Articles in Category Vedic Astrology
गुरु का मकर, कुम्भ और मीन राशि में होने पर ये होगा असर
मकरगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Capricorn मकरगत गुरू के होने पर गुरू अपनी निर्बल स्थिति में होता इस स्थिति में गुरू के फल को पूर्ण रूप से बली नहीं माना जाता है. यहां गुरू की स्थिति के कारण
कुंडली में शुभ ग्रह की दृष्टि से दूर होते हैं अशुभ प्रभाव
शुभ दर्शन बल सहित: पुरूषं कुर्याद्धनान्वितं ख्यातम् । सुभंग प्रधानमखिलं सुरूपदेहं सुसौख्यं च ।। अर्थात शुभ ग्रह की दृष्टि किसी ग्रह पर पड़ने पर जातक को शुभ फलों की प्राप्ति में सहायक बनती है. जातक को
सिंह लग्न का छठा नवांश | Sixth Navansh of Leo Ascendant
सिंह लग्न का छठा नवांश कन्या राशि का होता है. इस नवांश में जन्में जातक को अपने जीवन में कर्म क्षेत्र के प्रति काफी विचारशील रहना होता है. उसे अपने शत्रु पक्ष एवं जीवन में आने वाले उतार-चढावों को
मित्र क्षेत्री ग्रह का प्रभाव | Effects Of Planets Placed In Their Friendly House
किसी ग्रह के मित्र क्षेत्री ग्रह होने पर उक्त ग्रह का प्रभाव बली अवस्था में मौजूद रहता है. ग्रह की मित्र क्षेत्र में स्थिति के होने पर कुण्डली में उसके अनुकूल प्रभाव देखने को मिलते हैं. कहीं न कहीं
कुण्डली के स्वक्षेत्री ग्रह का प्रभाव | Effects Of Planets Placed In Their Own House
वैदिक ज्योतिष के अनुसार जन्म कुण्डली में स्वक्षेत्री ग्रहों की स्थिति होने पर अनुकूल फलों की प्राप्ति होती है. स्वक्षेत्री होने पर जातक को धन धान्य की प्राप्ति होती है. वह दूसरों के समक्ष आदर व
कैसा होगा आपका व्यवसाय: जानने का आसान तरीका
वैदिक ज्योतिष में यूँ तो बहुत सी बातों की जानकारी दी गई है लेकिन वर्तमान समय में शिक्षा के पश्चात हर व्यक्ति अपना व्यवसायिक क्षेत्र जानने का इच्छुक रहता है. कई बार व्यक्ति अपने मनपसंद क्षेत्र में चला
नौकरी हो या बिजनेस कैसा रहेगा आपके लिए जानिये बृहस्पति/गुरु से
बृहस्पति को समस्त ग्रहों में शुभ ग्रह माना गया है. इसी के साथ इन्हें ज्ञान, विवेक और धन का कारक माना जाता है. इस बात से यह सपष्ट होता है कि अगर कुण्डली में गुरू उच्च एवं बली हो तो स्वभाविक ही वह शुभ
कर्क, सिंह और कन्या राशि पर मंगल की दृष्टि का फल
कर्कस्थ मंगल फल | Mars Aspecting Cancer कर्क राशि में मंगल के स्थित होने पर जातक को अनुकूल फलों की प्राप्ति होती है. मित्र राशि में रहकर मंगल को कुछ शीतलता का अनुभव भी होता है. मंगल के आक्रामक और
संकटा योगिनी दशा | Sankata Yogini Dasha
संकटा दशा राहु की दशा होती है इस दशा की अवधि आठ वर्ष की मानी गई है. यह दशा धन, यश और पद प्रतिष्ठा की हानि करती है. परिवार से वियोग कष्ट प्राप्त होता है. जातक में मनमानी व हठ की प्रवृत्ति अधिक रहती
सिंह लग्न का पांचवां नवांश होता है देता है शुभ फल
सिंह लग्न का पांचवां नवांश वर्गोत्तम होता है यह सिंह राशि का ही होता है. इस लग्न के नवांश की यह स्थिति त्रिकोण की अवस्था की द्योतक है. इस नवांश में जातक का जन्म होने पर वह बुद्धिमान और योग्य स्थिति
