मकरस्थ मंगल फल | Mars Aspecting Capricorn मकर में स्थित होने पर मंगल को उच्चत्तम बल की प्राप्ति होती है. यहां स्थित मंगल के कारण जातक में मंगल से जुडे़ हुए गुण वृद्धि को पाते हैं. इस स्थान में मंगल अपनी शुभता में वृद्धि करता है जातक को धन
Read More..
तुलागत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Libra तुलागत शनि की स्थिति काफी प्रबल होती है. यह शनि को उचित बल की प्राप्ति होती है तथा वह अपने प्रभावों के अनुरूप प्रभाव दिखाने में सक्षम होता है. व्यक्तित्व, शारीरिक स्वास्थ्य का सामान्य रहता है.
Read More..
कर्कगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Cancer कर्कगत शनि के होने पर जातक को ऎसे लोगों का साथ मिलता है जो उसके भाग्यनिर्माण में सहायक बनते हैं और सुभग लोगों से जुड़कर जातक में शुद्धता का निर्माण होता है और वह कई विषयों पर विचाराधीन रहते हुए
Read More..
मेषगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Aries मेषगत शनि के होने पर जातक का व्यवहार कठोर और उग्र किस्म का हो सकता है. जातक में नियंत्रण शक्ति की कमी देखी जा सकती है. व्यर्थ का गुस्सा हो जाना और अपने हठ के समक्ष किसी अन्य की नहीं चलने देना
Read More..
सिंह लग्न का सातवां नवांश तुला राशि का होता है जिसका स्वामी शुक्र है. इस लग्न में जन्में जातका का रंग रूप प्रभावशाली और आकर्षक होता है. दिखने में सुंदर चेहरे पर लालिमा लिए हुए और रूपवान होता है. नैन नक्श तीखे होते हैं. शरीर ह्रष्ट-पुष्ट
Read More..
सिंह लग्न का आठवां नवांश वृश्चिक राशि का होता है. जातक का रंग व नैन नक्श प्रभावशाली होते हैं. उसकी देह मजबूत होती है तथा वह हृष्ट-पुष्ट दिखाई देता है. आवाज में भारीपन हो सकता है उसका व्यवहार रौब जमाने वाला हो सकता है. जातक के अंग सुडौल व
Read More..
मकरगत शुक्र का योगफल | Venus Aspecting Capricorn मकरगत शुक्र के होने पर जातक के व्यय अधिक रह सकते हैं, उसे अपनी आर्थिक स्थिति पर निगाह बनाए रखी चाहिए. व्यक्ति को अज्ञात भय का डर सताए रहता है. परेशानियों और संकटों से ग्रस्त रह सकता है लेकिन
Read More..
तुलागत शुक्र का योगफल | Venus Aspecting Libra तुलागत शुक्र का फल व्यक्ति को वैचारिक सोच में स्वतंत्रता देने वाला होता है. इस स्थान पर व्यक्ति साहस से पूर्ण होता है अपने वचनों का शुद्ध मन से आचरण करने की ओर प्रवृत्त होता है. व्यक्ति में
Read More..
कर्कस्थ शुक्र का योगफल | Venus Aspecting Cancer कर्कस्थ शुक्र के होने पर जातक कई प्रकार की सुंदर वस्तुओं से सुशोभित होता है. व्यक्ति में भावनाओं और इच्छाओं का संसार समाया होता है. वह सभी वस्तुओं को बहुत विस्तृत रूप से देखता है. अपने मन में
Read More..
मेषगत शुक्र का योगफल | Venus Aspecting Aries मेष राशि में शुक्र की स्थिति होने पर जातक को नेत्र से संबंधी तकलिफ हो सकती है या कोई दृष्टि दोष हो सकता है. स्वभाव में क्रोध अधिक हो सकता है, कठोर हो सकता है किंतु कोमल अभिव्यक्ति से युक्त भी
Read More..
