चन्द्रमा का मेष, वृष और मिथुन राशि पर गोचर का फल

मेषगत चंद्रमा योग फल | Moon Aspecting Aries Sign

मेषगत चंद्रमा के होने पर चंद्रमा इसके तत्वों में स्वयं को समाहित पाता है. चंद्रमा के साथ इसका समायोजन होने से व्यक्ति में सौंदर्य का आगमन होता है. वह आकर्षक रंग रूप का और गौरवर्ण का होता है. त्वचा में निखार रहता है और आकर्षण में भी वृद्धि होती है. जातक को स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और वह अपने जीवन में अनेक लाभ भी पाने में सक्षम होता है. आर्थिक स्थिति में सदृढ़ता की प्राप्ति होती है अपने कामों से भी उसे अच्छे शुभ लाभ मिलते हैं.

व्यक्ति साहसी होता है और कार्यों को पूरा करने में भी पूरी हिम्मत से लगा रहता है. इसी के साथ वह अपने कर्मो में निष्ठा के साथ कार्यरत रहता है. स्वाभिमान से ओत-प्रोत रहता है और अपने जीवन में किसी भी निंदा को सुनने की क्षमता नहीं होती है. अपने द्वारा किए गए कार्यों में अच्छा स्वरूप देने की कोशिश भी करता है. इसी के साथ जातक में अंह की कुछ भावना भी झलक सकती है किंतु दूसरों के स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने की चाह नहीं होती है. व्यक्ति अपने लक्ष्यों को सफलता से पूरा करता है.

यह स्थिति जातक को तीव्र बु​द्धि सुन्दर व सुग​ठित शरीर, चंचल तथा अस्थिर प्रकृ​ति वाला भी बनाती है. स्नेह से भरपूर होता है और सभी के साथ मित्रतायुक्त व्यवहार करने वाला बनाता है. समाज में सम्मान और अच्छे पद की प्राप्ति में भी सहायक होता है. अपने उदारपूर्ण कामों से यह दूसरों की मदद करने वाला बनता है.

धर्म कर्म के कामों में बढ़चढ़ कर भाग लेता है. अपनी धार्मिक निष्ठा से यह सात्विक कर्मों की ओर प्रवृत्त रहता है. किंतु यदि यह किसी पाप ग्रहों से युक्त हो या दृष्ट हो रहा हो तो फलों में बदलाव भी बना रहता है. कार्य तथा व्यवसाय में उतार चढ़ाव झेलने पड़ सकते हैं और मन कई अबूझ ​चिन्ताओं से ग्रस्त रह सकता है.

व्यक्ति में कामुकता रहती है, कमल के समान उसके हाथ पैर होते हैं. और नेत्र गोल और बडे़ होते हें. पुत्र संतान की प्राप्ति होती है और उनका सुख मिलता है. जल से भय रह सकता है तथा स्त्री पक्ष से पराजय भी झेलनी पड़ सकती है. इसी के साथ कई प्रकार के अन्य बातों का विचार होता है.

वृषगत चंद्रमा योग फल | Moon Aspecting Taurus

वृषगत चंद्रमा की स्थिति में उच्चता की ओर उन्मुख होता चंद्रमा शुभ फलों को देने में बहुत योग्य होता है. यह स्थिति व्यक्ति के मन:स्थिति को मजबूती देने वाली बनाती है और उसके स्वभाव में भी दृढ़ता आती है. जातक शारीरिक ऊप से मजबूत होता है कंधे चौडे़ और मजबूत होते हैं. चंद्रमा का सामान्य चरित्र परिवर्तनशील है और इस राशि में आकर वह स्थिरता का भाव भी पाता है इस कारण से जातक में अधिक चंचलता नहीं होती है.

