Articles in Category Vedic Astrology
जन्म कुंडली में भाग्य स्थान का महत्व
किसी भी व्यक्ति के लिए उसका भाग्य बली होना शुभ माना जाता है. भाग्य के बली होने पर ही व्यक्ति जीवन में ऊंचाईयों को छू पाने में सफल रहता है. यदि भाग्य ही निर्बल हो जाए तब अत्यधिक प्रयास के बावजूद
दिवारात्रि बली ग्रह का फल | Result of Strong Diva Ratri Planets | Strong Diva Ratri Planets
दिवारात्रि बली ग्रह में जातक को धन ऎश्वर्य और आभूषणों की प्राप्ति होती है. भू-संपदा की प्राप्ति में सफलता मिलती है. वाहन सुख तथा भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. व्यक्ति के बल व पराक्रम में वृद्धि
सिंह लग्न का नौवां नवांश | Ninth Navansh of Leo Ascendant
सिंह लग्न का नौवां नवांश धनु राशि का होता है जिसके स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं. इस नवांश के अनुरूप जातक के जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. जातक का रूप रंग आकर्षक होता है, उसमें बाहुबल की
सूर्य का मंगल के द्रेष्काण में स्थिति का आंकलन | Analysis of Sun In Mars’s Drekkana
ज्योतिष में द्रेष्काण की महत्ता के बारे में काफी कुछ बताया गया है. द्रेष्काण में किस ग्रह का क्या प्रभाव पड़ता है, इस बात को समझने के लिए ग्रहों की प्रवृत्ति को समझने की आवश्यकता होती है. जिनके
कुंडली के प्रकार | Types of Kundalis
जन्म के समय आकाशीय ग्रहों का नक्शा कुंडली कहलाता है. समय विशेष पर ग्रहों को कुंडली में अंकित किया जाता है. हर स्थान पर कुंडली बनाने का तरीका अलग होता है, लेकिन ग्रह नौ ही होते हैं और राशियाँ भी बारह
सूर्य का चंद्रमा के द्रेष्काण में स्थिति का आंकलन | Analysis Of Sun In Moon’s Drekkana
ज्योतिष में द्रेष्काण की महत्ता के बारे में काफी कुछ बताया गया है. द्रेष्काण में किस ग्रह का क्या प्रभाव पड़ता है, इस बात को समझने के लिए ग्रहों की प्रवृत्ति को समझने की आवश्यकता होती है. जिनके
ग्रहों का दिग्बल | Digbala of Planets | Digbal of Planets
दिग्बली ग्रह जातक को अपनी दिशा में ले जाकर कई प्रकार से लाभ देने में सहायक बनते हैं. यह जातक को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने में सहायक होते हैं तथा आभूषणों, भूमि-भवन एवं वाहन सुख देते हैं. व्यक्ति को
काल बल ग्रह का फल | Result of Kaal Bal Planets
ग्रह के काल बली होने पर वह जातक को धन व मान सम्मान देने में सहायक बनता है. व्यक्ति की कार्यकुशला में निखार आता है जिससे वह अपने मार्ग में प्रगति को पाने में सफल होता है. काल बल जातक के शुभ समय के
कैसा होगा चंद्रमा का मकर-कुंभ और मीन राशि को देखने का फल
मकरस्थ चंद्रफल | Moon Aspecting Capricorn Sign मकरस्थ चंद्रमा के होने पर जातक में भावनाओं का ज्वार रहता है जिसमें वह निरंतर मंथन करता रहता है. वह किसी जोखिम से दूर ही रहना चाहता है. अपने यथार्थवादी
तुला, वृश्चिक और धनु में गुरु के गोचर का फल
तुलागत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Libra तुला में स्थित गुरू के प्रभाव में जातक मेधावी बनता है. वह जो भी कार्य करता है उसमें उसकी योग्यता का बेहतरीन रूप देखने को मिलता है. वह अपने काम में एक
