | Mahadasha of the twelve house of Kundali
कुण्डली के प्रत्येक भाव की महादशा भिन्न भिन्न फल प्रदान करने वाली होती है. बारह भावों में स्थित शुभ और अशुभ प्रभाव जातक के जीवन को पूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं. प्रत्येक भाव अनुसार महादशा के
पाप ग्रह कब देते हैं शुभ फल | When do malefic planets give auspicious results
ज्योतिष शास्त्र में मंगल, शनि, राहु केतु को पाप ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है और सूर्य को क्रूर ग्रह कहा जाता है. परंतु यहां यह अर्थ बिल्कुल भी नहीं है कि यह ग्रह शुभ फलों को प्रदान नहीं करते.
शनि और मंगल का योग | Yoga of Saturn and Mars
सभी ग्रह समय - समय पर अपनी राशि परिवर्तित करते रहते हैं. सभी ग्रहों का एक राशि में भ्रमण का समय अलग ही होता है. कोई शीघ्र राशि बदलता है तो कई ग्रह लम्बी अवधि तक एक ही राशि में रहते हैं. सभी नौ ग्रहों
मंत्र जाप से राशि के दोष दूर कैसे करें. आईये देखें
ज्योतिष के अनुसार सभी बारह राशियों की अपनी कुछ विशेषता होती है. उसी के अनुसार उस राशि के मंत्र भी होते हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपनी राशि के स्वामी को प्रसन्न करने के लिए एक विशिष्ठ मंत्र का जाप किया
मुंथा क्या है और इसको अपनी कुण्डली में कैसे देखें?
वर्ष कुण्डली में गणना के संदर्भ में मुंथा का अत्यधिक उपयोग किया जाता है. जन्म कुण्डली में मुन्था सदैव लग्न में स्थित रहती है और हर वर्ष यह एक राशि आगे बढ़ जाती है. उदाहरण के लिए यदि किसी का जन्म मेष
वर्ग कुण्डलियाँ | Varga Kundali
ज्योतिष में कई वर्ग कुण्डलियों का अध्ययन किया जाता है. लग्न कुण्डली मुख्य कुण्डली होती है जिसमें 12 भाव स्थिर होते हैं और इन बारह भावों के बारे में विस्तार से जानने के लिए वर्ग कुण्डलियों का
कलानिधि योग | Kalanidhi Yoga | Kalanidhi Yoga in a Kundali
फलित ज्योतिष में योगों का बहुत महत्व रहता है. फलित करते समय योगों की विवेचना द्वारा जातक के जीवन में होने वली घटनाओं और परिस्थितियों का बोध होता है. योगों के निर्माण में एक से अधिक ग्रह जब युति,
कुण्डली में कुसुम योग | Kusum Yoga in a Kundali | Kusum Yoga
ज्योतिष शास्त्र में कुसुम योग का महत्व विस्तार पूर्वक बताया गया है. कुसुम योग बनने के प्रभाव स्वरुप व्यक्ति का जीवन किस प्रकार से प्रभावित होता है इस तथ्य को अनेक ज्योतिष से संबंधित पुस्तकों में जाना
शनि शांति के ज्योतिष द्वारा आसान उपाय - खुद करें
ज्योतिष शास्त्रों में शनि की व्याख्या अधिक की गई है, शनि की महादशा और शनि की साढेसाती से हर व्यक्ति प्रभावित होता है. शनि व्यक्ति को जीवन के उच्चतम शिखर या निम्नतम स्तर में बिठा सकते है. ज्योतिष