बुध और सूर्य | Mercury and Sun
लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में बुध के साथ सूर्य की स्थिति अच्छी मानी जाती है. बुध की स्थिति तीसरे घर में होने पर इस घर में उसी के स्वामित्व को देने वाली बनती है तथा सूर्य के साथ इसकी मित्रता की भी शुभता को दर्शाने में सहायक होती है. बुध और सूर्य का शुभता से युक्त फल मिलता है. इस स्थान दोनों की युति व्यक्ति के प्रभाव से व्यक्ति प्रेम संबंधों में ईमानदार रहता है. वह अपने साथी के प्रति पूर्ण समर्पण का भाव रखने वाला होता है और उसके साथ सभी सुख दुख बांटने की चाह भी रखता है.
बुध के साथ सूर्य की युति इस तीसरे स्थान में गुणों से संपन्न बनाने में सफल होती है. व्यक्ति अपनी धार्मिक गुणों से भी युक्त होता है. अपनी सात्विकता का बोध रखता है और परिश्रम द्वारा आगे बढ़ने का साहस पाता है. अपने भाई बहनों के लिए कुछ कठोर हो सकता है किंतु उनके लिए सदैव अग्रीण रहता है.
व्यक्ति में बौधिकक्षमता अच्छी होती है. वह अपने कौशल में निपुण होता है. काव्यात्मक शैली और बुद्धि से उच्च होते हुए आप गुरूजनों से सम्मान पाते हैं. व्यक्ति को रिश्ते में सच्चाई की चाह रहती है वह अपने संबंधों को लेकर काफी सजग रहता है और प्रेम के प्रति निष्ठावान रहता है. यह स्थिति राहु के लिए भी अच्छी मानी जाती है जिससे व्यक्ति को राहु के शुभ फल प्राप्त हो पाते हैं. व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में उच्च स्थान की प्राप्ति भी होती है. अपने काम में निपुणता पाने वाला होता है.
बुध और चंद्रमा | Mercury and Moon
लाल किताब कुण्डली के तीसरे घर में बुध के साथ चंद्रमा की स्थिति व्यक्ति में बुद्धि चातुर्य के साथ साथ हास्यात्मकता का पुट भी देने में सहायक होती है. व्यक्ति कुछ चंचलता से युक्त और मनोविनोद करने वाला होता है. लेकिन इसके कुछ विपरित फल भी देखने को मिल सकते हैं टेवे में तीसरे घर में होने पर कई अन्य ग्रहों का फल कमजोर हो जाता है. यहां इस स्थिति में शनि, शुक्र व राहु का फल मंदा माना जाता है. व्यक्ति को दादा पक्ष की ओर से परेशानी मिल सकती है.
इसी के साथ जातक को ससुराल पक्ष की ओर से दिक्कत देखने को मिल सकती है तथा शुक्र के मंदा होने से जातक को स्त्री पक्ष से परेशानी झेलनी पड़ सकती है यह दिक्कतें किसी न किसी प्रकार से व्यक्ति के लिए बाधक बन सकती हैं उसकी मानसिकता इन्हीं के अंतर्गत उलझी रह सकती है. मन:स्थिति में अधिक व्यग्रता का भाव बना रहता है. यात्राओं का सुख पाता है.
टेवे में यह स्थित कई बार व्यक्ति के दुविधाओं एवं मानसिक बेचैनी को भी दर्शाती है. कई बार उसके फैसले सही से नहीं ले पाने के कारण कई बार अनुकूलता नहीं देता परंतु जातक अपने कामों में बुद्धि कौशल का अनुकूल रूप से उपयोग करने में सक्षम होता है. प्रतिष्ठा भी पाने में सफल होता होते हैं. दूसरों के साथ सहभागिता से आगे बढ़ने की कोशिश भी करता है.
मंगल और बुध | Mercury and Mars
लाल किताब टेवे के तीसरे घर में यदि बुध का संबंध मंगल से बनता है तो यह स्थिति व्यक्ति के बडे़ भाई के लिए बहुत अनुकूल रह सकती है. इस स्थिति में भाई-बंधुओं को समृद्धि मिलती है. यदि भाई साथ में रहते हैं तो उनके काम में अच्छा सफलता मिलती है और साथ बना रहता है. व्यक्ति को माता पिता का सुख भी खूब मिलता है वह उनके साथ से संपन्न रहता है और जीवन में उन्नती को पाने में सफल होता है. माता पिता उसके सहायक बनेंगे और उसकी आर्थिक स्थिति में भी मददगार होंगे.
टेवे में यह स्थिति होने पर व्यक्ति काम के प्रति बहुत संघर्षशील रह सकता है. उसे मेहनत से डर नहीं लगता है. किंतु जीवन में प्रयास अधिक करने पड़ सकते हैं. जिसके कारण एक निराशा का भाव भी मन में जगह बना सकता है. मंगल के होने से व्यक्ति का बुद्धि चातुर्य शक्ति सामर्थ्य का सहारा भी लेता है.
अगर मंगल शुभ है तो उसके प्रभाव से बुध और अच्छा हो जाता है और उसके शुभ फल बढ़ जाते हैं. परंतु यदि खराब प्रभाव हो तो बुध बहुत खराब हो जाता है और व्यक्ति को चोरी का भय या आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है. बुद्धि भ्रमित हो सकती है, धन दौलत व्यर्थ में खर्च होने लगती है और संपत्ति में नुकसान की स्थिति बनी रहती है. व्यक्ति का मन बुरे कामों को करने की ओर भी अधिक लग सकता है.