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कर्क राशि में वक्री मंगल : मंगल कर्क राशि में वक्री सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव
वक्री मंगल कर्क राशि में नव ग्रहों में मंगल को जोश और साहस का ग्रह माना जाता है. मंगल जब भी गोचर में बदलाव करता है उसका असर सभी पर होता है. जब मंगल कर्क राशि में वक्री होता है तो ये स्थिति मिलेजुले
क्या होता है केन्द्राधिपति दोष ?
ज्योतिष में अनेकों योगों का उल्लेख मिलता है जिनके आधार पर कुंडली की शुभता या निर्बलता को समझ पाना संभव होता है. इन्हीं में से एक योग है केन्द्राधिपति दोष. यह यह ऎसा दोष है जब शुभ ग्रह गुरु, शुक्र,
कर्क लग्न के लिए बाधक शुक्र और बाधकेश प्रभाव
कर्क लग्न के लिए बाधक शुक्र और बाधकेश प्रभाव कर्क लग्न के लिए बाधक शुक्र बनता है. शुक्र कर्क लग्न के लिए बाधकेश होता है. शुक्र एक अनुकूल शुभ ग्रह होने पर भी कर्क लग्न के लिए बाधक का काम करता है.
मिथुन लग्न के लिए बाधक ग्रह और बाधकेश प्रभाव
मिथुन लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति के लिए सातवां भाव बाधक बनता है. मिथुन लग्न के लिए सातवें भाव का स्वामी बाधकेश हो जाता है. गुरु का प्रभाव अनुकूल होने पर भी बाधक के कारण वह अपना संपूर्ण प्रभाव
मीन राशि में शनि : वृश्चिक राशि पर शनि के गोचर का प्रभाव
शनि वृश्चिक राशि वालों के लिए तीसरे और चतुर्थ भाव का स्वामी ग्रह है. मीन राशि में शनि का प्रवेश होने पर यह यह वृश्चिक राशि वालों के पंचम भाव में गोचर करता है. शनि का वृश्चिक राशि वालों के लिए केन्द्र
मेष लग्न के लिए बाधक ग्रह और प्रभाव
मेष लग्न के लिए बाधक ग्रह मेष लग्न के लिए ग्यारहवां भाव बाधक भाव होता है और इस भाव का स्वामी शनि होता है. शनि यहां बाधक ग्रह की भूमिका निभाता है. शनि की दशा या अंतर्दशा के दौरान व्यक्ति को करियर,
मीन लग्न में बाधक ग्रह और इसका प्रभाव
मीन लग्न के लिए बाधक ग्रह सातवें भाव का स्वामी होता है. सातवें भाव में आने वाली कन्या राशि का स्वामी बुध मीन लग्न के लिए बाधक का काम करता है. मीन लग्न के लिए बुध की स्थिति बाधक के रुप में अपना असर
सूर्य से बनने वाले विशेष ज्योतिषीय योग
वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है और इसे सभी ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है. इसके अलावा सूर्य को पिता का कारक भी माना जाता
शुक्र केतु युति योग का विवाह पर प्रभाव
शुक्र केतु युति योग का विवाह पर प्रभाव शुक्र और केतु की युति के प्रभाव से विशेष गुण फलों की प्राप्ति होती है. शुक्र और केतु का योग सभी भावों में राशि और भाव अनुसार फल देने वाला होता है. शुक्र और केतु
दूसरे भाव में शुक्र: धन के स्त्रोत होते हैं विकसित
शुक्र का दूसरे भाव में होना अनुकूल माना जाता है.शुक्र का धन भाव में होना भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति का संकेत भी होता है. आपके दूसरे भाव में शुक्र के होने से आप जीवन में अपनी इनकम को अधिक बनाने के