कब हो सकता है धन लाभ या होगी हानि अपनी कुंडली से जाने
वैदिक ज्योतिष में बनने वाले योगों द्वारा धन संबंधी मामलों को समझने में बहुत आसानी होती है. जैसे की जातक के जीवन में कौन सी ग्रह दशाएं ऎसी हैं जो उस धन प्राप्ति में मददगार हो सकती हैं और कौन सी उसके
विभिन्न ग्रहों का स्थान बल में प्रभाव | Effects of Strongly Placed Planets
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कोई भी ग्रह मित्र राशि में, उच्चराशिस्थ, मूल त्रिकोण या स्वक्षेत्री होने से अधिक बल प्राप्त करता है. स्थान बल के अंतर्गत पांच प्रकार के बलों को शामिल किया गया है. जिसमें उच्च
गुरु अगर कर्क, सिंह और कन्या में हो कैसा होता है असर
कर्कस्थ गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Cancer कर्कस्थत होती है और वह अपने कर्मों द्वारा समाज में शुभता लाता है. किसी के हृदय को नहीं दुखाता है और सभी के लिए अच्छे काम करने की चाह रखता है. कर्क में
कैसा होगा मेष, वृष और मिथुन राशि वालों पर गुरु का प्रभाव
मेषगत गुरू का योगफल | Jupiter Aspecting Aries मेषगत गुरू के होने पर जातक की वाणी में ओजस्विता का भाव देखा जा सकता है. व्यक्ति अपने विचारों को स्पष्टता के साथ प्रबल रूप से सभी के समक्ष रखता है. उसके
सूर्य का अपने द्रेष्काण में होना बनाता है व्यक्ति को बलवान
ज्योतिष में द्रेष्काण की महत्ता के बारे में काफी कुछ बताया गया है. द्रेष्काण में किस ग्रह का क्या प्रभाव पड़ता है इस बात को समझने के लिए ग्रहों की प्रवृत्ति को समझने की आवश्यकता होती है. जिनके अनुरूप
बुध का मेष-वृष या मिथुन राशि में होने पर ऎसा होता है व्यक्ति पर असर
मेषगतदृष्टि बुधफल | Mercury Aspecting Aries मेषगत बुध के होने से जातक में युद्धकला की खूबी होती है और वह युद्धप्रिय होता है. जातक अपने विषयों का अच्छा जानकार होता है. व्यक्ति निर्णय लेने में देरी
व्यवसाय क्षेत्र में चंद्रमा का महत्व : चंद्रमा के कारण मिलेगा आपको ये काम
चंद्रमा की व्यवसाय और कार्यक्षेत्र में उपयोगिता है बहुत ही प्रभावशाली ढ़ग से उभर कर सामने आती है. व्यवसाय क्षेत्र में चंद्रमा एक जलीय ग्रह है अत: इसके कार्यों में जल से संबंधित वस्तुओं का व्यापार
बुध का मकर, कुम्भ और मीन राशि के जातकों पर कैसा रहेगा असर आईये जानते हैं
मकरगत बुध का योगफल | Mercury Aspecting Capricorn बुध के मकर में होने पर शनि की इस राशि में बुध का प्रभाव व्यक्ति की शिक्षा के लिए अच्छा माना जाता है. जातक को अपने क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त होती
मंगल से जाने कैसी होगी आपकी नौकरी या व्यवसाय
मंगल ग्रह अग्नि तत्व का ग्रह तथा भूमि का कारक माना गया है. इस ग्रह के संदर्भ में सेना संबंधी कार्यों और पुलिस विभाग से जुडे़ कामों को देखा जा सकता है. इस ग्रह के प्रभाव स्वरूप जातक में साहस और शौर्य
कुंडली खोलेगी आपके जन्म लग्न का रहस्य
तुला से मीन लग्न तक | Libra to Pisces Ascendant तुला लग्न में जन्मा जातक चंचल प्रवृत्ति का होता है. यह कल्पनाओं की उडा़न में व्यस्त रहते हैं. न्यायप्रिय होते हैं तथा मेधावी होते हैं. गोरे रंग के,