वर्ष कुण्डली का अध्ययन बहुत सी बातों के आंकलन के लिए किया जाता है. लेकिन वर्ष कुण्डली का अपना स्वतंत्र महत्व ज्यादा नहीं होता है. जन्म कुण्डली की दशा और योगो को ध्यान में रखते हुए ही वर्ष कुण्डली का अध्ययन किया जाना चाहिए. जन्म कुण्डली और वर्ष कुण्डली दोनो को सामने रखकर सूक्ष्मता से इनका अध्ययन करना चाहिए तब उसके बाद किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए. वर्ष कुण्डली के अध्ययन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है कि जन्म कुण्डली का कौन सा भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बन रहा है क्योकि उस वर्ष व्यक्ति के जीवन में उसी भाव से संबंधित फलों का बोलबाला बना रहता है.
आइए आज आपको बताते हैं कि जन्म कुण्डली का जो भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब उस वर्ष किन-किन बातों का सामना व्यक्ति को करना पड़ सकता है और किन फलों की प्राप्ति हो सकती है.
प्रथम भाव | First House
यदि किसी वर्ष किसी व्यक्ति का जन्म लग्न ही वर्ष कुण्डली का लग्न बनकर उदय हो जाता है तब उसे "द्विवर्ष लग्न" कहते हैं. कई लोग इसे "पुनर्जन्म वर्ष" भी कहते हैं. इसे ज्यादा शुभ नहीं माना जाता है. यह वर्ष स्वास्थ्य के लिए हानिकर सिद्ध हो सकता है. बहुत से उतार - चढ़ाव का सामना इस वर्ष में करना पड़ता है. नौकरी में असंजस की स्थिति बनी रहती है. व्यवसाय की उन्नति रुक सी जाती है. इस वर्ष कोई नया काम करने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति नौकरी करता हैं और उसे वह बदलना चाहता हैं तो पहले नई नौकरी ढूंढनी चाहिए फिर उसके बाद पुरानी को छोड़ना चाहिए. इस वर्ष मानसिक परेशानी काफी ज्यादा बनी रहने की संभावना बनी रहती है. कार्य सिद्धि में रुकावटो तथा बाधाओं का सामना करना पड़ता है.
दूसरा भाव | Second House
जिस वर्ष व्यक्ति विशेष की जन्म कुण्डली का दूसरा भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब वह वर्ष कुछ बातों के लिए अनुकूल तो कुछ के लिए प्रतिकूल भी हो सकता है. इस वर्ष व्यक्ति को सम्पत्ति से लाभ मिल सकता है, आय के नए स्तोत्र उभरकर सामने आ सकते हैं. आर्थिक दृष्टि से तो यह वर्ष अनुकूल रहता है लेकिन इस वर्ष दुर्घटना होने की भी संभावना बनती है. इस वर्ष कुछ सामान्य से रोग भी व्यक्ति को घेरे रह सकते हैं और बहुत सी मानसिक चिन्ताओं से भी व्यक्ति त्रस्त रहता है.
तीसरा भाव | Third House
जिस वर्ष जन्म कुण्डली का तीसरा भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है उस वर्ष व्यक्ति विशेष के पराक्रम में वृद्धि होती है. भाईयों की उन्नति व तरक्की होती है और उनकी कीर्ति चारो ओर फैलती है व उन्हें यश भी मिलता है. इस वर्ष व्यक्ति स्वयं भी ऎसा काम करता है जो समाज के हितों के लिए होता है और उस काम के करने से व्यक्ति को ख्याति मिलती है और सम्मान भी बढ़ता है.
चतुर्थ भाव | Fourth House
यदि जन्म कुण्डली का चतुर्थ भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब उस वर्ष व्यक्ति विशेष को जीवन में प्रसन्नता मिलती है. उसके सुख में वृद्धि होती है. इस वर्ष व्यक्ति नया वाहन ले सकता है. सुख उपभोग की नई वस्तुओं पर व्यय कर सकता है. घर को संवारने में धन खर्च हो सकता है. ऎश्वर्य, सुख, सम्मान, सौभाग्य, धन लाभ आदि सभी प्रकार से यह वर्ष अनुकूल रहने की संभावना बनती है.
पंचम भाव | Fifth House
यदि जन्म कुण्डली का पंचम भाव वर्ष कुंडली का लग्न बनता है तब वह वर्ष अनुकूल होता है. व्यक्ति को सुखों की प्राप्ति होती है. उस वर्ष विवाह, संतान अथवा अन्य कोई मांगलिक काम संपन्न होने की संभावना बनती है. मनोनुकूल काम बनते हैं, मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है तथा विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता मिलती है. यह वर्ष उद्यमी वर्ष कहलाता है और व्यक्ति अपने प्रयासों तथा मेहनत के बल पर सफलताएँ पाता है और आगे बढ़ता है.
