वर्षफल में मुंथा विचार | Analyzing Muntha in Varsha Kundali

आइए आज आपको वर्ष कुंडली के एक और महत्वपूर्ण पहलू मुंथा के बारे में जानकारी देने का प्रयास करें. मुंथा का उपयोग वर्ष कुंडली में किया जाता है. जन्म के समय मुंथा लग्न भाव में मौजूद होती है और एक वर्ष तक वही रहती है. उसके बाद एक भाव आगे बढ़ जाती है और इस प्रकार जब बच्चा बारहवें साल में प्रवेश करता है तब वह जन्म कुण्डली के बारहवें भाव में होती है. माना जन्म के समय लग्न में कन्या राशि उदय होती है तो मुंथा लग्न में कन्या राशि में होगी. अगले वर्ष की जब वर्ष कुण्डली बनाई जाएगी उसमें मुंथा एक भाव आगे अर्थात जन्म कुण्डली के दूसरे भाव तुला राशि में होगी. वर्ष कुण्डली में तुला राशि जिस भाव में पड़ेगी मुंथा उसी भाव में मानी जाएगी.

मुंथा का विचार वर्षफल में किया जाता है. वर्षफल के चतुर्थ, छठे, सप्तम, अष्टम और बारहवें भाव में मुंथा की स्थिति को अच्छा नहीं माना गया है. इन भावों में मुंथा जीवन में कुछ ना कुछ परेशानी पैदा करती है. वर्ष कुंडली में मुंथा के साथ मुंथा स्वामी का भी विचार किया जाता है कि वह कुण्डली में किस हालत में है. आइए वर्ष कुण्डली के विभिन्न भावों में मुंथा फल का विचार करें.

प्रथम भाव में मुंथा फल | Muntha in First House

वर्ष कुंडली के यदि पहले भाव अर्थात लग्न में ही मुंथा स्थित होती है तब उसका फल ना तो बहुत अच्छा होता है और ना ही बहुत खराब होता है. वर्ष सामान्य सा ही रहता है.  व्यक्ति यदि परिश्रम करता है तो कुछ लाभ उसे हो जाता है और कुछ धन लाभ मिल जाता है. लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से लग्न की मुंथा को अच्छा नही माना गया है. लग्न में होने से यह बेकार की चिन्ताएँ और क्लेश पैदा करति है.

मुंथा फल दूसरे भाव में | Muntha in Second House

यदि वर्ष कुण्डली के दूसरे भाव में मुंथा स्थित है तब व्यक्ति नए उद्योग अथवा व्यवसायों में धन का निवेश करता है. जातक पूरे वर्ष अत्यधिक परिश्रम व कठोर मेहनत करता है. व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितियों को भी अपने परिश्रम से अपने अनुकूल बनाने में सफलता पाता है. धन प्राप्ति में बहुत सी बाधाओं और संकटो का सामना करना पड़ता है.

मुंथा फल तीसरे भाव में | Muntha in Third House

वर्ष कुण्डली के तीसरे भाव में अगर मुंथा स्थित है तब व्यक्ति अपनी नवीन योजनाओं से आगे बढ़ता है और सफलता पाता है. समाज में उसे मान-सम्मान मिलता है और आदर की दृष्टि से देखा जाता है. व्यक्ति ऎसा कुछ काम करता है कि उसे समाज में प्रसिद्धि मिलती है. लेकिन तीसरे भाव की मुंथा निजी जीवन के लिए शुभ नहीं मानी जाती है. पारीवारिक कलह पैदा होता है. भाई से मतभेद होता है और कलह इतना बढ़ सकता है कि भाईयों में तनाव होकर घर का बंटवारा तक हो सकता है. पारीवारिक कलह के कारण मुकदमा आदि भी हो सकता है.

