Articles in Category vedic astrology
शुक्र का शुभ या अशुभ प्रभाव कैसे करता है आपको प्रभावित
कुंडली में मौजूद आपके लिए शुभ है या अशुभ इस बात को जानने के लिए जरुरी है की, इसके द्वारा मिलने वाले प्रभावों को समझ लिया जाए. शुक्र के कारक तत्वों की प्राप्ति जीवन में किस रुप में होती है उसके द्वारा
कुंडली मे शनि के कमज़ोर होने झेलनी पड़ सकती है ये परेशानियां
ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह की स्थिति अत्यंत ही विशिष्ट मानी गई है. शनि हमारे जीवन के अधिकांश भाग पर अपने असर दिखाता है. अन्य सभी ग्रहों से अधिक शनि का प्रभाव हम सभी के जीवन पर अधिक पड़ता है. शनि की
शेयर मार्केट का ज्योतिष द्वारा विश्लेषण
धनार्जन से जुड़े कई कार्य जीवन में दिखाई देते हैं लेकिन जब बात आती है अचानक से मिलने वाली सफलता तो उसमें शेयर बाजार का नाम सबसे आगे रहता है. बड़े रिस्क से जुड़ी मार्किट का विश्लेषण करें तो इसमें
हायर एजुकेशन के बारे में जानें अपनी कुंडली से
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की इच्छा किसी छात्र के मन में बहुत अधिक देखने को मिल सकती है तो कई बार हम अपने करियर को बेहतर बनाए के लिए भी उच्च शिक्षा की ओर आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं. आप
बुध का सिंह राशि में होना साहस और बौद्धिकता का बेहतर समय
ज्योतिष में बुध की स्थिति हमारे संचार, बुद्धि और अनुकूलन क्षमता के लिए बहुत विशेष होती है. संचार और मानसिक कौशल पर इसका बेहतरीन नियंत्रण होता है. बुध व्यक्ति के सोचने और काम करने की प्रवृत्ति को
भकूट कैसे देता है सफल विवाह की गारंटी ?
विवाह मिलान से जुड़े ज्योतिषीय नियमों में एक नियम भकूट भी है. भकूट का उपयोग वैवाहिक सुख को देखने हेतु विशेष रुप से किया जाता है. विवाह मिलान में भकूट मिलान का बेहद महत्व होता है. भकूट की स्थिति पर
सिंह लग्न के लिए सभी ग्रह दशा प्रभाव
सिंह लग्न के लिए सभी ग्रहों की स्थिति कुछ शुभ और कुछ कठोर बनती है. ग्रह जिस भाव के स्वामी होते हैं और जैसी स्थिति में होते हैं उसी के अनुरुप अपना असर दिखाते हैं. सिंह लग्न महत्वाकांक्षी, साहसी, दृढ़
कर्क लग्न के लिए सभी ग्रहों का दशा फल
कर्क लग्न को एक अत्यंत ही शुभ लग्न के रुप में जाना जाता है. यह चंद्रमा के स्वामित्व की राशि का लग्न होता है. इस पर चंद्रमा के गुणों के साथ राशि गुणों का भी गहरा असर देखने को मिलता है. कर्क लग्न में
राशि से जाने अपने पार्टनर के मन की बात
ज्योतिष शास्त्र में राशियों के द्वारा संबंधों की जटिलताओं को समझने में बहुत सहायता प्राप्त होती है. राशियों का उपयोग आपसी कम्पेटिबिलिटी को समझने के लिए किया जाता रहा है. राशि चक्र में प्रत्येक राशि
करियर ज्योतिष कैसे बन सकती है हमारे लिए सहायक
करियर ज्योतिष एक बेहद की उपयोगी और सहायक बन सकता है उन सभी के लिए जो अपने काम को लेकर कई तरह की दुविधाओं में फंसे होते हैं. ज्योतिष में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि एक अच्छा करियर पाने के
लग्न के अनुसार जानिए शनि दशा प्रभाव
विंशोत्तरी महादशा प्रणाली की गणना के अनुसार मनुष्य के जीवन में 9 ग्रह और 9 महादशाएं होती हैं. शनि महादशा की अवधि 20 वर्ष होती है. शनि की महादशा में अन्य ग्रहों की अंतर्दशाएं भी होती हैं, जो व्यक्ति
लक्ष्मी नारायण क्या होता है ?
