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कुंभ राशि में वक्री गुरु का गोचर बदलेगा इन राशि के लोगों का भाग्य

वर्तमान समय 2021 में गुरु ग्रह का गोचर कुंभ राशि में हो रहा है. कुंभ राशि में गोचर करते हुए गुरु जून माह में इसी राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे ओर यह समय सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक सभी

गुरु मकर राशि में गोचर से बदलेगा इन राशियों का हाल

20 नवंबर 2020 को गुरु मकर राशि में वापसी कर रहे हैं. गुरु का अब मकर राशि में आना सभी लोगों पर अलग-अलग रुप से प्रभाव डालने वाला होगा. गुरु के लिए मकर राशि उसकी कमजोर राशि है यहां आकर गुरु के बल में

शुक्र का कन्या राशि में गोचर

शुक्र का गोचर सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में जाना 24 सितंबर 2022 के दिन संपन्न होगा. कन्या राशि में शुक्र का गोचर होने वाला है. शुक्र ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में धन लाभ देने वाला और सौंदर्य,

कब और किस दिन होंगे बुध अस्त, इन उपायों से को करने से मिलेगी राहत

बुध ग्रह एक बौद्धिक ज्ञान और उचित मार्ग को निर्धारित करने वाला उत्तम स्थान प्राप्त ग्रह है. इस ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन को चहुंमुखी प्रतिभा से भर देने वाला होता है. बुध ग्रह एक प्र्कार की

मीन राशि में वक्री मंगल का गोचर, तैयार हो जाएं चेंज के लिए

मंगल का गोचर इस बार मेष राशि से पुन: मीन में होगा और ऎसा इस कारण होगा क्योंकि मंगल वक्री होंगे. मंगल की चाल में बदलाव के कारण वह मेष राशि से निकल कर उलटे मीन राशि में प्रवेश करेंगे. 4 अक्टूबर 2020 को

केतु का वृश्चिक राशि में गोचर, जाने सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव

ग्रहों का गोचर प्रत्येक राशि पर अपने अनुरुप शुभाशुभ फल देने में समर्थ होता है. जब भी कोई ग्रह एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में जाता है वह समय किसी न किसी रुप में प्रभवित अवश्य करता है. इस साल के अंत

शुक्र का मिथुन राशि गोचर 2023 में जाना बदल सकता है आपका भाग्य

शुक्र अपनी स्वराशि वृष से निकल कर मिथुन राशि की ओर संचार करेंगे. शुक्र अपनी स्वराशि को त्यागकर बुध की राशि मिथुन में जाएंगे. शुक्र का बुध की राशि में जाना अनुकूल स्थिति की ओर इशारा करता है. शुक्र ओर

कैसा रहेगा वृषभ राशि वालों के लिए राहु का गोचर

राहु का प्रभाव वृषभ राशि पर होने के कारण वृष राशि वालों के लिए तो अब आने वाला समय काफी बदलावों को दिखा सकता है. राहु एक ऎसा ग्रह है जो अपने प्रभाव का पूर्ण प्रभाव जिस स्थन में बैठा होता है या जिसके

मंगल का मेष राशि में गोचर, लाएगा कठोर बदलाव

मंगल एक उग्र व अग्नि युक्त ग्रह हैं. सभी ग्रहों में से मंगल को ही ऎसे कार्यों का सौंपा जाता है जिनमें शक्ति और साहस का परिचय दिया जा सके. यह एक योद्धा की भांति है जिसमें अदम्य साहस है विपत्तियों से

आईये जानें, कैसा होगा गुरु महाराज वक्री होकर धनु मे जाना

गुरु का गोचर इस समय मकर राशि पर हो रहा है. मकर राशि में ही गुरु इस समय वक्री होकर गोचर कर रहे हैं. पर आने वाले 30 जून 2020 को गुरु मकर से निकल कर अपनी पूर्व राशि धनु में प्रवेश करेंगे. गुरु वक्री