शनि देव अपनी राशि में होने पर देते हैं शुभफल
मकरगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Capricorn मकरगत शनि के होने पर जातक दूसरों की वस्तुओं पर अधिकार जमाने वाला होता है. वह अच्छे व बुरे दोनों कामों का अनुसरण करने में तत्पर रहता है. वैदिक आचार और
वक्री ग्रह | Retrograde Planets | Retrograde Planets in Astrology
वक्री ग्रहों के बारे में बहुत सी बाते कही जाती हैं लेकिन फिर भी इनके विषय में अभी तक भी बहुत सी बाते छिपी हुई सी ही हैं. गोचर में जब सूर्य से छठे, सातवें व आठवें भाव में ग्रह विचरण करता है तब वह उसकी
मंगल के मकर, कुंभ ओर मीन राशि में होने पर कैसा होगा असर? आईये जानें
मकरस्थ मंगल फल | Mars Aspecting Capricorn मकर में स्थित होने पर मंगल को उच्चत्तम बल की प्राप्ति होती है. यहां स्थित मंगल के कारण जातक में मंगल से जुडे़ हुए गुण वृद्धि को पाते हैं. इस स्थान में मंगल
शनि अगर आपकी कुंडली में तुला, वृश्चिक या धनु राशि पर है तो ऎसा होगा प्रभाव
तुलागत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Libra तुलागत शनि की स्थिति काफी प्रबल होती है. यह शनि को उचित बल की प्राप्ति होती है तथा वह अपने प्रभावों के अनुरूप प्रभाव दिखाने में सक्षम होता है. व्यक्तित्व,
कर्क, सिंह या कन्या राशि का शनि दे सकता है मानसिक तनाव
कर्कगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Cancer कर्कगत शनि के होने पर जातक को ऎसे लोगों का साथ मिलता है जो उसके भाग्यनिर्माण में सहायक बनते हैं और सुभग लोगों से जुड़कर जातक में शुद्धता का निर्माण होता
शनि का मेष, वृष या मिथुन राशि में होने पर ऎसा होगा असर
मेषगत शनि का योगफल | Saturn Aspecting Aries मेषगत शनि के होने पर जातक का व्यवहार कठोर और उग्र किस्म का हो सकता है. जातक में नियंत्रण शक्ति की कमी देखी जा सकती है. व्यर्थ का गुस्सा हो जाना और अपने हठ
सिंह लग्न का सातवां नवांश | Seventh Navansh of Leo Ascendant
सिंह लग्न का सातवां नवांश तुला राशि का होता है जिसका स्वामी शुक्र है. इस लग्न में जन्में जातका का रंग रूप प्रभावशाली और आकर्षक होता है. दिखने में सुंदर चेहरे पर लालिमा लिए हुए और रूपवान होता है. नैन
नवमांश कुंडली में सिंह लग्न का आठवां नवांश देता है ये फल
सिंह लग्न का आठवां नवांश वृश्चिक राशि का होता है. जातक का रंग व नैन नक्श प्रभावशाली होते हैं. उसकी देह मजबूत होती है तथा वह हृष्ट-पुष्ट दिखाई देता है. आवाज में भारीपन हो सकता है उसका व्यवहार रौब
कुंडली में शुक्र का मकर, कुम्भ, मीन राशि में होना दे सकता है ये फल
मकरगत शुक्र का योगफल | Venus Aspecting Capricorn मकरगत शुक्र के होने पर जातक के व्यय अधिक रह सकते हैं, उसे अपनी आर्थिक स्थिति पर निगाह बनाए रखी चाहिए. व्यक्ति को अज्ञात भय का डर सताए रहता है.
तुला वृश्चिक और धनु वालों के लिए ऎसा होगा शुक्र का असर
तुलागत शुक्र का योगफल | Venus Aspecting Libra तुलागत शुक्र का फल व्यक्ति को वैचारिक सोच में स्वतंत्रता देने वाला होता है. इस स्थान पर व्यक्ति साहस से पूर्ण होता है अपने वचनों का शुद्ध मन से आचरण करने