वैदिक ज्योतिष में गण्डमूल नक्षत्रों को लेकर बहुत से मत पाए जाते हैं लेकिन सभी के अनुसार गण्डमूल नक्षत्रों को अशुभ ही बताया गया है. इनमें जन्मा बच्चा अपने माता-पिता अथवा परिवार के किसी अन्य सदस्य के लिए भारी माना जाता है. इन गण्डमूल
Read More..
चंद्रमा ग्रह की महादशा 10 वर्ष की होती है. चंद्रमा की महादशा में जातक को चंद्रमा से संबंधित फलों की प्राप्ति होती है. जन्म कुण्डली में चंद्रमा की स्थिति को हम यहां अवलोकन नहीं कर रहे अपितु उसकी महादशा के फलों की बात करते हुए यह कह सकते हैं
Read More..
मकरगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Capricorn मकरगत गुरू के होने पर गुरू अपनी निर्बल स्थिति में होता इस स्थिति में गुरू के फल को पूर्ण रूप से बली नहीं माना जाता है. यहां गुरू की स्थिति के कारण जातक को पूर्ण रूप की प्राप्ति में बाधा आ
Read More..
शुभ दर्शन बल सहित: पुरूषं कुर्याद्धनान्वितं ख्यातम् । सुभंग प्रधानमखिलं सुरूपदेहं सुसौख्यं च ।। अर्थात शुभ ग्रह की दृष्टि किसी ग्रह पर पड़ने पर जातक को शुभ फलों की प्राप्ति में सहायक बनती है. जातक को सौभाग्य और रूप-गुण की प्राप्ति होती है.
Read More..
सिंह लग्न का छठा नवांश कन्या राशि का होता है. इस नवांश में जन्में जातक को अपने जीवन में कर्म क्षेत्र के प्रति काफी विचारशील रहना होता है. उसे अपने शत्रु पक्ष एवं जीवन में आने वाले उतार-चढावों को समझने की आवश्यकता होती है. जीवन में रोग
Read More..
किसी ग्रह के मित्र क्षेत्री ग्रह होने पर उक्त ग्रह का प्रभाव बली अवस्था में मौजूद रहता है. ग्रह की मित्र क्षेत्र में स्थिति के होने पर कुण्डली में उसके अनुकूल प्रभाव देखने को मिलते हैं. कहीं न कहीं यह स्थिति ग्रह के लिए सहायक का काम करने
Read More..
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुण्डली में स्वक्षेत्री ग्रहों की स्थिति होने पर अनुकूल फलों की प्राप्ति होती है. स्वक्षेत्री होने पर जातक को धन धान्य की प्राप्ति होती है. वह दूसरों के समक्ष आदर व सम्मान पाता है. स्वक्षेत्री ग्रहों की दशा
Read More..
वैदिक ज्योतिष में यूँ तो बहुत सी बातों की जानकारी दी गई है लेकिन वर्तमान समय में शिक्षा के पश्चात हर व्यक्ति अपना व्यवसायिक क्षेत्र जानने का इच्छुक रहता है. कई बार व्यक्ति अपने मनपसंद क्षेत्र में चला जाता है और सफल रहता है लेकिन आपमें से
Read More..
बृहस्पति को समस्त ग्रहों में शुभ ग्रह माना गया है. इसी के साथ इन्हें ज्ञान, विवेक और धन का कारक माना जाता है. इस बात से यह सपष्ट होता है कि अगर कुण्डली में गुरू उच्च एवं बली हो तो स्वभाविक ही वह शुभ फलों को देता है. बृहस्पति को नान
Read More..
कर्कस्थ मंगल फल | Mars Aspecting Cancer कर्क राशि में मंगल के स्थित होने पर जातक को अनुकूल फलों की प्राप्ति होती है. मित्र राशि में रहकर मंगल को कुछ शीतलता का अनुभव भी होता है. मंगल के आक्रामक और उग्र स्वभाव में कुछ कमी आती है. यह स्थिति