Articles in Category Vedic Astrology

कर्क लग्न का सातवां नवांश | Seventh Navamsha of Cancer Ascendant

कर्क लग्न का सातवां नवांश मकर राशि का होता है यह शनि की राशि का नवांश है. जातक की कुण्डली में यह जन्म कुण्डली के नवांश में सप्तम भाव का उदय है इस स्थिति में जातक के जीवन का यह भाग उसे अधिक प्रभावित

सूर्य का 12 भावों पर प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह अच्छे और बुरे दोनो ही प्रकार के फल प्रदान करने में सक्षम होता है. यह फल ग्रह की कुंडली में स्थित पर निर्भर करते हैं कि वह कि किसी कुंडली विशेष के लिए शुभ है या अशुभ है अथवा

चंद्रमा का तुला-वृश्चिक और धनु राशि को देखने का फल

तुलागत चंद्रफल | Moon Aspecting Libra Sign चंद्रमा के तुला राशि में होने से जातक का मन ख्यालों और कल्पनाओं की उडा़न में लगा रहता है. तुलागत चंद्रमा होने से व्यक्ति अकेले रहना पसंद नहीं करता है उसे

कर्क लग्न का पांचवां नवांश | Fifth Navamsha of Cancer Ascendant

कर्क लग्न का पांचवां नवांश वृश्चिक राशि का होता है. जातक गम्भीर, प्रखर बुद्धि का आदर्शवादी, उत्साही व चंचल प्रकृति का होता है. इस नवांश वाले जातक सौम्य प्रकृति के होते हैं. इस नवांश का स्वामी मंगल है

सूर्य अगर इन राशियों में होगा तो देगा ये फल

वैदिक ज्योतिष में हर राशि में हरेक ग्रह का अपना भिन्न प्रभाव होता है. राशि के कारकत्व तथा ग्रह के कारकत्व मिलकर ही व्यक्ति को फलों की प्राप्ति कराते हैं. कई बार शुभ तो कई बार अशुभ फलों की प्राप्ति

कर्क लग्न का छठा नवांश | Sixth Navamsha of Cancer Ascendant

कर्क लग्न का छठा नवांश धनु राशि का होता है. यह नवांश गुरू के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करता है. साथ ही यह नवांश जातक के स्वरूप को भी एक ओजपूर्ण व्यक्तित्व देने वाला होता है. जातक का रंग गौरवर्ण का

सूर्य का मकर और कुम्भ राशि को देखना आपके लिए बढ़ा सकता है परेशानियां

मकरस्थ सूर्य का फल | Sun Aspecting Capricorn मकर में स्थित सूर्य का फल कुछ कम ही होता है. मकर जोकि शनि की राशि है अत: इस राशि में स्थित होने पर सूर्य कुछ अधिक अच्छे फल नहीं दे पाता है. मकर राशि में

दशाफल विचार | Analysis of Dasha Phal - Part 1

वैदिक ज्योतिष में किसी भी ग्रह की शुभता या अशुभता जन्म कुंडली के लग्न पर निर्भर करती है क्योकि हर लग्न के लिए सभी ग्रहों का फल भिन्न होता है. यदि एक ग्रह किसी के लिए शुभ है तब यह जरुरी नहीं कि वह

शुक्र की राशि और उसका आपके जीवन पर असर

ज्योतिष में सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रहों की दो-दो राशियां हैं. इस प्रकार जब हम किसी एक ग्रह की दोनों राशियों का आंकलन करते हैं तो उसमें विभिन्नता स्वभाविक रूप से विद्यमान रहती है. इन राशियों

कर्क, सिंह और कन्या राशि पर चंद्रमा का असर

कर्कस्थ चंद्रफल | Moon Aspecting Cancer चंद्रमा का कर्क में स्थित होना चंद्रमा की स्थिति को प्रबल बनाने में सहायक होता है. यह स्थिति व्यक्ति की मानसिकता और व्यक्तिगत भावनाओं में संतुलन लाने का प्रयास