दूसरे भाव में चंद्रमा : धनवान योग कुंडली के दूसरे भाव में चंद्र
दूसरे भाव में चंद्रमा : धनवान योग कुंडली के दूसरे भाव में चंद्र चंद्रमा की शुभता हर भाव को विशेष बनाती है. चंद्रमा का प्रभाव कुंडली में वो स्थान रखता है जिसके द्वारा कुंडली को बल मिलता है. कुंडली में
दूसरे भाव में बुध : दूसरे भाव का कारक बुध
ज्योतिष में बुध ग्रह को राजकुमार के रुप में स्थान प्राप्त होता है. जन्म कुंडली में बुध की स्थिति जिस प्रकार की होती है उसी प्रकार के फल भी प्राप्त होते हैं. जब बात आती है बुध ग्रह के दूसरे भाव में
मीन राशिफल 2025 : राहु केतु बदलने वाले आपके जीवन कि दिशा
मीन राशि स्वामी बृहस्पति का गोचर वार्षिक राशिफल के लिए होता है बेहद विशेष. बृहस्पति की स्थिति के अलावा अन्य ग्रहों का गोचर करियर से लेकर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर डालेगा अपना असर. इस समय नौकरी में
कुंभ राशि के लिए राशिफल 2025 : शनि साढ़ेसाती का तीसरा चरण
कुंभ राशि वालों के लिए यह वर्ष नई उड़ान भरने का और अपने सपनों को पूरा करने का समय होगा. यह आपके लिए एक रोमांचकारी वर्ष हो सकता है. वैसे शनि का प्रभाव आप पर रहेगा साढ़ेसाती आप पर असर डालने वाली है
मकर राशि के लिए राशिफल 2025 : शनि प्रभाव से मुक्ति का समय
मकर राशि अपने व्यक्तित्व और दृढ़ता के लिए जानी जाती है. इस राशि के जातकों दक्षता और कुशलता बेहतरीन होती है. मकर राशि शनि के प्रभाव की राशि और इसी कारण 2025 इन राशियों के लिए होने वाला है बेहद विशेष.
धनु राशिफल 2025: क्या सफलता की लिख पाएंगे नई कहानी
धनु राशिफल बृहस्पति की राशि है. यह एक बेहद ही आकर्षक, एकाग्र, परिश्रमी और साहस से ओत-प्रोत राशि है. गुरु का गोचर जब भी बदलाव में आता है धनु राशियों के लिए विशेष परिणाम देने वाला होता है. इस साल भी
दूसरे भाव में मांगलिक योग वैवाहिक जीवन होगा प्रभावित
ज्योतिष में कई भाव मंगल ग्रह के लिए खास माने गए हैं. मंगल की स्थिति जिन भावों में होती है उस अनुरुप फल मिलते हैं, लेकिन जब मंगल कुछ खास भाव स्थान में होता है तब उसका फल बिलकुल ही अलग तरह से मिलता है.
वृश्चिक राशिफल 2025 : गुरु और राहु का असर देगा बदलाव के संकेत
वृश्चिक राशिफल 2025 : गुरु और राहु का असर देगा बदलाव के संकेत वृश्चिक राशिफल राशि चक्र की आठवीं राशि है. वृश्चिक राशि के लिए नए साल की शुरुआत बेहद विशेष होती है. इस साल काम को करने के लिए कमर कस लेने
तुला राशिफल 2025 राशि : तुला के लिए राशिफल 2025 नौकरी और वित्तीय स्थिति होगी मजबूत
तुला राशि बेहद आकर्षक एवं प्रतिभाशाली राशि है. इस राशि के स्वामी शुक्र हैं और इस तुला राशि के लिए शनि देव योगकारक होते हैं. शुक्र के स्वामित्व वाली तुला राशि के लिए इस साल का समय अच्छा रहेगा. इस साल
कन्या राशिफल 2025 : ग्रहों की चाल इस साल बढ़ा सकती हैं मुश्किलें
कन्या राशि राशि चक्र में छठे स्थान पर आती है, कन्या राशि के स्वामी बुध हैं और बुध का प्रभाव ही कन्या राशि के लिए विशेष होता है. वार्षिक राशिफल के अनुसार बुध ग्रह की स्थिति, बुध के वक्री अस्त मार्गी,