मुंथा फल चतुर्थ भाव में | Muntha in Fourth House

चतुर्थ भाव की मुंथा को ज्यादा शुभ नही माना गया है. यह मिश्रित फल प्रदान कर सकती है. मन व्याकुल तथा बेचैन रह सकता है. घर में कलह क्लेश बने रह सकते हैं. साल भर आपको अनिष्ट फलों का सामना करना पड़ सकता है. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ भी व्यक्ति को घेरे रह सकती है. शरीर में दर्द की शिकायत, हड्डियों में दर्द, वायु संबंधी विकार, शत्रुओं से चिन्ता आदि बातों से परेशानी होने की संभावना बनती है. इस वर्ष व्यक्ति को झूठी बदनामी का भी खतरा बना रह सकता है.

चतुर्थ भाव की मुंथा नौकरी अथवा व्यापार में भी अड़चने अटकाने का काम कर सकती है. मुंथा के इस स्थान में होने से स्थान परिवर्तन भी हो सकता है जिसे व्यक्ति नहीं चाहता है. बिना मन के स्थान परिवर्तन से दुख और अधिक बढ़ जाते हैं.

मुंथा फल पंचम भाव में | Muntha in Fifth House

वर्ष कुण्डली के पांचवें भाव की मुंथा को शुभ माना गया है. इस वर्ष व्यक्ति को सुख शांति मिलती है, वह उन्नति प्राप्त करता है. विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता मिलती है. संतान प्राप्ति होती है अथवा संतान की उन्नति होती है. इस भाव में मुंथा की स्थिति से व्यक्ति को आर्थिक लाभ होता है. नौकरी तथा व्यापार में उन्नति के अवसर मिलते हैं. मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. पंचम भाव को धर्म त्रिकोण भी कहा गया है इसलिए जिस वर्ष पंचम भाव में मुंथा होती है उस वर्ष व्यक्ति को धर्म संबंधी कामों में रुचि रह सकती है, व्यक्ति तीर्थ यात्राएँ करता है. विवाह अथवा अन्य शुभ मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं. सुख सौभाग्य में वृद्धि भी होती है.

छठे भाव में मुंथा फल | Muntha in Sixth House

वर्ष कुण्डली के छठे भाव में मुंथा का स्थित होना शुभ नही माना गया है. छठे भाव की मुंथा व्यक्ति को बुरे काम की ओर प्रेरित करती है. व्यक्ति बुरे व्यसनो और दुष्कर्म में लिप्त हो सकता है. लड़ाई झगड़े कर सकता है और इस कारण मुकदमें आदि में भी फंस सकता है. मन में बुरे ख्याल पनप सकते हैं. बुरी आदतों का शिकार होने से बदनामी भी हो सकती है. व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन समा सकता है. हर छोटी बात पर वह परेशान हो जाएगा. मन में हर समय उत्तेजना व अशांति बनी रहेगी. शरीर में आलस्य की मात्रा बढ़ सकती है और अकसर सिरदर्द की शिकायत भी बनी रह सकती है. इस वर्ष व्यक्ति अनैतिक संबंधो में भी फंस सकता है और उनके कारण बदनामी होने की भी संभावना बनती है.

सप्तम भाव में मुंथा फल | Muntha in Seventh House

जिस वर्ष कुण्डली के सप्तम भाव में मुंथा होती है उस वर्ष स्त्री को रोग होने की संभावना बनती है यदि स्त्री की कुण्डली है तब उसके पति को बीमारी होने की संभावना बनती है. इस वर्ष व्यर्थ के व्यय बने रह सकते हैं. भाईयों से परेशानी अथवा हानि की संभावना बनती है. परिवार में आपस में विरोध तथा वैर की भावना बढ़ सकती है. व्यक्ति झूठे मुकदमों में फंस सकता है. मान हानि का सामना करना पड़ सकता है. मन में उद्वेग्निता बनी रह सकती है. अधर्म की ओर रुचि बढ़ सकती है. उत्साह की कमी रह सकती है. व्यक्ति जुए और सट्टे अदि जैसी बातों में भी संलग्न रह सकता है. इस वर्ष भाग्य आपसे रूष्ट रह सकता है और आपके बने हुए काम बिगड़ सकते हैं.