कर्क संक्रांति, सही समय पर किया गया कार्य होगा सफल

सूर्य का मिथुन राशि से निकल कर कर्क राशि में जाना ही “कर्क संक्रांति” कहलाएगा. 16 जुलाई 2023 को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. कर्क राशि वालों के लिए सूर्य उनकी राशि में ही गोचर करेंगे. सूर्य

मंगल का मीन राशि में गोचर लाएगा नए बदलाव

17 मई 2022 को मंगलवार के दिन मंगल का मीन राशि में प्रवेश होगा. वर्तमान में मंगल पिछले काफी समय से कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. पर अब आने वाली 17 मई से मंगल अपनी राशि में बदलाव करेंगे. मंगल अब अपनी

अब वक्री बुध होंगे अस्त, पड़ सकती है दोहरी मार

इस साल भी बुध अस्त होने वाले हैं बुध के अस्त होने के कारण कई खास कार्यों पर लग सकती है. बुध का प्रभाव व्यक्ति को बौद्धिकता की उत्तम प्रवीणता देता है. बुध का प्रभाव ही वनस्पतियों पर असर डालता है. बुध

श्रीयंत्र की चमत्कारिक शक्तियां खोल देती हैं सुख समृद्धि का द्वार

आधुनिक समय में इस भाग दौड़ और चमक की दुनिया में हर कोई व्यक्ति अमीर बनना चाहता है. इसके लिए वह ना जाने कैसे कैसे हथकंडे भी आजमाने की कोशिश करता है. कई बार तो मनुष्य अपनी अंदर केभले मानुष को रौंदते

आदित्य हृदयम स्त्रोत- सूर्य के शुभ फल पाने का अचूक उपाय

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्टवा युद्धाय समुपस्थितम्।1। दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्। उपगम्याब्रवीद् राममगरत्यो भगवांस्तदा।2। राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं

व्यापार वृद्धि यंत्र - पूजन और स्थापित करने कि विधि स्वयं करें

यंत्र सर्वोपरि एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं व्यापार वृद्धि यंत्र की संरचना बड़ी ही विचित्र है, इस यंत्र को धनदाता और सर्वसिद्धिदाता कहा गया है. व्यापार वृद्धि यंत्र की रचना तांबे, चांदी या सोने

कन्या लग्न होने पर धन योग कैसे बनता है

भौतिक समृद्धि के लिए लक्ष्मी की कृपा दृष्टि सदैव आवश्यक होती है. कन्या लग्न में जन्में जातक की कुण्डली में यदि बुध बलवान होकर स्थित हो तो जातक बुद्धिमान, बलवान, कुशल वक्ता तथा सुंदर गुणों से युक्त

नवग्रह स्त्रोत के प्रयोग से स्वयं ही ग्रह शांति कैसे करें

नवग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर पूर्ण रुप से प्रभाव देखा जा सकता है. इन नवग्रहों की शांति द्वारा जीवन की अनेक समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकते हैं. नवग्रहों के विषय में अनेक तथ्यों को बताया गया

अगर आपकी कुण्डली में भी है शनि दोष तो इन उपायों को करने से मिलेगी राहत

कुंडली में मौजूद सभी ग्रह अच्छे या बुरे फल देने वाले सिद्ध हो सकते हैं. शनि यदि कुंडली में शुभ भावों के स्वामी हैं तब वह बुरा फल नहीं देते. यदि शनि कुण्डली शुभ होकर निर्बल है तब उसे बल देना आवश्यक

इन आसान तरीकों से कर सकते हैं, कुण्डली के कमजोर सूर्य को बलवान

कुण्डली में ग्रह पीडा होने पर गोचर का जो ग्रह व्यक्ति को पीडा दे रहा हो तो उक्त ग्रह से संबंधित उपाय करने पर कुछ शुभ पभावों को प्राप्त किया जा सकता है. सूर्य कुण्डली में आरोग्य शक्ति व पिता के कारक