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ज्योतिष और अंक ज्योतिष का आपसी संबंध कैसे डालता है आप पर असर

ज्योतिष एक बेहद विस्तृत विषय है जिसके अंदर अनेकों प्रकार की विद्याएं मौजूद होती हैं. इन सभी के मध्य कुछ संबंध भी देखने को मिल सकता है. इसमें अंक ज्योतिष का असर भी देखने को मिलता है. अंक ज्योतिष और वैदिक ज्योतिष के मध्य

जानिए पूर्वमध्यकाल में फलित ज्योतिष का इतिहास और विकास

पूर्वमध्यकाल अर्थात ई. 501 से 1000 तक का काल ज्योतिष के क्षेत्र में उन्नति और विकास का काल था. इस काल के ज्योतिषियों ने रेखागणित, अंकगणित और फलित ज्योतिष पर अध्ययन कर, अनेक शास्त्रों की रचना की. इस काल में फलित ज्योतिष

केतु क्या है । The Ketu in Astrology । Know Your Planets- Ketu | Which Gemstone wear for Ketu.

केतु को धड, पूंछ और घटता हुआ पर्व कहा गया है. केतु की कारक वस्तुओं में मोक्ष, उन्माद, कारावास, विदेशी भूमि में जमीन, कोढ, दासता, आत्महत्या, नाना, दादी, आंखें, तुनकमिजाज, तुच्छ और जहरीली भाषा, लम्बा कद, धुआं जैसा रंग,

12 माह आजीविका ज्योतिष से | Next 12 Months Career According to Astrology | Profession According to Vedic Astrology

एक वितीय वर्ष में आजीविका क्षेत्र में आने वाले उतार-चढावों को ज्योतिष के माध्यम से समझने के लिये हमें योग, दशा ओर गोचर की अंगूली पकड कर चलना पडेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी योग केवल अपनी महादशा- अन्तर्दशा और गोचर

मंगल ज्योतिष में । The Mars in Astrology । Know Your Planets Mars

मंगल को ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के साहस, छोटे भाई-बहन, आन्तरिक बल, अचल सम्पति, रोग, शत्रुता, रक्त शल्य चिकित्सा, विज्ञान, तर्क, भूमि, अग्नि, रक्षा, सौतेली माता, तीव्र काम भावना, क्रोध, घृ्णा, हिंसा, पाप,

जानिए चंद्रमा से बनने वाले दुर्धरा योग का प्रभाव

जन्म कुण्डली में दुर्धरा (दुरुधरा) योग का निर्माण चंद्रमा की स्थिति के आधार पर तय होता है. जब कुण्डली में सूर्य के सिवाय, चन्द्र के दोनो और अथवा द्वितीय व द्वादश भाव में ग्रह हों, तो इससे दुरुधरा योग बनता है. यह योग

13वीं राशि । 13th Zodiac Sign

एक पाश्चात्य ज्योतिषी के अनुसार भचक्र में राशियों की संख्या 12 से 13 हों, गई है. पृ्थ्वी के अपनी धूरी में होने वाले बदलाव ने राशियों में एक नई राशि को जोड दिया है. वैदिक ज्योतिष के फलित का आधार प्रारम्भिक काल से सूर्य न

आजीवन आजीविका ज्योतिष के माध्यम से | Professional Life through Astrology | Career According to Vedic Astrology

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य वराहमिहिर के अनुसार लग्न, सूर्य अथवा चन्द्र में जो ग्रह सबसे अधिक बली हों, उस ग्रह से दशम भाव का स्वामी, नवाशं में जिस राशि में स्थित हों, उस राशि की दशा और गोचर में व्यक्ति को धनोपार्जन की

ब्रह्मगुप्त ज्योतिषाचार्य का ज्योतिष में योगदान

ब्रह्मगुप्त का नाम भारत के महान गणितज्ञों में लिया जाता है. इनके द्वारा दिए गए सूत्रों को आज भी उपयोग में लाया जाता है. ब्रह्म गुप्त न केवल गणित के जानकार थे बल्कि वे एक बहुत योग्य ज्योतिषी भी थे. उन्हों ने अपने ग्रंथों

आर्यभट्ट का ज्योतिष के इतिहास में योगदान

ज्योतिष का वर्तमान में उपलब्ध इतिहास आर्यभट्ट प्रथम के द्वारा लिखे गए शास्त्र से मिलता है. आर्यभट्ट ज्योतिषी ने अपने समय से पूर्व के सभी ज्योतिषियों का वर्णन विस्तार से किया था. उस समय के द्वारा लिखे गये, सभी शास्त्रों

रोमक सिद्वान्त- ज्योतिष का इतिहास | Romaka Siddhanta - History of Astrology

प्राचीन काल में ज्योतिष अपने सर्वोत्तम स्तर पर था. मध्य काल में इस विद्या के शास्त्रों को न संभाल पाने के कारण उस समय के सही प्रमाण हमारे पास आज पूर्ण रुप से उपलब्ध नहीं है. उस समय के के शास्त्री ग्रहों कि गति, कालों

शिक्षा और ज्योतिष | Education and Astrology | Education Astrology

आधुनिक समय में सभी अपनी शिक्षा का स्तर उच्च रखने की चाह रखते हैं. अभिभावक भी अपने बच्चो की शिक्षा को लेकर चिन्तित रहते हैं. प्राचीन समय में ब्राह्मण का कार्य शिक्षा प्रदान करना था. विद्यार्थीगण आश्रम में रहकर शिक्षा

13वीं राशि "ओफियुकस" 13th Zodiac Sign "Ophiuchus"

ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार भ्रचक्र में एक बडा परिवर्तन हुआ है. इंगलैंड की प्रसिद्ध ज्योतिषिय संस्था के अनुसार राशियों की संख्या 12 से 13 हो गई है. अर्थात सूर्य को एक वर्ष में 12 राशियों के स्थान पर 13 राशियों में

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