यह जन-सामान्य में व्यक्ति को जनप्रिय बनाने में सहायक बनता है. व्यक्‍तित्व में मजबूती आती है और लोगों के मध्य में सम्मानित स्थान भी मिलता है. राजनीति में सफलता देता है , सामान्यतः जन-संपर्क में सहायक बातों का भी द्योतक बनता है. कल्पनाशीलता में वृद्धि होती है काव्य-रचना, संगीत व कला में इत्यादि कामों में व्यक्ति सफलता प्राप्त करने में सफलता भी पाता है. इससे मस्तिष्क लगनशील, धैर्यवान, कल्पनाशील और आशावादी बनता है.

जातक दानशील बनता है और अपने उदारता पूर्ण कामों से सभी के मन को भाता है. उमंग और उत्साह वाला बनता है, परोपकार, वात्सल्य भाव का प्रादुर्भाव होता है. विशिष्ट कार्य सिद्धि के साथ आत्मबल में भी वृद्धि होती है. व्यक्ति आर्थिक स्थिति से संतुष्ट रहता है और अपने धन में वृद्धि भी करता है.

सुंदर केश होते हैं हंसमुख स्वभाव होता है. जातक की चाल में विशेष आकर्षण देखा जा सकता है, नेत्र काफी सुंदर होते हैं. सभी अच्छे भोगों को भोगने कि चाह रखने वाला बनता है और मध्य अवस्था के पश्चात सुख वैभव को पाने में सफल भी रहता है. क्षमाशीलता इनका प्रमुख गुण होता है जातक अपने इसी गुण से शत्रुओं को भी अपने वश में करने के योग्य बनता है.

मिथुनगत चंद्रमा का फल | Moon Aspecting Gemini

मिथुन में स्थित चंद्रमा के होने पर जातक की बौद्धिक क्षमता की वृद्धि होती है. जातक मन में अनेक कल्पनाएं जन्म लेती रहती हैं. इस के साथ-साथ ही जातक का मन भी अनेक नई योजनाओं से भरा रहता है. इसमें होने पर जातक में स्वाभिमान की भावना भी खूब होती है. देखने में सुंदर और प्रभावशाली होता है और समाज में अग्रीण स्थान भी पाता है.

परिवर्तनशीलता बनी रहती है और जातक कुछ न कुछ बदलाव की चाह में लगा रहता है. किसी भी स्थितियों के लिए प्रतिक्रियाओं से भरपूर रहता है. अपने कर्मों से यह सभी को प्रभाव में डालने में सक्षम होता है. उल्लेखनीय सफलताओं को पाने में भी सफल होता है. सवाल-जवाब में अग्रसर और मजाकिया प्रतिक्रियाओं से भरपूर रहता है. एक सीधे सूत्री सादगी पसंद लघु, प्रासंगिक जवाब सामने रखने में काफी बेहतर होता है.

मन में बेचैनी और लगातार परिवर्तन की चाह से मन भी थक सकता है यह स्थिति एक समस्या भी बन सकती है, स्वाभाविक प्रतिक्रिया कोई रास्ता नहीं बचता है. एक सहज ज्ञान युक्त या भावनात्मक रूप में योग्य व्यक्ति बनता है. अपने आप में यह सबसे तार्किक, बौद्धिक केंद्रित तर्क से सीधे प्रश्न करने में बेजौड़ होता है. अंतर्ज्ञान से सहज होता है.

मिथुन में चंद्रमा के होने पर जातक की चाह उन्नत रहती है. लोगों की प्रतिक्रिया को समझने में सक्षम होता है. काव्यात्मक कलाओं की अभिव्यक्ति सहज ही इनमें होती है. कला से संबंधी कार्य, लेखन व वाक चातुर्य अच्छा होता है. जातक सभी सुखों को भोगने में सफल होता है. सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हास्य व्यंग में रूचि रखने वाला होता है, स्त्रियों के सम्मुख प्रिय और उनसे दबने वाला होता है.

"चंद्रराशि दृष्टि योगफल - भाग 2"

"चंद्रराशि दृष्टि योगफल - भाग 3"

"चंद्रराशि दृष्टि योगफल - भाग 4"