अष्टम भाव में मुंथा फल | Muntha in Eighth House

वर्ष कुण्डली के आठवें भाव में भी मुंथा की स्थिति को शुभ नहीं माना गया है. आठवें भाव की मुंथा व्यक्ति को बिना उद्देश्य  भटकाने का काम करती है. सम्पत्ति का नुकसान हो सकता है या व्यापार में हानि होने की भी संभावना बनती है. बुरे कार्यों की ओर रुझान हो सकता है और इस कारण आर्थिक हानि भी होती है और बाद में आपको इस बात का पश्चाताप भी हो सकता है. व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक पीड़ा दोनो ही बनी रह सकती हैं. व्यक्ति शरीर से दुर्बल हो सकता है और रोगों की बढ़ोतरी हो सकती है. स्थान परिवर्तन हो सकता है.

नवम भाव में मुंथा फल | Muntha in Ninth House

नवम भाव की मुंथा को शुभ माना गया है. वर्ष कुण्डली के जिस वर्ष में मुंथा नवम भाव में होती है उस वर्ष व्यक्ति का भाग्योदय होने की संभावना बनती है. इस वर्ष इच्छाएँ पूरी होने की संभावना भी बनती है. यदि व्यक्ति अपना व्यवसाय करता है तो उस वर्ष उसका व्यवसाय फलता-फूलता है. यदि व्यक्ति नौकरी करता है तब उस वर्ष व्यक्ति को नौकरी में प्रमोशन व तरक्की मिलती है. व्यक्ति शुभ तथा मांगलिक कार्यों में संलग्न रह सकता है. तीर्थ यात्राएँ भी कर सकता है. श्रेष्ठ पद की प्राप्ति भी होती है और समाज में सम्मानित भी होता है.

दशम भाव में मुंथा फल | Muntha in Tenth House

यदि दशम  भाव में मुंथा हो तब उस वर्ष व्यक्ति को पद लाभ मिलता है, प्रमोशन मिलती है और सरकार की ओर से सम्मान भी मिलता है. व्यक्ति तरक्की पाता है. मन में जिन कार्यों को करने की ईच्छा होती है वह पूरे होते हैं. व्यवसाय उन्नति की ओर अग्रसर होता है. व्यक्ति को सुयश व सम्मान मिलता है. इस भाव की मुंथा व्यक्ति को ऎश्वर्य और पूरा सुख उपभोग प्रदान करती है.

एकादश भाव में मुंथा फल | Muntha in Eleventh House

वर्ष कुण्डली के एकादश भाव में अगर मुंथा होती है तब वह वर्ष आर्थिक दृष्टि से श्रेष्ठ रहता है. इस वर्ष व्यक्ति को आकस्मिक धन लाभ होने की संभावना बनती है. साथ ही विभिन्न अन्य स्त्रोतो से भी आय के साधन बनने की संभावना बनती है. सरकार से लाभ मिल सकता है. रुका हुआ पैसा वापिस मिलने की संभावना बनती है. व्यक्ति के आमोद-प्रमोद में वृद्धि होती है. व्यक्ति सभी प्रकार के मनोरथ सिद्ध होने की संभावना बनती है.

द्वादश भाव में मुंथा फल | Muntha in Twelfth House

बारहवें भाव की मुंथा को शुभफलदायी नही माना गया है. इस वर्ष यह व्यक्ति को अनिष्टकारी फल प्रदान करने वाली हो सकती है. इस वर्ष आपके व्यय अधिक हो सकते हैं और आपका संचित धन भी खर्च हो सकता है. कार्य बनने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इस भाव की मुंथा दुष्ट लोगो का संग करा सकती है. चित्त में चंचलता बनी रह सकती है. व्यक्ति धर्म विरुद्ध काम कर सकता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी परेशानी उत्पन्न करती है.