वर्ष कुण्डली का अध्ययन बहुत सी बातों के आंकलन के लिए किया जाता है. लेकिन वर्ष कुण्डली का अपना स्वतंत्र महत्व ज्यादा नहीं होता है. जन्म कुण्डली की दशा और योगो को ध्यान में रखते हुए ही वर्ष कुण्डली का अध्ययन किया जाना
विभिन्न भावों में ग्रह स्थिति के परिणाम पराशरी सिद्धांतों पर आधारित यह परिणाम वर्ष कुण्डली में भी उपयोगी होते हैं. ग्रह अपने विभिन्न भावों में अपने कारकतत्व राशि आधिपत्य व अपनी स्थिति के अनुसार फल देता है. ग्रहों द्वारा
वर्ष फल कुण्डली के सातवें भाव में ग्रहों के प्रभाव का विशलेषण करके इस भाव से संबंधित फलों को जाना जा सकता है. सातवें भाव में ग्रहों का प्रभाव जातक के जीवन में कई तरह से बदलाव ला सकता है, समाज में स्थिति का सशक्त होना और