बुध और बृहस्पति | Mercury and Jupiter

लाल किताब के दूसरे घर में बुध और गुरू अर्थात बृहस्पति की युति जातक को ज्ञानी बनाती है और उसे विद्वान लोगों से सम्मान तथा ज्ञान की प्राप्ति होती है, यह दोनों ही ग्रह व्यक्ति को बौद्धिक क्षमता देने वाले होते हैं और जातक का दिमाग तेज होता है. कामों में कुशलता आती है.

अपने ज्ञान और वाक कुशलता के द्वारा वह सभी को अपनी ओर कर लेने की क्षमता रखता है. आर्थिक रूप से जातक को सक्षम बनाती है. ऎसा जातक दूसरों को उपदेश देने में दक्ष होता है. लेकिन एक स्थिति परेशान कर सकती है कि पिता को आर्थिक घाटा हो सकता है और तंगी रह सकती है.

बुध और शुक्र | Mercury and Venus

लाल किताब में कुण्डली के दूसरे घर में बुध के साथ शुक्र के होने पर बुध पर शुक्र का प्रभाव बना रहता है. जातक को राज्य से लाभ और वैभव की प्राप्ति होगी, आलीशान धर में रहने का सुख मिलेगा, सुंदर होगा ओर हास्य विनोद में भी कलात्मकता से युक्त होगा.

जातक का लोगों पर अच्छा प्रभाव रहेगा. यदि अपने कामों में धर्म संगत होगा तो ग्रहों का फल और भी बढ़ जाएगा और शुभता की प्राप्ति होगी. व्यापार जैसे कार्यों में वह अच्छे मुनाफे कमा सकेगा. कढाई बुनाई के कामों में वह दक्ष होगा. परंतु यदि इस पर किसी बुरे ग्रह का प्रभाव आता है तो फलों की शुभता में कमी आना स्वाभाविक है.

बुध और शनि | Mercury and Saturn

दूसरे घर में बुध और शनि का संबंध बनने पर बुध को शनि की वस्तुओं से लाभ ही मिलता है. यानी की जातक को बिचौलिए के रूप में कार्य करने से लाभ मिलता है और मशीनरी से भी अच्छा मुनाफा हो सकता है, इसी के साथ ही सेवकों का साथ मिलता है ईमादार नौकर मिलते हैं.

इस अवस्था में जातक का स्वास्थ्य भी अनुकूल रहता है और भाग्य की अच्छी स्थिति उसे कार्य क्षेत्र में प्रगत्ति दिलाने में सहायक होती है. माता पिता की ओर से भी सुख व प्रेम की प्राप्ति होती है. परंतु यदि कोई खराब स्थिति उत्पन्न होती है तो जातक के पिता के लिए अच्छी नहीं होती और परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है.

बुध और राहु | Mercury and Rahu

लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में बुध के साथ राहु की स्थिति अनुकूल फल देने में सहायक बन सकती है. जातक को यह स्थिति धन प्रदान करने में सहायक बनती है लेकिन मानसिक रूप से उसे बेचैन भी कर सकती है वहीं जातक झूठ बोलने का साहस भी कर सकता है.

वाणी में दोष उत्पन्न हो सकता है. परंतु अधिकांशत: यह स्थिति जातक के साथ-साथ उसके अन्य सहयोगियों के लिए भी अच्छी ही मानी जाती है. अपने परिवार से उसे बहुत सा धन मिलता पर हो सकता है कि जातक घर से दूर जाकर अपना कार्य करे.

बुध और केतु | Mercury and Ketu

लाल किताब कुण्डली के दूसरे घर में बुध के साथ केतु हो तो एक का असर अच्छा हो जाता है और दूसरे का मंदा हो जाता है इस स्थिति में दोनों के फल अच्छे नहीं हो सकते हैं. संबंधियों में भी यही स्थिति होती है, यदि बहन का स्वास्थ्य अच्छा है तो संतान का स्वास्थ्य अनुकूल नहीं रह पाता है. इसी प्रकार से यदि बुद्धि अच्छी भी हो तो भी उसमें भ्रम की स्थिति जातक को परेशान ही करती है और वह सही निर्णय नहीं ले सकेगा.

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