लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में सूर्य का चंद्रमा, मंगल, बुध और बृहस्पति के साथ संबंध | Relation Of Sun With Mars, Mercury, Moon and Jupiter in the Third House Of Lal Kitab
सूर्य और चंद्रमा | Sun and Moon
लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में सूर्य का चंद्रमा के साथ युति संबंध होने पर जातक के लिए यह स्थिति अच्छे फल देने वाली मानी जाती है. जातक को लाभ और शक्ति की प्राप्ति होती है. वह अपने कामों में काफी साहस का परिचय देता है और शुभ फलों को पाने में सफल होता है. किंतु यहां स्थिति जातक के लिए अच्छे फल देने वाली बन सकती है सूर्य बुध की राशि में मित्र स्वरूप स्थित होता है इसलिए यहां के फल सूर्य के लिए बुरे नहीं रह पाते किंतु साथ ही स्थिति के साथ युति व स्थान का ध्यान रखना भी आवश्यक है.
सूर्य के साथ यदि चंद्रमा इस घर में स्थित है तो जातक को आर्थिक रूप से लाभकारी रहेगा, उसे धन की प्राप्ति होगी और वह ऎश की जिदगी व्यतीत कर सकता है. किंतु जातक के व्यवहार में एक सीमित रूप झलक सकता है. वह केवल स्वयं के बारे में ही सोचने वाला हो सकता है और अन्य लोगों की परवाह नहीं करता है.
यहां सूर्य की स्थिति मंदी होने से धन की हानि भी हो सकती है. व्यक्ति को अपने लाभ का ध्यान अधिक रहता है इस कारण से उसके साथ जो संबंधी हैं वह भी उससे दूरी बना सकते हैं. उसका यह व्यवहार उसे दूसरों की नजरों से दूर कर सकता है.
सूर्य और मंगल | Sun and Mars
सूर्य और मंगल कुण्डली तीसरे घर में व्यक्ति को अपना - अपना फल देने वाले बनते हैं यह अलग रूप में होकर अपने प्रभावों को देने वाले बनते हैं. यहां मंगल के प्रभाव से सूर्य को उच्च की स्थिति प्राप्त होती है. यह स्थिति जातक के लाभ में वृद्धि देने वाली होती है. स्वास्थ्य की दृष्टि से जातक को सकुन प्राप्त होगा वह अपने कामों को आसानी से पूरा कर सकेगा. मंगल के प्रभाव स्वरूप व्यक्ति के शक्ति सामर्थ्य में वृद्धि आती है.
व्यक्ति अपने कार्यों को करने में बाहुबल का इस्तेमाल अधिक कर सकता है. यहां पर स्थिति से वह अपने कामों को करने में परिश्रम भी खूब करता है. जीवन में आने वाले संघर्षों से उबरने की कोशिश भी करता है. यह स्थान भाई बहनों के सुख को प्रभावित कर सकता है उनके लिए सूर्य की स्थिति मंगल का प्रभाव तनाव और मतभेद देने वाला हो सकता है. मकान और भू संपति भी प्राप्त हो सकती है.
सूर्य और बुध | Sun and Mercury
सूर्य और बुध की युति इस घर में जहां बुध को उसी के स्वामित्व को देने वाली बनती है तथा दूसरी और सूर्य के साथ इसकी मित्रता की भी शुभता को दर्शाने में सहायक होती है. सूर्य व बुध का अति उत्तम फल मिलता है. इस स्थान दोनों की युति व्यक्ति के प्रभाव से व्यक्ति प्रेम संबंधों में ईमानदार रहता है. वह अपने साथी के प्रति पूर्ण समर्पण का भाव रखने वाला होता है और उसके साथ सभी सुख दुख बांटने की चाह भी रखता है.
व्यक्ति को रिश्ते में सच्चाई की चाह रहती है वह अपने संबंधों को लेकर काफी सजग रहता है और प्रेम के प्रति निष्ठावान रहता है. यह स्थिति राहु के लिए भी अच्छी मानी जाती है जिससे व्यक्ति को राहु के शुभ फल प्राप्त हो पाते हैं. व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में उच्च स्थान की प्राप्ति भी होती है. अपने काम में निपुणता पाने वाला होता है.
सूर्य और बृहस्पति | Sun and Jupiter
लाल किताब टेवे के तीसरे घर में सूर्य और बृहस्पति का शुभ फल मिलता है. व्यक्ति यदि शुभ कर्मों को करने में लगा रहता है तथा लालच की चाह नहीं रखता तब तक व्यक्ति को यह ग्रह अच्छे फल देने की कोशिश में लगे रहते हैं लेकिन जब उसके मन में गलत विचार उभरने लगते हैं तो वह व्यक्ति के पतन की ओर अग्रसर हो होने लगता है.
गुरू के प्रभाव से जातक विद्या के क्षेत्र में बेहर प्रदर्शन कर सकता है वह अपने घर में सभी के लिए सहायक भी हो सकता है या किसी बडे़ के जैसा दायित्व निभाने वाला बन सकता है. भाग्य में उन्नति कर सकता है अपने बल पर काम को ऊँचाईयों तक पहुंचाने में कामयाब हो सकता है. यहां सूरज के मंदे होने से व्यक्ति को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ सकता है. उसे पुशतैनी संपति से भी हाथ धोना पड़ सकता है. किंतु गुरू की स्थित इस संकट में काफी हद तक मदद करने में सहायक हो सकती है.