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कर्क राशि में वक्री शुक्र का प्रभाव और आपकी राशि पर इसका असर
कर्क राशि और शुक्र दोनों ही स्त्री तत्व युक्त शीतलता से भरपुर ग्रह माने जाते हैं. इन दोनों की स्थिति का जीवन पर असर व्यक्ति को कुछ अधिक महत्वाकांक्षी भी बना देता है ओर साथ में जल्द से काम करने को
कन्या राशि में चंद्र-केतु गोचर 2025 का प्रभाव
ग्रहों के गोचर में युति गोचर की भूमिका काफी विशेष मानी गई है. ऎसे में जब एक शुभ और एक पाप ग्रह आपस में साथ होकर गोचर करते हैं तो इसका असर व्यापक रुप से देखने को मिलता है. यह गोचर कई मायनों में अपने
शुक्र-बुध योग, एक साथ होना क्यों है इतना शुभ
बुध हमारी बुद्धि है और शुक्र सुंदरता है. यह दोनों ग्रह कोमल और प्रेम तथा भावनाओं को दर्शाते हैं एक दूसरे के साथ बहुत अच्छे से मेल खाते हैं. रिश्तों का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनसे सुख भी देते हैं.
सिंह राशि में वक्री शुक्र का गोचर
सिंह राशि में शुक्र का वक्री होकर गोचर करना सभि राशियों के लिए विशेष समय होता है. शुक्र सौंदर्य का स्त्री तत्व युक्त ग्रह है जब अग्नि तत्व युक्त राशि में यह वक्री होगा तो अवश्य ही इसके परिणाम सोच से
तुला राशि में बुध और केतु की युति का गोचर फल
बुध और केतु का तुला राशि में युति गोचर फल अपने आकस्मिक परिणामों को लेकर अधिक उल्लेखनीय माना गया है. जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो परिवर्तनों और आश्चर्यों से भरा होता है. जब ग्रह
सिंह राशि में मंगल और शुक्र की युति का आप पर रहेगा विशेष प्रभाव
सिंह राशि में मंगल-शुक्र युति का असर बहुत विशेष होगा. इस युति का असर ज्योतिष में बेहद विशेष माना जाता है विशेष रुप से संबंधों और इच्छों की दृष्टि से योग को बेहद महत्व दिया जाता है. शुक्र मंगल युति
बुध का कर्क राशि प्रवेश जानें अपनी राशि पर इसका प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में बुध को एक राजकुमार के रूप में वर्णित किया गया है. बुध अन्य ग्रहों की तुलना में सूर्य के बहुत निकट है. यह व्यक्ति में बुद्धि और हास्य का प्रतिनिधित्व करता है और कई स्थितियों में यह
शनि उदय का मेष से मीन राशि वालों पर असर
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अस्त और उदय दोनों ही स्थितियों का असर देखने को मिलता है. इस पर शनि उदय का प्रभाव जब अस्त से मुक्त होकर उदय स्थिति में होता है तब शनि उदय के प्रभाव बेहतर रुप से देखने को
नवांश कुंडली में राशियों का प्रभाव
नवांश कुंडली वर्ग चार्ट में बहुत ही विशेष कुंडली मानी जाती है. यह किसी व्यक्ति के भीतर की क्षमताओं की अच्छी जानकारी देने में भी सक्षम होती है. नवाम्श कुंडली में चंद्रमा जिस राशि में मौजूद होता है वह
राहु - चंद्रमा का मीन राशि में गोचर फल
राहु के साथ चंद्रमा का गोचर मीन राशि पर होने के विभिन्न फल प्राप्त होते हैं. इसका असर मीन राशि के अलावा अन्य राशियों पर भी गहराई से पड़ता है. राहु एक पाप ग्रह है चंद्रमा एक शुभ ग्रह है और मीन राशि एक
कन्या राशि में केतु का राशि प्रवेश 2024
केतु का गोचर एक बेहद महत्वपूर्ण समय होता है क्योंकि इनका असर जीवन में होने वाले बदलावों की स्थिति पर असर दिखाता है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, केतु किसी व्यक्ति की कुंडली में बहुत महत्व रखता है, कुंडली
कुंभ राशि में शनि के अस्त होने का प्रभाव
शनि का गोचर या स्थिति जब कुंभ राशि में अस्त होती है तो इसका असर काफी धीमे रुप से मिलने वाले परिणाम के रुप में दिखाई देता है. कुंभ राशि शनि की स्वराशि है ओर यह शनि के स्वामित्व की मूलत्रिकोण राशि भी
राहु का मीन राशि गोचर 2024 राशियों पर प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार सबसे अधिक कठोर ग्रहों में राहु का नाम भी विशेष रुप से लिया जाता रहा है. राहु, जो लगातार वक्री रहता है और हर डेढ़ साल में राशि परिवर्तन करता है, राहु का असर शनि के समान फल देने वाला
वैदिक ज्योतिष में शुक्र जब अन्य ग्रहों के साथ होता है तो क्यों निर्बल होता है या बली
शुक्र को एक चमकते तारे के रुप में हम सभी जानते हैं. इसकी चमक इतनी है की यह भोर के तारे के रुप में भी जाना जाता है. शुक्र को एक शुभ एवं आकर्षण से युक्त ग्रह माना गया है. शुक्र को प्रेम और भावनाओं का
मेष राशि में चंद्रमा के साथ राहु का गोचर
गोचर में जब ग्रहों के भ्रमण की स्थिति बनती है तब ग्रहों का योग अन्य ग्रहों के साथ अवश्य बनता है. इस योग में सभी ग्रह युति अनुसार अपना प्रभाव भी देते हैं. कुछ युति योग गोचर में अच्छे होते हैं तो कुछ
मेष राशि में सूर्य - बृहस्पति का योग और सभी राशियों के लिए उसका फल
सूर्य के साथ बृहस्पति के मेष राशि में गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह का रहता है. यह गोचर कुछ राशि के लिए अच्छे परिणामों को देने वाला होगा ओर कुछ को कमजोर कर देने वाला
मेष राशि में सूर्य-राहु का गोचर और सभी राशियों पर इसका असर
मेष राशि में सूर्य और राहु का योग कई तरह के असर दिखाने वाला समय होता है. किसी भी युति का निर्माण तब होता है जब दो या दो से अधिक ग्रह एक दूसरे के निकट होते हैं. या वह एक राशि भाव में स्थित होते हैं.
बुध का राहु के साथ मेष राशि में गोचर 2023
बुध के मेष राशि में राहु के साथ होने की स्थिति अचानक होने वाले बदलावों को दिखाने वाली होती है. बुध और राहु का मेष राशि में गोचर अचानक से चीजों को घटित करने के लिए ऊर्जा की अधिकता देखने को मिलती है.
वक्री शुक्र का मेष राशि में गोचर का असर
शुक्र का मेष राशि में गोचर करना उसके परिभ्रमण का एक हिस्सा है, किंतु जब भ्रमण की इस स्थिति पर वक्रता का प्रभाव पड़ता है तो यह अपने प्रभाव में कई तरह के बदलाव दिखाता है. शुक्र के मेष राशि में होने का
मीन राशि में बृहस्पति अस्त होने का प्रभाव
वर्तमान में मीन राशि में स्थित बृहस्पति अब एक बार पुन: गोचर में अस्त होने वाले हैं. बृहस्पति का अस्त होना गोचर एवं आध्यात्मिक दोनों ही पहलुओं से काफी विशेष माना जाता है. गुरु की स्थिति को अत्यंत शुभ