यंत्र सर्वोपरि एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण होते हैं व्यापार वृद्धि यंत्र की संरचना बड़ी ही विचित्र है, इस यंत्र को धनदाता और सर्वसिद्धिदाता कहा गया है. व्यापार वृद्धि यंत्र की रचना तांबे, चांदी या सोने के पत्र पर या स्फटिक पर की जा सकती है. शास्त्रों के अनुसार स्फटिक या स्वर्णपत्र पर शुभ मुहूर्त में अंकित यंत्र सर्वोत्कृष्ट माना जाता है.

यह एक अत्यंत चमत्कारी यंत्र है लेकिन इसके चमत्कारी फलों का लाभ प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि इसकी रचना शुभ समय कि जाए. इसमें रेखांकन शुद्ध हो और इसकी साधना विधि विधान के साथ निष्ठापूर्वक की जाए. व्यापार वृद्धि यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करके उसकी पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए. इससे दरिद्रता दूर रहती है व्यापार में सफलता प्राप्त होती है. यंत्र की पूजा करते समय मंत्र का जप करना चाहिए.

व्यापार वृद्धि यंत्र पूजा | Puja For Success In Business Yantra

शुक्ल पक्ष के किसी भी दिन शुभ मुहूर्त में व्यापार वृद्धि यंत्र के सम्मुख बैठकर माला जप करने से धन का आगमन बना रहता है. व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए और पूजा करते समय यंत्र के पर इत्र आदि का छिड़काव करना चाहिए तथा धूप, दीप, नैवद्य अर्पित करने चाहिए इससे रोजगार में वृद्धि होती है. इस यंत्र की नियमित रूप से पूजा पाठ एवं माला जप करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा फूल, लड्डू, नारियल इत्यादि से करनी चाहिए, व्यवसायियों, दुकानदारों को यंत्र की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर उसे अपनी दुकान में विधिपूर्वक स्थापित करना चाहिए, व्यापार में यदि दिन-रात मेहनत करते रहने पर भी घाटा हो रहा हो तो उन्हें ऐसे में व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना पूर्व अथवा उत्तर दिशा में करनी चाहिए, विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित किए गया व्यापार वृद्धि यंत्र समस्त बाधाएं और कष्ट क्लेश दूर करता है.

व्यापार वृद्धि यंत्र उपयोग | Use Of Success In Business Yantra

कोई नया व्यापार आरंभ करते समय, या किसी भी साझेदारी हेतु लेन-देन करते समय व्यापार वृद्धि यंत्र का पूजन और दर्शन करने से सफलता प्राप्त होती है. जो व्यापार में समृद्धि तथा संपन्नता देखना चाहते हैं और दरिद्रता आदि को समाप्त करना चाहते हों उन्हें पवित्र मन से व्यापार वृद्धि यंत्र के सम्मुख अग्नि में गाय के दूध का हवन और लक्ष्मी के मंत्र का जप करना चाहिए. प्रतिदिन रोज एक माला का हवन करे तो उसे लक्ष्मी की प्राप्ति होगी.

व्यापार वृद्धि यंत्र निर्माण | How To Establish Success In Business Yantra

व्यापार वृद्धि यंत्र बनवाने के लिए सर्वप्रथम भोजपत्र या समतल चांदी, सोने, तांबे या स्फटिक पतरा तैयार कर लें. इस प्लेट पर व्यापार वृद्धि यंत्र की आकृति के अनुसार उत्कीर्ण करके इसके तैयार होने पर स्वयं या फिर किसी ब्राह्मण से प्राणप्रतिष्ठा करवा लेनी चाहिए. इसके पश्चात संकल्प, करन्यास, ध्यान और हवन करना चाहिए. इस तरह विधि विधान से शोधन कर उसके मंत्र का जप, तप, हवन, तर्पण आदि करने से यह सिद्ध हो जाता है और व्यक्ति को किसी चीज का कोई अभाव नहीं रहता

व्यापार वृद्धि यंत्र महत्व | Significance Of Success In Business Yantra

व्यापार वृद्धि यंत्र को व्यापार से सम्बन्धित स्थल में स्थापित करने तथा नियमित शुद्ध मन से पूजा करने से व्यापार में आने वाली रूकावटों का अंत होता है तथा विकास में वृद्धि होती है, धन का आगमन होता हैं. व्यापार में निरन्तर घाटा होने की स्थिति में इस यंत्र को सम्मुख रखकर मंत्र जप ने से व्यापार में आश्चर्यजनक लाभ होता है. इस यंत्र की अचल प्रतिष्ठा करके व्यक्ति को अपने पास में रखने से अनेक तरह से व्यापार में लाभ होता है.