वैशाख माह की स्कंद षष्ठी भारतीय संस्कृति में व्रत एवं त्योहारों का अत्यंत महत्व है. ये न केवल धार्मिक विश्वासों का प्रतीक होते हैं बल्कि समाजिक और आध्यात्मिक विकास के भी माध्यम होते हैं. ऐसे ही एक महत्वपूर्ण व्रत एवं
हिंदू धर्म में प्रत्येक देवता किसी न किसी ग्रह, दिन और गुण से जुड़े होते हैं. इसी परंपरा के अंतर्गत भगवान मुरुगन जिन्हें कार्तिकेय, स्कंद, कुमारस्वामी और सुब्रमण्यम भी कहा जाता है। भगवान मुरुगन को मंगलवार के दिन विशेष
हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष स्थान है, और इनमें से सबसे पावन मानी जाती है विकट संकष्टी चतुर्थी. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है और इस दिन श्रद्धालु विशेष रूप से उनकी ‘विकट’ रूप में पूजा करते हैं. आइए
चैत्र पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार साल के पहले महीने चैत्र की पूर्णिमा होती है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल में आती है. यह दिन विशेष रूप से पवित्र होता है और इसे विभिन्न धार्मिक गतिविधियों और व्रतों के रूप में मनाया
झूलेलाल जयंती भगवान झूलेलाल जयंती सिंध समाज का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जो सिंधी समाज के लोगों के जीवन में विशेष महत्व रखता है। इस दिन की पूजा, भगवान झूलेलाल के जीवन और उनके कार्यों के प्रति
फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन को डोल पूर्णिमा के नाम से भी मनाया जाता है. इस दिन को बंगाल में डोल पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. डोल पूर्णिमा को भगवान श्री कृष्ण एवं राधा रानी के प्रेम स्वरुप में मनाते हैं जिसमें
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर व्यक्ति का जीवन नक्षत्रों और ग्रहों की स्थिति से प्रभावित होता है. नक्षत्रों का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह जीवन के प्रत्येक पहलु को प्रभावित करते हैं. नक्षत्रों का असर विवाह, जन्म,
माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन नर्मदा जयंती का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन भक्त माँ नर्मदा का पूजन भक्ति भाव के साथ मनाते हैं. नर्मदा जयंती का पर्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह
गोवर्धन पूजा जिसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है. कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है. इस वर्ष 22 अक्टूबर 2025 को गोवर्धन पूजा की जाएगी. यह पर्व उत्तर भारत में विशेषकर मथुरा क्षेत्र में
कैलाश मानसरोवर को भगवान शिव का प्रिय स्थान कहा गया है. इसे भगवान शिव-पार्वती का घर माना जाता है. पौराणिक आख्यानों के अनुसार यह स्थल शिव का स्थायी निवास होने के कारण से यह स्थान सर्वश्रेष्ठ पाता है. मानसरोवर को 'कैलाश
भारत देश नदियों और मान्यताओं का देश है. यहां नदियों को विशेष सम्मान दिया गया है. गंगा नदी यहां के निवासियों के लिए माता का रुप है. यही वजह है, कि गंगा को माता के नाम से सम्बोधित किया जाता है. इस कारण हिंदुओं के लिए गंगा
अदभूत स्थल ओम पर्वत आदि कैलाश यात्रा के मार्ग में स्थित है. इसे ॐ पर्वत इसलिए कहा जाता है क्योंकि पर्वत का आकार व इस पर जो बर्फ जमी हुई है वह ओम आकार की छठा बिखेरती है तथा ओम का प्रतिबिंब दिखाई देता है. यह मनमोहक ओम
फल्गु नदी के तट पर बसा बिहार का प्रमुख शहर गया एक तीर्थ स्थल है. गया तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख स्थान है. श्राध के महीने में बिहार के प्रमुख तीर्थस्थल गया में लगने वाले पितृ-पक्ष मेले में दूर-दूर से लोग यहां पितरों का
उत्तराखण्ड के चमोली क्षेत्र में गोपेश्वर में स्थित एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है. भगवान शिव को समर्पित यह धाम भारत के प्रमुख रमणीय स्थलों मे से एक है. इस पवित्र स्थल के दर्शन मात्र से ही समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं.