Articles in Category jaimini jyotish

जैमिनी ज्योतिष में राजयोग का आप पर प्रभाव

ज्योतिष में शुभता का प्रभाव योग के फलों के द्वारा समझा जा सकता है. किसी भी ग्रह की शुभता अकेले से ही निर्मित नही होती है अपितु उसके साथ कई अन्य फैक्टर भी काम करते हैं. इसी श्रेणी में वैदिक पराशर

कुंडली के किन भावों में राहु देता है अच्छे परिणाम और प्रभाव

राहु और केतु ऎसे छाया ग्रह हैं जिन्हें बेहद चुनौतिपूर्ण फलों को देने वाला माना गया है. राहु के साथ केतु भौतिक स्वरुप वाले ग्रहों से अलग छाया ग्रह हैं. लेकिन इनकी ऊर्जा बेहद प्रभावी होती है और जिसके

जैमिनी ज्योतिष के अमात्यकारक ग्रह से जानें अपने लिए सही करियर का चुनाव

ज्योतिष शास्त्र की एक शाखा जैमिनी ज्योतिष भी जिसे ऋषि जैमिनी के नाम से ही जाना जाता है. जैमीनी ज्योतिष अनुसार अमात्यकारक ग्रह कुंडली में अहम स्थान रखता है. सभी नव ग्रहों में किसी न किसी को अमात्यकारक

शनि के गोचर का मिथुन राशि पर क्या पड़ेगा असर, जानिए विस्तार से

शनि का गोचर ज्योतिशः की दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना होती है. शनि और गुरु ऎसे ग्रह हैं जिनके राशि परिवर्तन को लेकर सभी में जिज्ञासा रहती है क्योंकि इन दो ग्रहों की जीवन पर बहुत गहरी छाप पड़ती

वृषभ राशि वालों के लिए कैसा रहेगा शनि का गोचर

शनि का मकर राशि में गोचर सभी बारह राशियों पर अलग-अलग रुप से पड़ेगा. इसके अलाव शनि का गोचर अनेक घटनाओं को भी प्रभावित करने वाला होगा. सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर भी ये विश्व पर असर डालने वाला होगा.

नव संवत्सर 2078 कैसा रहेगा हम सभी के लिए, आईये जानते हैं विस्तार से

13 अप्रैल 2021 को नव विक्रम संवत का आरंभ होगा. 2078 का नव संवत्सर “राक्षस” नाम से पुकारा और जाना जाएगा. इस वर्ष संवत के राजा मंगल होंगे और मंत्री भी मंगल ही होंगे. राक्षस नामक संवत के प्रभाव से विकास

जैमिनी मण्डूक दशा के वर्ष | Years of Gemini Mandook Dasha

जब जैमिनी दशा के वर्ष निर्धारित करने हों तब सबसे पहले आप सम और विषम राशियों की एक तालिका बना लें. कुण्डली में जिस राशि के दशा वर्ष निर्धारित करने है उस राशि के स्वामी से राशि तक गिनती करें. यदि

जैमिनी कारक | Jaimini Karak

पिछले पाठ में आपने जैमिनी दशा में उपयोग में आने वाले कारकों के बारे में जानकारी हासिल की है. कारकों का निर्धारण करना आपको आ गया होगा. जिस प्रकार पराशरी सिद्धांतों में प्रत्येक भाव का अपना महत्व होता

तैतिल करण

11 करणों में तैतिल करण तीसरे क्रम में आता है. तैतिल करण को मिलाकर कुल 11 करण है. ज्योतिष का मुख्य भाग समझने जाने वाले पंचाग ज्ञात करने के लिए करण की गणना कि जाती है. विभिन्न कार्यो के लिए शुभ मुहूर्त

जैमिनी ज्योतिष-आधारभूत सिद्धांत | Jaimini Astrology-General Principles

जैमिनी ज्योतिष | Jaimini Astrology ज्योतिष के संसार में दो महर्षियों की महान देन रही है. महर्षि पराशर तथा महर्षि जैमिनी. महर्षि पराशर ने वैदिक ज्योतिष से लोगों को परिचित कराया तो जैमिनी ज्योतिष

रज्जु योग कैसे बनता है

नभस योग कुण्डली में बनने वाले अन्य योगों से भिन्न है. यह माना जाता है, कि नभस योगों की संख्या कुल 3600 है. जिनमें से 1800 योगों को सिद्धान्तों के आधार पर 32 योगों में वर्गीकृ्त किया गया है. इन योगों

स्थिर दशा की गणना | Calculation of Sthir Dasha

महादशा | Maha Dasha जैमिनी स्थिर दशा की गणना सीधी तथा सरल है. कुण्डली में जिस भाव में ब्रह्मा स्थित होते हैं उस भाव से स्थिर दशा का दशा क्रम आरम्भ होता है. इस गणना में चर,स्थिर तथा द्वि-स्वभाव

जैमिनी चर दशा में पद | Padas in Jaimini Char Dasha

जैमिनी चर दशा में पदों का अपना महत्वपूर्ण स्थान है. पद की गणना के विषय में कई मतभेद हैं. आपके सामने पद निर्धारण में केवल वही नियम लगाएँ अथवा बताए जाएँगें जो अधिक प्रचलित हैं. कई विद्वान पद लग्न अथवा

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