ये है सही तरीका कुंडली देखने का, जानें कैसे देखते हैं कुण्डली

आप में से अधिकतर लोगो ने जन्म कुंडली के बारे में अवश्य ही सुन रखा होगा. जन्म कुंडली या जन्मपत्री व्यक्ति के जीवन की घटनाओ की संभावना बताती है. जीवन में कौन सा समय अच्छा तो कौन सा समय व्यक्ति के लिए

वक्री ग्रह से अरिष्ट का विचार | Analysis of Arishta Yoga through Retrograde Planets

वक्री ग्रहों के बारे में यह विचार करना की वह किस प्रकार के फलों को देने वाले होते हैं, इस तथ्य की पुष्टी में कई विचारों का समावेश मिलता है. इसके विषय में प्राचीन ज्योतिषी ग्रंथों में कुछ बातें कहीं

तीसरे भाव से कुण्डली का आंकलन | Analysis of Your Kundali through Third House

जातक की जन्म कूण्डली में तीसरा भाव उसके पराक्रम और साहस की कहानी बताता है. इसके साथ साथ इन प्रमुख बातों के अतिरिक्त इस भाव से भई बहनों का सुख और यात्राओं के बारे में भी जाना जा सकता है. पराक्रम भाव

कर्क लग्न का नौवां नवांश | Ninth Navansh of Cancer Ascendant

कर्क लग्न का नौवां नवांश मीन राशि का होता है. मीन राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं. बृहस्पति के प्रभाव में होने से और इस नवांश का काफी अनुकूल प्रभाव जातक को प्रभावशाली फल देने वाला होता है. इसके

सिंह लग्न का पहला नवांश | First Navansh of Leo Ascendant

सिंह लग्न का चौथा नवांश मेष राशि का होता है. यह नवांश मे जन्मे बच्चे पर मंगल ग्रह का प्रभाव भी रहता है क्योंकि मेष नवांश के स्वामी ग्रह मंगल हैं. नवांश लग्न के प्रभाव के कारण जातक का रंग मध्यम, कमर

व्यवसाय में सफलता दिलाने में सूर्य ग्रह का महत्व

व्यवसाय क्षेत्र में व्यक्ति का रुझान किस ओर रह सकता है या कौन सा ग्रह जातक के व्यवसाय के लिए अनुकूल रह सकता है इन बातों को जानने से पूर्व ग्रहों की व्यवसाय क्षेत्र में महत्ता को समझने की आवश्यकता

चन्द्रमा का मेष, वृष और मिथुन राशि पर गोचर का फल

मेषगत चंद्रमा योग फल | Moon Aspecting Aries Sign मेषगत चंद्रमा के होने पर चंद्रमा इसके तत्वों में स्वयं को समाहित पाता है. चंद्रमा के साथ इसका समायोजन होने से व्यक्ति में सौंदर्य का आगमन होता है. वह

कर्क लग्न का चौथा नवांश | Fourth Navamsha of Cancer Ascendant

कर्क लग्न का चौथा नवांश तुला राशि का होता है. यह नवांश जातक के सुख स्थान संबंधी परिस्थितियों का स्थान बी होता है जिससे जुडी़ सभी बातें जातक के लिए आवश्यक होती हैं और जीवन भर वह इन सभी के विषय में

कुंडली में हों ये योग तो कर सकते हैं होटल का व्यवसाय

होटल व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता का निर्धारण कुण्डली के दूसरे भाव, चौथे भाव और एकादश भाव से करना चाहिए. यह स्थान जातक के लिए विशेष प्रभावशाली माने जाते हैं. इसके साथ-साथ इस क्षेत्र में सफलता के लिए

कर्क लग्न का आठवां नवांश | Eighth Navansh of Cancer Ascendant

कर्क लग्न का आठवां नवांश कुम्भ राशि का होता है, इस राशि के स्वामी शनि हैं यह नवांश राशि शनि की मूलत्रिकोण राशि भी है जिस कारण इस नवांश का प्रभाव शनि की शुभता को अधिक विस्तार से दर्शाने में सहायक होता