सिंह लग्न का पांचवां नवांश होता है देता है शुभ फल
सिंह लग्न का पांचवां नवांश वर्गोत्तम होता है यह सिंह राशि का ही होता है. इस लग्न के नवांश की यह स्थिति त्रिकोण की अवस्था की द्योतक है. इस नवांश में जातक का जन्म होने पर वह बुद्धिमान और योग्य स्थिति पाता है. इस नवांश के स्वामी सूर्य हैं और यह एक उत्तम स्थिति को दर्शाता है. वर्गोत्तम स्थिति श्रेष्ठ और अनुकूल मानी जाती है और ग्रह को इससे बल की प्राप्ति होती है.
ग्रह की बली अवस्था में जातक को स्थिरता और संतोष की प्राप्ति होती है. वह अपने कार्यों में निपुणता का परिचय देता है. इसी प्रकार सिंह नवांश में जातक को दृढ़ता साहस और शौर्य की प्राप्ति होती है वह कार्य को करने में निड़रता का परिचय देता है. सिंह लग्न के पांचवें नवांश में जन्म लेने पर जातक का शरीर मजबूत होता है, इनके शरीर के सभी अंग प्राय: बडे़ होते हैं इनका चेहरा और पेट बडा़ होता है.
छाती चौडी़ और भुजाएं सामान्य आकार की होती हैं. इनके सिर पर बाल कम होते हैं व त्वचा रूखी होती है. जातक में शारीरिक शक्ति और ऊर्जा का भंडार होता है. जातक कायों को करने में पूर्णता का प्रदर्शन करने वाले होते हैं, लेकिन जल्द ही किसी के द्वारा भावुक भी हो जाते हैं और जोश में आकर काम कर बैठते हैं.
सिंह लग्न के पांचवें नवांश का प्रभाव | Effect of Fifth Navamsha of Leo Ascendant
यह दिर्घायु होते हैं और धन व समृद्धि पाने वाले होते हैं. युवा अवस्था उपरांत यह अच्छी प्रगति करते हैं. इनकी भाषा में दृढ़ता का भाव होता है. यह जो भी वक्तव्य कहते हैं उसे जोश और ऊर्जा के साथ अभिव्यक्त करते हैं. इनकी वाणी में भारीपन होता है तथा अधिकारयुक्त होती है. यह जो भी बात कहते हैं वह अदेशात्मक का भाव लिए होती है.
यह मेहनत करने वाले होते हैं और लम्बी दूरी को पैदल ही पूरा कर लेने में सक्षम होते हैं जल्दी थकावट अनुभव नहीं होती है. यदि इन्हें गलत संगत मिलती है तो यह अपने को संभालने में सक्षम नहीं हो पाते हैं जिस कारण इनके ऊपर बुरे प्रभाव भी पड़ते हैं. इन्हें साथी के रूप में सुंदर, हंसमुख और सहभागिता से पूर्ण व्यक्ति की प्राप्ति हो सकती है. साथ व्यवहार कुशल व चतुर होता है.
वचन से सत्यवादी होता है और अपने कर्मठ द्वारा आगे बढ़ने में सक्षम रहता है. पारिवारिक जिम्मेवारियों को समझने वाला होता है. दोनों के विचारों में कई बार तनाव की स्थिति हो सकती है लेकिन साथी के अनुकूल व्यवहार से यह शांत हो जाते हैं. इन्हें अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है जिससे इनके वचनों में कठोरता का भाव कम रहे और यह अन्य के साथ सहयोगात्मक रवैया अपना सकें.
सिंह लग्न के पांचवें नवांश का महत्व | Significance of Fifth Navamsha of Leo Ascendant
यह हृदय से उदार होते हैं और सहायता के लिए तत्पर रहते हैं. यह नेतृत्व की चाह रखने वाले होते हैं और कार्यों में अग्रीण भूमिका निभाना चाहते हैं. रचनात्मकता के गुणों से युक्त होते हैं. सिद्धान्तों व अनुशासित ढंग से कार्य करना इनकी प्रकृति में होता है. महत्वाकांक्षी होते हैं और कभी-कभी लालची भी हो सकते हैं. स्वतंत्र विचारक किंतु रूढ़िवादी भी होते हैं. धर्म के प्रति उदार भावना रखते हैं, धर्म का पालन पूर्ण श्रद्धा के साथ करते हैं. मित्रभाव रखते हैं किसी पर इनका प्रभाव शीघ्रता के साथ पड़ता है.
अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहते हैं. व्यवसाय में लेने वाले निर्णयों को बहुत खूबी के साथ लेने का प्रयास करते हैं. जीवन में कभी-कभी आर्थिक रूप से तंगी भी आ सकती है इसके लिए तैयार रहने की आवश्यकता होती है ऎसे समय में यदि धैर्य के साथ कम लेते हैं तो इन समस्याओं से निजात भी जल्द ही मिल जाती है. साझेदारी में किए गए कार्यों से यह स्वयं को बंधा हुआ महसूस कर सकते हैं इन्हें स्वच्छंद रहने की चाह होती है. इसलिए अपने काम में हस्तक्षेप को अधिक सहन नहीं कर पाते हैं.
इन सभी मिले जुले फलों के मध्य चलते हुए सिंह नवांश के जातक में यदि एक बात देखी जाए तो वह उनकी स्थिरता को दर्शाने वाली होती है क्योंकि इन्हें अधिक बदलाव की चाह नहीं रहती है यह अपने को सीमित रूप से भी दिखाने में सक्षम होते हैं. इन्हें अधिक शोर पसंद नहीं यह एकांत में भी प्रसन्न रह सकते हैं. इन्हें संतान की चिंता भी रह सकती है, लेकिन उसके गुणों द्वारा यह अपने सम्मान की वृद्धि भी पाने में सफल रहते हैं.