ज्योतिष अनुसार एक शुभ योग किसी व्यक्ति के भविष्य निर्माण में जितना सहायक बनता है उतना उसके समस्त ग्रहों का लाभ होता है. हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों को पाने कि इच्छा रखता है. जीवन
कुंडली से जाने विभिन्न भावों का फल
कुंडली में जब भविष्यफल का फल जानना हो तो उस समय पर जो भाव अधिक सक्रिय होता है उसके जीवन में वह समय अधिक संघर्ष या सफलता की स्थिति को दर्शाता है. ऎसे में कुंडली का विश्लेषण किसी व्यक्ति के जीवन के
ज्योतिष के 27 योग और उनकी विशेषता
ज्योतिष में जब पंचांग गणना में मुहूर्त की ओर ध्यान दिया जाता है तो योगों के चयन को लेकर विशेष रुप से सतर्क रहने की जरुरत होती है. ज्योतिष में कुछ योग अपने अपने क्रम अनुसार प्रमुख हैं जिनमें से
कुम्भ लग्न के लिए सभी ग्रहों का प्रभाव
कुंभ लग्न जो अपने आप में एक व्यापक और विस्तृत रुप से सामने आता है. कुंभ लग्न शनि के प्रभाव का लग्न है यह लग्न जीवन के लाभ क्षेत्र पर विशेष असर दिखाने वाली होती है. मस्तमौला और गहरी विचारधारा सोच को
कारकांश और उसका कुण्डली में भाव महत्व
कारकांश आत्मकारक और नवमांश का आपसी संबंध दर्शाता है. इस कुंडली की मजबूती और नवांश की शक्ति के आपसी संबंध की भी व्याख्या करने वाला होता है. कारकांश D9 में वह राशि है जहां D1 का आत्मकारक ग्रह स्थित है,
मीन लग्न में सभी ग्रहों का प्रभाव
मीन लग्न में सभी ग्रहों का प्रभाव मीन लग्न को एक शुभ, कोमल उदार लग्न के रुप में जाना जाता है. मीन लग्न का स्वामी बृहस्पति होता है जो ज्ञान का सूचक है. इस लग्न में जन्मे व्यक्ति का व्यवहार एवं गुणों
मेष लग्न के लिए बुध महादशा का प्रभाव कैसे डालता है अपना असर
मेष लग्न के लिए बुध ग्रह की महादशा कैसे परिणाम देगी इस तथ्य पर कुंडली में बुध के भाव अधिग्रह के साथ बुध के भाव स्थान की महत्ता विशेष होती है. जिसका अर्थ हुआ की मेष लग्न के लिए बुध किन भावों का स्वामी
नौकरी या व्यवसाय में कारकांश कुण्डली की भूमिका
करियर के क्षेत्र में हम अपने लिए नौकरी का चयन करते हैं या फिर व्यवसाय का इन का पता लगाने के लिए कई तरह की पद्धितियां ज्योतिष में मौजूद हैं. इन्हीं में से एक विचार कारकांश के द्वारा भी प्राप्त होता
सूर्य महादशा प्रभाव मंगल की अंतर्दशा प्रभाव
महादशा में अन्य ग्रहों की दशाओं का आना अंतरदशा प्रत्यंतरदशा रुप में होता है. दशाओं का प्रभाव सूक्ष्म रुप में पड़ता है. हर दशा का असर अपने भव स्वामित्व ग्रह स्थिति के आधार पर ही होता है. सूर्य की