Articles in Category Basic Astrology
मंगल तुला राशि में जानें इसका आपके जीवन पर प्रभाव
मंगल जब तुला में होता है तो यह काफी जबरदस्त तरह से अपना असर दिखा सकता है. मंगल एक अग्नि तत्व युक्त ग्रह है ओर तुला राशि शुक्र के स्वामित्व की परिवर्तनशील वायु तत्व राशि है. ऎसे में तुला पर मंगल का
केतु का विभिन्न राशियों पर असर
केतु तब होता है जब चंद्रमा उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ता है और सूर्य के पथ को पार करता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु दक्षिण नोड होता है और राहु को उत्तरी नोड के नाम से जाना जाता है. यह अपने रहस्यमय
लग्न कुंडली और नवांश कुंडली में ग्रहों की भूमिका
जन्म कुंडली को ही लग्न कुंडली के नाम से जाना जाता है ओर नवमांश कुंडली का निर्माण ग्रहों की शक्ति को बता है. ग्रह कितने शुभ और खराब हो सकते हैं इसका असर नवांश से देखा जाता है. लग्न कुंडली संपुर्ण
कर्क राशि में वक्री शुक्र का प्रभाव और आपकी राशि पर इसका असर
कर्क राशि और शुक्र दोनों ही स्त्री तत्व युक्त शीतलता से भरपुर ग्रह माने जाते हैं. इन दोनों की स्थिति का जीवन पर असर व्यक्ति को कुछ अधिक महत्वाकांक्षी भी बना देता है ओर साथ में जल्द से काम करने को
कन्या राशि में चंद्र-केतु गोचर 2025 का प्रभाव
ग्रहों के गोचर में युति गोचर की भूमिका काफी विशेष मानी गई है. ऎसे में जब एक शुभ और एक पाप ग्रह आपस में साथ होकर गोचर करते हैं तो इसका असर व्यापक रुप से देखने को मिलता है. यह गोचर कई मायनों में अपने
शुक्र-बुध योग, एक साथ होना क्यों है इतना शुभ
बुध हमारी बुद्धि है और शुक्र सुंदरता है. यह दोनों ग्रह कोमल और प्रेम तथा भावनाओं को दर्शाते हैं एक दूसरे के साथ बहुत अच्छे से मेल खाते हैं. रिश्तों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनसे सुख भी देते हैं.
सिंह राशि में वक्री शुक्र का गोचर
सिंह राशि में शुक्र का वक्री होकर गोचर करना सभि राशियों के लिए विशेष समय होता है. शुक्र सौंदर्य का स्त्री तत्व युक्त ग्रह है जब अग्नि तत्व युक्त राशि में यह वक्री होगा तो अवश्य ही इसके परिणाम सोच से
राजनीतिक सफलता के लिए भाव और ग्रह स्थिति
राजनीति में सफलता को पाने के लिए कुंडली में मौजूद दशाओं और ग्रहों की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है. राजनीति में धाक जमाने के लिए कुछ ग्रहों का साथ बहुत जरुरी होता है. उनके बिना इस क्षेत्र में आगे
ज्योतिष अनुसार मृत ग्रह का प्रभाव और परिणाम
वैदिक ज्योतिष का आधार नौ ग्रह, बारह राशियां एवं बारह भाव होते हैं. इसके बिना हम ज्योतिष शास्त्र में गणना एवं भविष्यवाणी नहीं कर सकते. इसी में ग्रहों के अंश बल की स्थिति के अनुसार कुंडली में ग्रह की
तुला राशि में बुध और केतु की युति का गोचर फल
बुध और केतु का तुला राशि में युति गोचर फल अपने आकस्मिक परिणामों को लेकर अधिक उल्लेखनीय माना गया है. जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो परिवर्तनों और आश्चर्यों से भरा होता है. जब ग्रह
कुंडली में मौजूद गण बता देगा आपके सारे भेद
कुंडली में गण की स्थिति को कुछ विशेष पहलुओं से देखा जाता है. जिसमें विवाह को लेकर यह प्रमुखता से होती है, लेकिन इसके अलावा भी गण का असर व्यक्ति की कुंडली में कई तरह के असर दिखाने में आगे रहता है.
सिंह राशि में मंगल और शुक्र की युति का आप पर रहेगा विशेष प्रभाव
सिंह राशि में मंगल-शुक्र युति का असर बहुत विशेष होगा. इस युति का असर ज्योतिष में बेहद विशेष माना जाता है विशेष रुप से संबंधों और इच्छों की दृष्टि से योग को बेहद महत्व दिया जाता है. शुक्र मंगल युति
सूर्य का अश्विनी नक्षत्र गोचर फल
सूर्य का अश्विनी नक्षत्र में गोचर ऊर्जा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. यह खगोलीय घटना राशि के अनुसार कैसे प्रभावित कर सकती है.आइए
जागृत शुक्र का प्रत्येक भाव में फल
प्राचीन किंवदंतियों के अनुसार, शुक्र भृगु और ख्याति के पुत्र थे. शुक्र का विवाह भगवान इंद्र की पुत्री जयंती से हुआ था. उनकी दूसरी पत्नी गो पितरों की पुत्री थीं. उन्होंने चार पुत्रों को जन्म दिया
बुध का अश्विनी नक्षत्र गोचर का प्रभाव
बुध का अश्विनी नक्षत्र गोचर का प्रभाव बुध के मेष राशि में गोचर के समय पर होता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को अधिक प्रभावशाली माना जाता है यह बुद्धि, तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल का कारक
कौन से नक्षत्र हैं नाड़ी दोष से मुक्त
नाडी विचार ज्योतिष अनुसार व्यक्ति की ऊर्जा को समझने हेतु किया जाने वाला अध्ययन है. नाड़ी विचार अनुसार किसी व्यक्ति की क्षमताओं एवं उसके स्वास्थ्य के विषय में उसकी विचारधार के बारे में जान पाना संभव
सूर्य का राहु के साथ गोचर क्यों है इतना खास
सूर्य मजबूत व्यक्तित्व के सबसे बड़े कारणों में से एक होता है और राहु छल और भ्रम में कम नहीं है. अब जब सूर्य के साथ राहु का मेल होता है तो यह स्थिति परेशानी को दिखाने वाली अधिक हो सकती है. सूर्य वैदिक
प्रश्न कुंडली के ये सूत्र बताते हैं विवाह होने का सटीक समय
प्रश्न कुंडली बहुत उपयोगी और विश्वसनीय सूत्र है जो विवाह से जुड़े प्रश्नों के सभी हल प्रदान करने में सहायक बनता है. प्रश्न कुंडली क्या होती है पहले ये जान लेना जरुरी है, तो प्रश्न कुंडली वह चार्ट
विवाह के लिए बृहस्पति और शुक्र आखिर क्यों है इतने महत्वपूर्ण
ज्योतिष शास्त्र में कुछ ग्रह विशेष चीजों के कारक रुप में जाने जाते हैं. कारक होने के कारण ग्रह की अहमियत उस चीज के लिए बढ़ जाती है जिस चीज के वह कारक होते हैं. जैसे सूर्य सरकार का कारक है तो मंगल
राहु - चंद्रमा का मीन राशि में गोचर फल
राहु के साथ चंद्रमा का गोचर मीन राशि पर होने के विभिन्न फल प्राप्त होते हैं. इसका असर मीन राशि के अलावा अन्य राशियों पर भी गहराई से पड़ता है. राहु एक पाप ग्रह है चंद्रमा एक शुभ ग्रह है और मीन राशि एक