छठा भाव | Sixth House
यदि जन्म कुण्डली का छठा भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब उस वर्ष मुकदमे आदि का सामना करना पड़ सकता है अथवा व्यक्ति के उस वर्ष बहुत से शत्रु बन सकते हैं. प्रतिस्पर्धाओ का सामना करना पड़ सकता है. हर क्षेत्र में प्रतिद्वंद्वी खड़े हो सकते हैं. रोग, ऋण तथा शत्रु हर समय हावी रहने का प्रयास करते हैं. व्यक्ति को बहुत सी बाधाओं और संघर्षो का सामना करना पड़ता है. इस वर्ष व्यक्ति को धन हानि, शत्रुओ की चिन्ता, घर में कलह का सामना करते रहना पड़ता है. इस वर्ष व्यक्ति को पश्चाताप भी रहता है.
सप्तम भाव | Seventh House
यदि जन्म कुण्डली का सप्तम भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब उस वर्ष मांगलिक काम संपन्न होने की संभावना बनती है. यदि व्यक्ति अविवाहित है तब उसके विवाह की संभावना बनती है. इस वर्ष मनोवांछित फलों की प्राप्ति जातक होती है. इस वर्ष हर क्षेत्र में व्यक्ति को विजय हासिल होती है और उसकी लोकप्रियता भी बढ़ती है.
अष्टम भाव | Eighth House
यदि जन्म कुण्डली का आठवाँ भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब उस वर्ष व्यक्ति को कष्ट उठाना पड़ता है. उस वर्ष अचानक होने वाली घटनाओं का समावेश उसके जीवन में रहता है. बीमारी का भी सामना व्यक्ति को करना पड़ता है. जीवन के सभी क्षेत्रों में असफलता हाथ लगती है. सम्मान हानि हो सकती है तथा व्यक्ति को आर्थिक कष्टो का भी सामना करते रहना पड़ सकता है.
नवम भाव | Ninth House
यदि जन्म कुण्डली का नवम भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब ऎसा वर्ष "भाग्योदय वर्ष" कहा जाता है. ऎसे वर्ष व्यापार में सफलता मिलती है. यदि व्यक्ति नौकरी करता है तब नौकरी में वृद्धि व उन्नति मिलती है. सुख सुविधाएँ बढ़ती हैं और कार्य संपन्न होते हैं. जीवन के सभी क्षैत्रों में सफलताएँ मिलती हैं. समाजिक तथा धार्मिक कामों में व्यक्ति भाग लेता है और सम्मान पाता है.
दशम भाव | Tenth House
यदि जन्म कुण्डली का दशम भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब वह वर्ष व्यक्ति के लिए सफल वर्ष कहलाता है. इस वर्ष व्यक्ति के राजकीय सेवा में जाने की संभावना बनती है. यदि व्यक्ति सरकार से संबंधित काम नही करता है तब उसके कार्यक्षेत्र में ही उसे उन्नति, तरक्की, वृद्धि तथा सफलता मिलती है. व्यक्ति जिस भी क्षैत्र में काम करता है उस क्षेत्र से उसे मान सम्मान मिलता तथा पुरस्कार आदि मिल सकता है.
एकादश भाव | Eleventh House
यदि जन्म कुण्डली का एकादश भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब उस वर्ष व्यापार करने वालो को सफलताएँ अधिक मिलती हैं. बेरोजगारों को रोजगार के नए अवसर मिलते हैं. आर्थिक चिन्ताएँ दूर होती हैं. यदि व्यक्ति का पहले का कोई पैसा रुका हुआ है तब उसे वह वापिस मिलने की संभावना बनती है. आकस्मिक रुप से धन लाभ हो सकता है.
द्वादश भाव | Twelfth House
यदि जन्म कुण्डली का द्वादश भाव वर्ष कुण्डली का लग्न बनता है तब उस वर्ष बहुत सारे व्यय बने रहते हैं. व्यक्ति को झूठी चिन्ताओं का सामना करना पड़ सकता है. वासनाओं में लिप्त रह सकता है और इसकी पूर्त्ति के लिए अनैतिक संबंध स्थापित कर सकता है और पैसे का भी अपव्यय कर सकता है. धन का अपव्यय इतना अधिक हो जाता है कि व्यक्ति ऋण से ग्रस्त हो जाता है. मानसिक तथा आर्थिक परेशानियाँ हर समय व्यक्ति को घेरे रहती हैं.